Saturday, 30 November 2019

करेंट अफेयर्स एक पंक्ति में: 30 नवंबर 2019

करेंट अफेयर्स एक पंक्ति में: 30 नवंबर 2019

• वह भारतीय तीरंदाज जिसने 21वीं एशियाई चैम्पियनशिप की महिला व्यक्तिगत रिकर्व स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपने नाम किया- दीपिका कुमारी
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• हाल ही में जिस शहर में कृषि सांख्यिकी पर 8वाँ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया- दिल्ली

• केंद्र सरकार ने भारत और जिस देश के बीच रणनीतिक साझेदारी परिषद की स्थापना को मंजूरी दी- सऊदी अरब

• हाल ही में शोधकर्ताओं ने अरुणाचल प्रदेश में साँप की एक नई प्रजाति की खोज की है. साँप की इस नई प्रजाति का यह नाम रखा गया है- ट्रेकिसियम आप्टे

• पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को सशर्त जितने महीने का सेवा विस्तार दिया है-6 महीने

• केंद्र सरकार ने मानव तस्केरी रोकने, पीड़ितों को छुड़ाने और उन्हें  स्वदेश भेजने हेतु भारत और जिस देश के बीच द्विपक्षीय सहयोग समझौता ज्ञापन को मंज़ूरी दे दी है- म्यांमार

• हाल ही में जिसने महाराष्ट्र के 19वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली- उद्धव ठाकरे

• जिस देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटाबेय राजपक्षे हाल ही में तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे हैं- श्रीलंका

• सड़क परिवहन मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, हाल ही में बने जिस केंद्रशासित प्रदेश के वाहनों पर अब से उसके अंग्रेज़ी के शुरुआती अक्षर 'LA' वाला नया रजिस्ट्रेशन नंबर होगा- लद्दाख

• खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल संहिता 2017 के विवादास्पद मसौदे की समीक्षा के लिये विशेषज्ञों की जितने सदस्यीय समिति गठित की है-13

Friday, 29 November 2019

भारत में महत्वपूर्ण समितियों और आयोगों की सूची

भारत में महत्वपूर्ण समितियों और आयोगों की सूची

1. अभिजीत सेन समिति (2002): दीर्घकालिक खाद्य नीति
2. आबिद हुसैन समिति: लघु उद्योग पर
3. अजीत कुमार समिति: सेना वेतनमान
4. अथरेया समिति: आईडीबीआई का पुनर्गठन
5. बेसल समिति: बैंकिंग पर्यवेक्षण
6. भूरेलाल समिति: मोटर वाहन कर में वृद्धि
7. बिमल जालान समिति: पूंजी बाजार बुनियादी ढांचा संस्थानों (MII) के कामकाज पर रिपोर्ट
8. बिमल जालान कमेटी (2018): आरबीआई के पास मौजूद कैपिटल रिजर्व की समीक्षा के लिए
9. सी. बाबू राजीव समिति: शिप एक्ट 1908 और शिप ट्रस्ट अधिनियम 1963 में सुधार
10. सी. रंगराजन समिति (2012): गरीबी रेखा के निर्धारण के लिए 
11. चंद्र शेखर समिति: वेंचर कैपिटल
12. चंद्रात्रे समिति की रिपोर्ट (1997): सुरक्षा विश्लेषण और निवेश प्रबंधन
13. K.B. कोर कमेटी: कैश क्रेडिट सिस्टम के संचालन की समीक्षा करने के लिए
14. दवे समिति (2000): असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन योजना
15. दीपक पारेख समिति: पीपीपी मॉडल के माध्यम से बुनियादी ढांचे के लिए वित्त की व्यवस्था
16. सुमा वर्मा समिति (2006): बैंकिंग लोकपाल
17. जी. वी. रामकृष्ण समिति: विनिवेश पर
18. गोइपोरिया समिति: प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों में ग्राहक सेवा में सुधार
19. हनुमंत राव समिति: उर्वरक
20. जे. आर. वर्मा समिति: करंट अकाउंट कैरी फॉरवर्ड प्रैक्टिस

