भारतीय रूपये का अवमूल्यन : कारण और इतिहास
1947 में भारत की आजादी के बाद से भारतीय रूपये का 3 बार अवमूल्यन हुआ है| 1947 में विनिमय दर 1USD = 1INR था, लेकिन आज आपको एक अमेरिकी डॉलर खरीदने के लिए 66 रुपये खर्च करने पड़ते हैं| मुद्रा के अवमूल्यन का अर्थ “घरेलू मुद्रा के बाह्य मूल्य में कमी होना, जबकि आंतरिक मूल्य का स्थिर रहना” है। कोई भी देश अपने प्रतिकूल भुगतान संतुलन (BOP) को सही करने के लिए अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करता है। यदि कोई देश प्रतिकूल भुगतान संतुलन (BOP) का सामना कर रहा है, तो इस स्थिति में वह अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करता है जिससे उसका निर्यात सस्ता हो जाता है और आयात महंगा हो जाता है।
https://akashraghuwanshi93.blogspot.com/?m=1
विनिमय दर का अर्थ: विनिमय दर का अर्थ दो अलग अलग मुद्राओं की सापेक्ष कीमत है, अर्थात “ एक मुद्रा के सापेक्ष दूसरी मुद्रा का मूल्य”। वह बाजार जिसमें विभिन्न देशों की मुद्राओं का विनिमय होता है उसे विदेशी मुद्रा बाजार कहा जाता है|
विनिमय दर तीन प्रकार के होते हैं
1. अस्थाई विनिमय दर
यह विनिमय दर की वह प्रणाली है जिसमें एक मुद्रा के मूल्य को स्वतंत्र रूप से निर्धारित होने की अनुमति होती है या मुद्रा के मूल्य को किसी मुद्रा की मांग और आपूर्ति के आधार पर निर्धारित किया जाता है, अस्थाई विनिमय दर कहलाती है|
2. स्थिर विनिमय दर
विनिमय दर की वह प्रणाली जिसमें विनिमय दर मांग और आपूर्ति के आधार पर नहीं बल्कि सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है उसे स्थिर विनिमय दर कहते हैं|
https://akashraghuwanshi93.blogspot.com/?m=1
प्रबंधित विनिमय दर: यह विनिमय दर की वह प्रणाली है जिसमें सरकार द्वारा विनिमय दर में 1 से 3 प्रतिशत की उतार-चढ़ाव की अनुमति दी जाती है उसे प्रबंधित विनिमय दर कहते हैं| इस प्रणाली में विनिमय दर न तो स्थिर होता है और न ही स्वतंत्र होता है। इस विनिमय दर के निर्धारण में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का पूरा दखल होता है |
3. सममूल्य प्रणाली
इस प्रणाली के तहत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के प्रत्येक सदस्य देश 1947-1971 तक अपनी मुद्रा का मूल्य सोने या अमेरिकी डॉलर के रूप में व्यक्त करते थे|
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत ने भी आईएमएफ की सममूल्य प्रणाली का पालन किया। 15 अगस्त 1947 को भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के बीच विनिमय दर एक-दूसरे के बराबर थी (अर्थात 1USD = 1INR)|
सितम्बर 1949 में भारतीय रूपये की विनिमय दर 13.33 रूपये/पाउंड स्टर्लिंग एवं 4.75 रूपये/ डॉलर आंकी गई थी| यह विनमय दर जून 1966 तक अपरिवर्तित था, जब रूपये के मूल्य में 36.5% का अवमूल्यन किया गया था एवं भारतीय रूपये की विनिमय दर 21 रूपये/पाउंड स्टर्लिंग या 7.10 रूपये/डॉलर हो गई थी| यह विनिमय प्रणाली 1971 तक जारी रही| जब अमेरिका के पास मौजूद सोने के भंडार में कमी होने लगी तो उसने डॉलर की सोने में परिवर्तनीयता को निलंबित कर दिया था, जिसके कारण ब्रेटनवुड्स प्रणाली समाप्त हो गयी थी|
No comments:
Post a Comment