दुनिया में सबसे अधिक हथियार रखने वाले 25 देशों की सूची
21. जानकीरमण समिति: प्रतिभूति लेनदेन
22. जे. जे. ईरानी समिति: कंपनी कानून सुधार
23. के. सी. चक्रवर्ती समिति: भारत में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करने के लिए
24. के. कस्तूरीरंगन (2017): राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए 
25. केलकर समिति (2002): कर संरचना सुधार
26. कोठारी आयोग (1964): भारत में शैक्षिक क्षेत्र के सभी पहलुओं की जांच करना
27. खान वर्किंग ग्रुप: वित्त विकास संस्थान
28. खुसरो समिति: कृषि ऋण प्रणाली
29. कुमारमंगलम बिड़ला रिपोर्ट: कॉरपोरेट गवर्नेंस
30. एमबी शाह कमेटी: विदेशों में जमा काले धन की जांच के लिए
31. महाजन समिति (1997): चीनी उद्योग
32. मालेगाम समिति: प्राथमिक बाजार में सुधार और यूटीआई का पुनर्गठन
33. मल्होत्रा समिति: बीमा क्षेत्र की व्यापक रूपरेखा
34. मराठे समिति: शहरी सहकारी बैंकों के विकास में बाधाओं को दूर करना 
35. माशेलकर समिति (2002): ऑटो ईंधन नीति
36. मैकिन्से रिपोर्ट: एसबीआई के साथ 7 एसोसिएट बैंकों का विलय
37. मीरा सेठ समिति: हथकरघा का विकास
38. नचिकेत मोर समिति: छोटे व्यवसायों और कम आय वाले परिवारों को वित्तीय सेवा से जोड़ना 
39. नरसिम्हन समिति (1991): बैंकिंग क्षेत्र सुधार
40. एन.एन. वोहरा समिति (1993): संगठित अपराधियों, माफिया और नेताओं के बीच के संबंधों की जांच के लिए
41. पारेख समिति: इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग
42. पर्सी मिस्त्री समिति: मुंबई को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र बनाना
43. पी. जे. नायक समिति: बैंकों के बोर्ड के शासन का मूल्यांकन करने और निदेशकों, साथ ही साथ उनके कार्यकाल का चयन करने के लिए मानदंडों की जांच करना
44. प्रसाद पैनल: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और सेवाएँ
45. राधा कृष्णन आयोग (1948): विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना
46. आर. वी. गुप्ता समिति: लघु बचत
47. राजा चेल्या समिति: कर सुधार
48. रेखी समिति: अप्रत्यक्ष कर
49. आर.वी. गुप्ता समिति: कृषि ऋण
50. सरकारिया आयोग: केंद्र-राज्य संबंध
51. के. संथानम समिति: सीबीआई की स्थापना
52. एस. पी. तलवार समिति: कमजोर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक का पुनर्गठन
53. सुरेश तेंदुलकर समिति: गरीबी रेखा को पुनर्परिभाषित करना और उसकी गणना सूत्र
54. सप्त ऋषि समिति (जुलाई 2002): घरेलू चाय उद्योग का विकास
55. शाह समिति: गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NFBCs) से संबंधित सुधार
56. शिवरामन समिति (1979): नाबार्ड की स्थापना
57. एस.एन. वर्मा समिति (1999): वाणिज्यिक बैंकों का पुनर्गठन
58. स्वामीनाथन आयोग (2004): किसानों के सामने आने वाली समस्याओं का पता लगाना
59. सुखमय चक्रवर्ती समिति (1982): भारतीय मौद्रिक प्रणाली के कामकाज का आकलन करने के लिए
60. टंडन समिति: बैंकों द्वारा कार्यशील पूंजी वित्तपोषण की प्रणाली
61. तारापोर समिति (1997): पूंजी खाता परिवर्तनीयता पर रिपोर्ट
62. उदेश कोहली समिति: विद्युत क्षेत्र में फण्ड की आवश्यकता का विश्लेषण
63. यू.के. शर्मा समिति: आरआरबी में नाबार्ड की भूमिका
64. वाघुल समिति: भारत में मुद्रा बाजार
65. वासुदेव समिति: एनबीएफसी सेक्टर में सुधार
66. वाई. बी. रेड्डी समिति (2001): आयकर छूट की समीक्षा
67. न्यायमूर्ति ए.के. माथुर आयोग: 7 वां वेतन आयोग
68. बलवंतराय मेहता समिति (1957): पंचायती राज संस्थाएँ

Study Materials For All Banking Exams 2019

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Study Materials For All Banking Exams 2019-20 : Check Here

◼️Arihant Publications Banking
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◼️Quantum CAT E-Book
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◼️Logical Reasoning Arun Sharma
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◼️Verbal Ability Arun Sharma
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◼️Banking Awareness
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◼️Arihant Computer E-Book
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◼️Objective English Arihant SP Bakshi
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◼️Wiley English
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◼️Wiley Reasoning
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◼️Quantitative Aptitude By Arun Sharma
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◼️Arihant Test Of Reasoning
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◼️Rakesh Yadav Class Notes
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◼️Quicker Maths By M Tyra
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◼️Quicker Maths Practice Book By M Tyra
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◼️Number System By Nishit k Sinha
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◼️Kundan Quantitative Aptitude
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◼️Kundan Reasoning Aptitude
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◼️Kundan English Material
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◼️Banking And Computer
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Friday, 15 November 2019

RRB NTPC: सिंधु घाटी सभ्‍यता के महत्वपूर्ण तथ्य

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RRB NTPC: सिंधु घाटी सभ्‍यता के महत्वपूर्ण तथ्य

छात्रों की सहायता करने और उनकी तैयारी को बढ़ावा देने के लिए, हम यहां सिंधु घाटी सभ्यता के नोटों के साथ हैं जो आपकी तैयारी को बढ़ावा देंगे। अंत में कुछ महत्वपूर्ण एक-लाइनर भी हैं जो पहले परीक्षा में पूछे गए हैं।

सिंधु घाटी सभ्‍यता के महत्वपूर्ण तथ्य 

जॉन मार्शल, ‘सिंधु घाटी सभ्‍यता’ शब्‍द का प्रयोग करने वाले पहले विद्वान थे। सभ्‍यता का विकास 2500 ईसा पूर्व – 1750 ईसा पूर्व में हुआ।

भौगोलिक विस्‍तार

सीमा: सिन्धु घाटी सभ्यता, पश्चिम में सुत्कागंदोर (बलुचिस्तान) से पूर्व में आलमगिरपुर (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) तक और उत्तर में मंडु (जम्मू) से दक्षिण में डायमाबाद (अहमदनगर, महाराष्ट्र) तक फैली हुई हैं ।

प्रमुख शहर

शहरनदीपुरातात्‍विक महत्‍व
हड़प्‍पा (पाकिस्तान)रावी6 अनाजों की एक पंक्‍ति, देवी माता की मूर्ति
मोहनजोदड़ो (पाकिस्तान)सिंधुअनाज, बृहत स्‍नानागार, पशुपति महादेव की मूर्ति, दाढ़ी वाले आदमी की मूर्ति और एक नर्तकी की कांस्‍य की मूर्ति
लोथल (गुजरात)भोगवाबंदरगाह शहर, दोहरी कब्रगाह, टेराकोटा की अश्‍व की मूर्तियां
चन्‍हूदड़ो (पाकिस्तान)सिंधुबिना दुर्ग का शहर
धौलावीरा (गुजरात)सिंधुतीन भागों में विभाजित शहर
कालिंबंगा (राजस्थान)घग्घरजुते हुए खेत
बनवाली (हरियाणा)घग्घर-
सुत्कागंदोर (पाकिस्तान)--
सुकोताडा (पाकिस्तान)--

शहर योजना एवं संरचना

  • शहर योजना की ग्रिड प्रणाली (शतरंज-बोर्ड)
  • ईंट की पंक्‍तियों वाले स्‍नानागार और सीढियों वाले कुओं के साथ आयताकार घर पाए गए हैं।
  • पकी ईंटों का इस्‍तेमाल
  • भूमिगत जल निकास व्‍यवस्‍था
  • किलाबंद दुर्ग
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सिंधु घाटी सभ्‍यता की कृषि

  • हिन्‍डन- कपास- प्रमुख व्‍यापार- कपास का उत्‍पादन करने वाले प्रारंभिक लोग
  • चावल भूसी के साक्ष्‍य पाए गए
  • गेहूं और जौ की खेती प्रमुख रूप से पाई गई।
  • लकड़ी के खंभों का प्रयोग। उन्‍हें लोहे के औजारों की कोई जानकारी नहीं थी।

पशुपालन

  • बैल, भैंस, बकरी, भेंड़ और सुअर का पालन किया जाता था।
  • गधे और ऊंट का प्रयोग बोझा ढ़ोने में किया जाता था।
  • हाथी और गेंडे की जानकारी थी।
  • सुतकांगेडोर में घोड़ों के अवशेष और मोहनजोदड़ो और लोथल में घोड़े के साक्ष्‍य भी प्राप्‍त हुए हैं। लेकिन सभ्‍यता घोड़े पर केंद्रित नहीं थी।

प्रौद्योगिकी और शिल्‍पकला

  • कांस्‍य (तांबे और टिन) का व्‍यापक प्रयोग
  • पत्‍थर के औजारों का प्रचलन
  • कुम्‍हार द्वारा निर्मित पहियों का पूर्णत: उपयोग
  • कांस्‍य आभूषण, सोने के आभूषण, नाव-बनाने, ईंट बिछाने आदि अनेक व्‍यवसाय पाए गए थे।

व्‍यापार: सिंधु घाटी सभ्‍यता

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  • अनाज, वज़न और माप, सील्‍स और यूनीफार्म स्‍क्रिप्‍ट की उपस्‍थिति व्‍यापार के महत्‍व का प्रतीक है।
  • वस्‍तु-विनिमय प्रणाली का व्‍यापक उपयोग।
  • लोथल, सुतकांगेडोर व्‍यापार के लिए प्रयोग किए जाने वाले बंदरगाह शहर थे।
  • व्‍यापार स्‍थल- अफगानिस्‍तान, ईरान और मध्‍य एशिया। मैसोपोटामिया सभ्‍यता से संपर्क के भी दर्शन होते हैं।

राजनीतिक संगठन

  • एक मजबूत केंद्रीय प्राधिकरण के माध्‍यम से प्राप्‍त सांस्‍कृतिक एकरूपता
  • किसी मंदिर या धार्मिक संरचना की उपस्‍थिति के साक्ष्‍य नहीं पाए गए। हड़प्‍पा संभवत: व्‍यापारिक वर्ग द्वारा शासित था।
  • हथियारों का प्रयोग के ज्‍यादा साक्ष्‍य नहीं मिले

धार्मिक प्रथाएं

  • देवी माता की टेराकोटा की मूर्ति
  • फल्‍लू और योनि पूजा
  • पशुपति महादेव की मूर्ति उनके पैरों के पास दो हिरण सहित हाथी, बाघ, गेंडे और एक सांड से घिरी हुई पाई गई।

पेड़ और पशु पूजा

  • पीपल के पेड़ की पूजा के साक्ष्‍य मिले
  • गेंडे के रूप में एक सींग वाले यूनीकॉर्न और कूबड़ वाले सांड़ की पूजा सामान्‍य रूप से दिखती थी।
  • भूत और आत्‍माओं को भगाने के लिए ताबीज का प्रयोग

हड़प्‍पा की लिपि: सिंधु घाटी सभ्‍यता

  • हड़प्‍पा की लिपि पिक्‍टोग्राफिक (Pictographic) ज्ञात थी लेकिन अब तक इसकी व्‍याख्‍या नहीं की गई है।
  • ये पत्‍थरों पर मिलती है और केवल कुछ शब्‍द ही प्राप्‍त हुए हैं
  • हड़प्‍पा की लिपि भारतीय उप-महाद्वीप में सबसे पुरानी लिपि है

वजन एवं मापन

  • व्‍यापार और वाणिज्‍य आदि में निजी संपत्‍ति के खातों की जानकारी को रखने के लिए मानकीकृत भार और मापन की इकाई का उपयोग
  • तौल की इकाई 16 के गुणज में थी

हड़प्‍पा में मिट्टी के बर्तन

  • पेंड़ों और गोलों की आकृति सहित अच्‍छी तरह निर्मित मिट्टी के बर्तनों की तकनीक
  • लाल रंग के बर्तनों पर काले रंग के डिजाइन का चित्रण

सील्‍स

  • सील्‍स का प्रयोग व्‍यापार या पूजा के लिए किया जाता था।
  • सील्‍स पर भैंस, सांड़, बाघ आदि के चित्र पाए गए हैं

चित्र

  • एक नग्‍न महिला की कांस्‍य की प्रतिमा और दाढ़ी वाले आदमी की शैलखटी (steatite) प्रतिमा मिली है

टेराकोटा मूर्तियां

  • टेराकोटा- आग में पकी मिट्टी
  • खिलौनों या पूजा की वस्‍तुओं के रूप में उपयोग
  • हड़प्‍पा में पत्‍थर का भारी काम देखने को नहीं मिला, जो पत्‍थर के खराब कलात्‍मक कार्यों को दर्शाता है

उत्‍पत्‍ति, परिपक्‍वता और पतन

  • पुरानी-हड़प्‍पा बस्‍तियां- नीचे का सिंध प्रांत, बलूचिस्‍तान और कालीबंगन
  • परिपक्‍व हड़प्‍पा- 1900 ईसा पूर्व- 2500 ईसा पूर्व
  • सभ्‍यता के पतन के कारण
  1. निकट के रेगिस्‍तान के विस्‍तार के कारण खारेपन में बढ़ोत्‍तरी के फलस्‍वरूप प्रजनन क्षमता में कमी
  2. भूमि के उत्‍थान में अचानक गिरावट से बाढ़ का आना
  3. भूकंपों ने सिंधु सभ्‍यता के दौरान परिवर्तन किए
  4. हड़प्‍पा सभ्‍यता आर्यों के हमलों से नष्‍ट हो गई

बाद का शहरी चरण (Post-urban Phase) (1900 ईसा पूर्व- 1200 ईसा पूर्व)

  • उप- सिंधु सभ्‍यता (Sub-Indus Culture)
  • प्राथमिक ताम्र
  • बाद की हड़प्‍पा सभ्‍यता के विभिन्‍न चरणों में अहार सभ्‍यता, मालवा सभ्‍यता और जार्व (Jorwe) सभ्‍यता का विकास




Thursday, 14 November 2019

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है। क्योंकि कोई भी पार्टी आपस में बात करके सरकार नहीं बना सकी ।

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🌎 महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है। क्योंकि कोई भी पार्टी आपस में बात करके सरकार नहीं बना सकी ।

✅ आइये पढ़ते हैं राष्ट्रपति शासन में क्या क्या होता है। : टारगेट अड्डा

🏜🏜  राष्ट्रपति शासन 🏜🏜

✅ राष्ट्रपति शासन की संवैधानिक व्यवस्था

● राष्ट्रपति शासन से जुड़े प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 356 में दिए गए हैं. आर्टिकल 356 के मुताबिक राष्ट्रपति किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं यदि वे इस बात से संतुष्ट हों कि राज्य सरकार संविधान के विभिन्न प्रावधानों के मुताबिक काम नहीं कर रही है. ऐसा जरूरी नहीं है कि राष्ट्रपति उस राज्य के राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर ही यह फैसला लें. यह अनुच्छेद एक साधन है जो केंद्र सरकार को किसी नागरिक अशांति जैसे कि दंगे जिनसे निपटने में राज्य सरकार विफल रही हो की दशा में किसी राज्य सरकार पर अपना अधिकार स्थापित करने में सक्षम बनाता है. संविधान में इस बात का भी उल्लेख है कि राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के दो महीनों के अंदर संसद के दोनों सदनों द्वारा इसका अनुमोदन किया जाना जरूरी है. यदि इस बीच लोकसभा भंग हो जाती है तो इसका राज्यसभा द्वारा अनुमोदन किए जाने के बाद नई लोकसभा द्वारा अपने गठन के एक महीने के भीतर अनुमोदन किया जाना जरूरी है.

🌎 बहुमत के अभाव में राष्ट्रपति शासन 🌏

जब किसी सदन में किसी पार्टी या गठबंधन के पास स्पष्ट बहुमत ना हो . राज्यपाल सदन को 6 महीने की अवधि के लिए 'निलंबित अवस्था' में रख सकते हैं. 6 महीने के बाद, यदि फिर कोई स्पष्ट बहुमत प्राप्त ना हो तो उस दशा में पुन: चुनाव आयोजित किए जाते हैं.

‼️📢 राष्ट्रपति शासन की अवधि

◆ यदि संसद के दोनों सदनों द्वारा राष्ट्रपति शासन का अनुमोदन कर दिया जाता है तो राष्ट्रपति शासन 6 माह तक चलता रहेगा. इस प्रकार 6-6 माह कर इसे 3 वर्ष तक आगे बढ़ाया जा सकता है.

🌏 क्यों कहते हैं राष्ट्रपति शासन 🌏

◆इसे राष्ट्रपति शासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि, इसके द्वारा राज्य का नियंत्रण एक निर्वाचित मुख्यमंत्री की जगह सीधे भारत के राष्ट्रपति के अधीन आ जाता है. लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से राज्य के राज्यपाल को केंद्रीय सरकार द्वारा कार्यकारी अधिकार प्रदान किए जाते हैं. प्रशासन में मदद करने के लिए राज्यपाल सलाहकारों की नियुक्ति करता है, जो आम तौर पर सेवानिवृत्त सिविल सेवक होते हैं. आमतौर पर इस स्थिति में राज्य में केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की नीतियों का अनुसरण होता है.
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✅ क्या होते हैं बदलाव ✅

★- राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली मंत्रीपरिषद् को भंग कर देते हैं.
★- राष्ट्रपति, राज्य सरकार के कार्य अपने हाथ में ले लेते हैं और उसे राज्यपाल और अन्य कार्यकारी अधिकारियों की शक्तियां प्राप्त हो जाती हैं.
★- राज्य का राज्यपाल, राष्ट्रपति के नाम पर राज्य सचिव की सहायता से अथवा राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किसी सलाहकार की सहायता से राज्य का शासन चलाता है. यही कारण है कि अनुच्छेद 356 के अंतर्गत की गई घोषणा को राष्ट्रपति शासन कहा जाता है.
★- राष्ट्रपति, घोषणा कर सकता है कि राज्य विधायिका की शक्तियों का प्रयोग संसद करेगी.
★ - संसद ही राज्य के विधेयक और बजट प्रस्ताव को पारित करती है.
★ - संसद को यह अधिकार है कि वह राज्य के लिए कानून बनाने की शक्ति राष्ट्रपति अथवा उसके किसी नामित अधिकारी को दे सकती है.
 ★- जब संसद नहीं चल रही हो तो राष्ट्रपति, 'अनुच्छेद 356 शासित राज्य' के लिए कोई अध्यादेश जारी कर सकता है.


Sunday, 3 November 2019

भारतीय इतिहास की समयरेखा

RRB NTPC: भारतीय इतिहास की समयरेखा

सामान्य जागरूकता में इतिहास सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से एक है। कई छात्रों को इस विषय से प्रश्नों को हल करने के तरीके के बारे में जानना मुश्किल है। इसके लिए व्यक्ति को विषय का गहन ज्ञान होना चाहिए। विषय को सरल बनाने के लिए हमने भारतीय इतिहास की एक समयरेखा प्रदान की है। यह समयावधि आपको भारत के उस समय के दौरान हुई महत्वपूर्ण घटनाओं का एक संक्षिप्त इतिहास प्रदान करेगी।

प्राचीन भारत

वर्षघटनामहत्‍व
2 मिलियन ईसा पूर्व से 10,00 ईसा पूर्व
2 मिलियन ईसा पूर्व से 50,000 ईसा पूर्व
50,000 ईसा पूर्व से 40,000 ईसा पूर्व
40,000 ईसा पूर्व से 10,000 ईसा पूर्व
पाषाण काल
पूर्व पाषाण काल
मध्‍य पाषाण काल
अपर पाषाण काल
आग की खोज
चूने पत्‍थर से बने औजारों का प्रयोग किया गया। इनके अवशेष छोटा नागपुर पठार और कर्नूल जिले में प्राप्‍त हुए हैं।
10,000 ईसा पूर्व सेमध्य पाषाण कालशिकारी और चरवाहे
सूक्ष्‍मपाषाण औजारों का प्रयोग
7000 ईसा पूर्वनव पाषण कालअनाज उत्‍पादक
पॉलिश उपकरणों का प्रयोग
पूर्व-हड़प्‍पा काल – 3000 ईसा पूर्वताम्र युगप्रथम धातु – तांबे का प्रयोग
2500 ईसा पूर्वहड़प्‍पा कालकांस्‍ययुगीन सभ्‍यता,
शहरी सभ्‍यता का विकास
1500 ईसा पूर्व-1000 ईसा पूर्वपूर्व-वैदिक कालऋगवैदिक काल
1000 ईसा पूर्व-500 ईसा पूर्वउत्‍तर वैदिक कालमहाजनपदों की स्‍थापना के साथ दूसरे शहरी चरण का विकास
600 ईसा पूर्व – 325 ईसा पूर्वमहाजनपद16 राज्‍यों के साथ विशेष राजतंत्र स्‍थापित हुए
544 ईसा पूर्व – 412 ईसा पूर्वहरयण्‍क वंशबिम्‍बसार, अजातशत्रू और उदयिन
412 ईसा पूर्व – 342 ईसा पूर्वशिशुनाग वंशशिशुनाग और कालाशोक
344 ईसा पूर्व – 323 ईसा पूर्वनन्‍द वंशमहापद्मनंद
563 ईसा पूर्वगौतम बुद्ध का जन्‍मबौद्ध धर्म की स्‍थापना
540 ईसा पूर्वमहावीर का जन्‍मजैन धर्म के 24वें तीर्थंकर
518 ईसा पूर्वपार्सियों का आक्रमणडैरियस
483 ईसा पूर्वप्रथम बुद्ध परिषदराजगीर
383 ईसा पूर्वद्वितीय बुद्ध परिषदवैशाली
326 ईसा पूर्वमेसोडोनियाई आक्रमणग्रीक और भारत के मध्‍य सीधा संपर्क
250 ईसा पूर्वतृतीय बुद्ध परिषदपाटलीपुत्र
322 ईसा पूर्व – 185 ईसा पूर्व
322 ईसा पूर्व – 298 ईसा पूर्व
298 ईसा पूर्व – 273 ईसा पूर्व
273 ईसा पूर्व – 232 ईसा पूर्व
232 ईसा पूर्व – 185 ईसा पूर्व
मौर्य काल
चंद्रगुप्‍त मौर्य
बिंदुसार
अशोक
उत्‍तरवर्ती मौर्य
भारत का राजनैतिक एकीकरण, अशोक की धम्‍म नीति, कला और वास्‍तुशिल्‍प का विकास
185 ईसा पूर्व – 73 ईसा पूर्वशुंग वंशपुष्‍यमित्र शुंग
73 ईसा पूर्व – 28 ईसा पूर्वकण्‍व वंशवासुदेव ने वंश की स्‍थापना की
60 ईसा पूर्व – 225 ईसवीसातवाहन वंशराजधानी- पैथान, महाराष्‍ट्र
2 ईसा पूर्वइंडो-यूनानीमिनांडर (165 ईसा पूर्व -145 ईसा पूर्व)
1 ईसा पूर्व – 4 ईसवीशकरुद्रदामन (130 ईसवी – 150 ईसवी)
1 ईसा पूर्व – 1 ईसवीपारसीगोंडोफेरेन्‍स के शासन में सेंट थॉमस भारत आए
1 ईसवी -4 ईसवीकुषाणकनिष्‍क (78 ईसवी – 101 ईसवी)
72 ईसवीचतुर्थ बुद्ध परिषदकश्‍मीर
3 ईसा पूर्व – 3 ईसवीसंगम कालसंगम संघ सम्‍मेलन, चेर, चोल और पांड्य शासक
319 ईसवी – 540 ईसवी
319 – 334 ईसवी
335 – 380 ईसवी
380 – 414 ईसवी
415 – 455 ईसवी
455 – 467 ईसवी
गुप्‍त काल
चंद्रगुप्‍त I
समुद्रगुप्‍त
चंद्रगुप्‍त II
कुमारगुप्‍त
स्‍कंदगुप्‍त
319 ईसवी – गुप्‍त काल
भारत का स्‍वर्ण युग
विविध कला एवं साहित्‍य का विकास
मंदिर निर्माण की नगाड़ा शैली
550 ईसवी – 647 ईसवीवर्धन वंशहर्ष (606-647 ईसवी)
कन्‍नौज और प्रयाग सभा का आयोजन हुआ
हुएन-शांग हर्ष के काल में आया
543 – 755 ईसवीवातापी के चालुक्‍यवि‍सरा कला का विकास
575 - 897 ईसवीकांची के पल्‍लवद्रविड़ शैली में मंदिर निर्माण की शुरूआत

मध्‍यकालीन भारत

प्रारंभिक मध्‍यकाल (650 – 1206 ईसवी)
वर्षघटनामहत्‍व
750 – 1150 ईसवीपाल का शासनमुंगेर, बिहार में राजधानी
752 – 973 ईसवीराष्‍ट्रकूटमालखेड़ में राजधानी
730 – 1036 ईसवीप्रतिहारपश्चिमी भारत पर शासन किया
712 ईसवीप्रथम मुस्लिम आक्रमणमहमूद बिन कासिम ने भारत पर आक्रमण किया
850 – 1279 ईसवीचोलराजधानी-तंजौर, द्रविण स्‍थापत्‍य कला का स्‍वर्ण काल
998 – 1030 ईसवीप्रथम तुर्की आक्रमणगजनी के महमूद
1175 – 1206 ईसवीद्व‍ितीय तुर्की आक्रमणगोरी के महमूद
1178 – 1192 ईसवीपृथ्‍वीराज चौहानपृथ्‍वीराज और मुहम्‍मद गोरी के मध्‍य 1191 में तराइन का प्रथम युद्ध
1192, तराइन का द्वितीय युद्ध

सल्‍तनत काल (1206 – 1526 ईसवी)

गुलाम वंश
1206 – 1210 ईसवीकुतुबद्दीन ऐबकलाल बख्‍़स के नाम से ज्ञात, कुतुबमीनार की नींव
1211 – 1236 ईसवीशमशुद्दीन इल्‍तुतमिश़दिल्‍ली
1236 – 1240 ईसवीरज़िया सुल्‍तानभारत पर शासन करने वाली पहली और एकमात्र मुस्लिम महिला
1240 – 1266 ईसवीकमजोर उत्‍तराधिकारी
1266 – 1287 ईसवीगियासुद्दीन बलबनदीवान-ए-अर्ज की स्‍थापना

खि‍लजी वंश

1290 – 1296 ईसवीजलालुद्दीन ख़ि‍लजीखि‍लजी वंश के संस्‍थापक
1296 – 1316 ईसवीअलाउद्दीन ख़ि‍लजीकईं प्रशासनिक सुधार किए, द़ाग और चेहरा पद्धति की शुरूआत की

तुगलक वंश

1320 – 1325 ईसवीगियासुद्दीन तुगलकसंस्‍थापक
1325 – 1351 ईसवीमोहम्‍मद-बिन-तुगलकप्रशासनिक सुधार लेकर आए और कईं महत्‍वाकांक्षी परियोजनाओं को लागू किया
1351 – 1388 ईसवीफिरोजशाह तुगलकमहान शहरों की स्‍थापना की
1398 – 1399 ईसवीतैमूर आक्रमणचंगेज खां के वंशज तैमूर ने मुहम्‍मद शाह तुगलक के शासनकाल में आक्रमण किया

लोधी वंश 1451 – 1526 ईसवी

1451 – 1488 ईसवीबहलोल लोदीलोदी वंश की स्‍थापना
1489 – 1517 ईसवीसिकंदर लोदीआगरा शहर की स्‍थापना की
1517 – 1526 ईसवीइब्राहिम लोदीबाबर ने पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी को पराजित किया

 विजयनगर और बहमनी राज्‍य

विजयनगर राज्‍य
1336 – 1485 ईसवीसंगम वंशहरिहर और बुक्‍का द्वारा स्‍थापना
1485 – 1505 ईसवीसुलुव वंशसलुव नरसिम्‍हा
1505 – 1570 ईसवीतुलुव वंशवीर नरसिम्‍हा
1509 – 1529 ईसवीकृष्‍ण देव रॉयबाबर के समकालीन एक प्रतिभाशाली विद्वान
1570 – 1650 ईसवीअरावीडू वंशतिरुमल द्वारा स्‍थापित
बहमनी राज्‍य
1347 – 1358 ईसवीअलाउद्दीन हसन बहमन शाहगुलबर्गा में बहमनी साम्राज्‍य की स्‍थापना की
1397 – 1422 ईसवीताज-उद्दीन फिरोज शाह
1422 – 1435 ईसवीअहमद शाह वली
 मुगल साम्राज्‍य
1526 – 1530 ईसवीबाबरपानीपत के प्रथम युद्ध के बाद मुगल साम्राज्‍य की स्‍थापना की
1530 – 1540 ईसवी
1555 – 1556 ईसवी
हुमांयुशेरशाह सूरी द्वारा पराजित
1540 – 1555 ईसवीसूर साम्राज्‍यशेरशाह ने हुमांयु को हराया और 1540-45 ईसवी तक शासन किया
1556 ईसवीपानीपत की दूसरी लड़ाईअकबर बनाम हेमू
1556 – 1605 ईसवीअकबरदीन-ए-इलाही की स्‍थापना की,
मुगल साम्राज्‍य का विस्‍तार किया
1605 – 1627 ईसवीजहांगीरकैप्‍टन विलियम हॉकिन्‍स और सर थॉमस रो, मुगल दरबार में पधारे
1628 -1658 ईसवीशाहजंहामुगल साम्राज्‍य एवं कला और स्‍थापत्‍य का उत्‍कृष्‍ट समय
1658 – 1707 ईसवीऔरंगजेबमुगल साम्राज्‍य के पतन की शुरूआत
1707 – 1857 ईसवीउत्‍तरवर्ती मुगलशासकअंग्रेजों के ताकतवर बनने के साथ ही मुगल साम्राज्‍य में फूट

मराठा राज्‍य और मराठा संघ

मराठा राज्‍य 1674 – 1720 ईसवी
1674 – 1680 ईसवीशिवाजीऔरंगजेब के समकालीन और दक्‍कन में मुगलों की सबसे बड़ी चुनौती
1680 – 1689 ईसवीशंभाजी
1689 – 1700 ईसवीराजाराम
1700 – 1707 ईसवीताराबाई
1707 – 1749 ईसवीसाहूपेशवा का उदय
1713 – 1720 ईसवीबालाजी विश्‍वनाथप्रथम पेशवा
मराठा संघ 1720 – 1818 ईसवी
1720 – 1740 ईसवीबाजी राव I
1740 – 1761 ईसवीबालाजी बाजी राव
1761 ईसवीपानीपत का तृतीय युद्धअहमद शाह अब्‍दाली द्वारा मराठों की हार
1761 – 1818 ईसवीउत्‍तरवर्ती शासक
 आंग्‍ल-मराठा युद्ध
1775 – 1782 ईसवीप्रथम आंग्‍ल-मराठा युद्धब्रिटिश की हार
1803 – 1806 ईसवीद्वितीय आंग्‍ल-मराठा युद्धमराठों की हार हुई और उन्‍होंने सहायक संधि पर हस्‍ताक्षर किए
1817 – 1818 ईसवीतृतीय आंग्‍ल-मराठा युद्धमराठों की निर्णायक रूप से हार हुई

आधुनिक भारत

बंगाल
1717 – 1727 ईसवीमुर्शिद कुली खानबंगाल की राजधानी मुर्शिदाबाद स्‍थानांतरित की गई
1727 – 1739 ईसवीशुजाउद्दीन
1739 – 1740 ईसवीसरफ़राज खान
1740 – 1756 ईसवीअलिवर्दी खान
1756 – 1757 ईसवीसिराजुद्दौलाप्‍लासी की लड़ाई
1757 – 1760 ईसवीमीर ज़ाफर
1760 – 1764 ईसवीमीर कासिमबक्‍सर का युद्ध
 मैसूर
1761 – 1782 ईसवीहैदर अलीआधुनिक मैसूर राज्‍य की स्‍थापना
1766 – 1769 ईसवीप्रथम आंग्‍ल-मैसूर युद्धहैदर अली ने अंग्रेजों को हराया
1780 – 1784 ईसवीद्वितीय आंग्‍ल-मैसूर युद्धहैदर अली की सर आयरकूट के हाथों पराजय हुई
1782 – 1799 ईसवीटीपू सुल्‍तानद्वितीय युद्ध जारी रहा
1790 – 1792 ईसवीतृतीय आंग्‍ल-मैसूर युद्धटीपू ने आधे से अधिक राज्‍य जीत लिया
1799चतुर्थ आंग्‍ल-मैसूर युद्धटीपू सुल्‍तान की मृत्‍यु

 पंजाब

1792 – 1839 ईसवीमहाराज रणजीत सिंहसिक्‍ख शासन की स्‍थापना
1845 – 1846 ईसवीप्रथम आंग्‍ल-सिक्‍ख युद्धसिक्‍ख पराजित हुए
1848 – 1849 ईसवीद्वितीय आंग्‍ल-सिक्‍ख युद्धडलहौजी ने पंजाब का विलय किया

 भारत में यूरोपीयों का आगमन

1498पुर्तगाली ईस्‍ट इंडिया कंपनीकोचीन और गोवा में मुख्‍यालय स्‍थ‍ापित किए
1600ब्रिटिश ईस्‍ट इंडिया कंपनीमद्रास, कलकत्‍ता और बम्‍बई
1602डच ईस्‍ट इंडिया कंपनीपुलिकट, नागापट्टनम
1616डैनिश ईस्‍ट इंडिया कंपनीसेराम्‍पोर
1664फ्रेंच ईस्‍ट इंडिया कंपनीपांडिचेरी

 कर्नाटक युद्ध

1746-48प्रथम आंग्‍ल-फ्रांस युद्धएक्‍स-ला-चापल की संधि
1749-54द्व‍ितीय आंग्‍ल-फ्रांस युद्धपांडिचेरी की संधि
1758-63तृतीय आंग्‍ल-फ्रांस युद्धपेरिस की संधि

स्‍वतंत्रता संघर्ष

1857प्रथम भारतीय स्‍वतंत्रता संग्राम युद्धसामाजिक-धार्मिक और आर्थिक कारणों के कारण क्रांति
1885कांग्रेस का गठनए. ओ. ह्यूम
1885 – 1905नरमपंथी कालदादाभाई नारौजी और सुरेन्‍द्रनाथ बनर्जी का प्रभुत्‍व
1905 – 1917चरमपंथी काललाल-बाल-पाल और अरविंदो घोष का प्रभुत्‍व
1905बंगाल विभाजनकर्ज़न द्वारा बंगाल विभाजन की घोषणा
1905 – 1908स्‍वदेशी आंदोलनविदेशी वस्‍तुओं का बहिष्‍कार
1906मुस्लिम लीग का गठन
1906INC का कलकत्‍ता सत्र
(INC: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
स्वराज को लक्ष्‍य बनाया गया
1907सूरत विभाजनपूरे भारत में आंदोलन के विस्‍तार पर प्रश्‍न
1909मार्ले-मिंटो सुधारमुस्लिमों के लिए पृथक निर्वाचन
1915 – 1916होमरूल आंदोलनबाल गंगाधर तिलक और ऐनी बेसेंट
1916लखनऊ समझौताकांग्रेस और लीग के मध्‍य समझौता
1916लखनऊ सत्रकांग्रेस में चरमपंथियों का प्रवेश

गांधी काल

प्रारंभि‍क जीवन
1893 – 1914दक्षिण अफ्रीका में गांधी जीनैटल इंडियन कांग्रेस की स्‍थापना की, अंग्रेजों की ज्‍यादतियों के खिलाफ सत्‍याग्रह और सी.डी.एम.
1915 – 1948भारत में गांधी जी
1915बंबई पहुंचे। प्रथम दो वर्ष भारत का भ्रमण किया और किसी राजनैतिक आंदोलन में भाग नहीं लिया
1917चंपारण अभियाननील की खेती के किसानों के समर्थन में
1918अहमदाबादप्रथम भूख हड़ताल
1918खेड़ाप्रथम असहयोग आंदोलन
1919रॉलेट सत्‍याग्रहरॉलेट एक्‍ट और जलियावाला बाग नरसंहार के खिलाफ
1920-22असहयोग और खिलाफ़त आंदोलन
1924बेलगांव सत्रगांधी जी कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्‍त हुए
1930 -34नागरिक अवज्ञा आंदोलनदांडी यात्रा
गांधी-इरविन समझौता
द्वितीय गोलमेज सम्‍मेलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन फिर से चालू हुआ
1940-41व्‍यक्तिगत सत्‍याग्रह
1942भारत छोड़ो आंदोलनकरो या मरो
इस काल के दौरान महत्‍वपूर्ण घटनाएं
1919रॉलेट एक्‍टगांधी जी ने रॉलेट सत्‍याग्रह का आवाहन किया
1919जलियावाला बाग नरसंहार
1920-22खिलाफ़त और असहयोग आंदोलनहिंदु मुस्लिम एकता
1922चौरी चौरा कांडगांधी जी ने एन.सी.एम. वापिस लिया
1923कांग्रेस खिलाफ़त स्‍वराज दिवसविधायी परिषद में प्रवेश
1927साइमन कमीशन1919 अधिनियम की समीक्षा करने के लिए सभी श्‍वेत कमीशन
1928नेहरू समिति की रिपोर्टसंविधान के सिद्धांत तय करने के लिए
1929जिन्‍ना के 14 सूत्र
1929लाहौर सत्रपूर्ण स्‍वराज
1930नागरिक अवज्ञा आंदोलनदांडी यात्रा
1931गांधी-इरविन समझौतागांधी जी ने दूसरे गोलमेज सम्‍मेलन में भाग लिया
1931लंदन में दूसरा गोलमेज सम्‍मेलन आयोजित हुआ
1932साम्‍प्रदायिक पंचाट
1932पूना समझौता
1935भारत सरकार अधिनियमअंनतिम स्‍वायत्‍ता
1937कांग्रेस का 18 महीने का शासन शुरू हुआ
1939-45द्वितीय विश्‍व युद्ध की शुरूआत
1939कांग्रेस मंत्रियों ने इस्‍तीफा दिया
1940अगस्‍त प्रस्‍तावलिनलिथगो ने विश्‍व युद्ध में भारत से सहायता करने के लिए आग्रह किया
1941व्‍यक्तिगत सत्‍याग्रह
1942क्रिप्‍स मिशन
1942भारत छोड़ो आंदोलन
1943गांधी जी का 21 दिन का उपवास
1944सी. आर. सूत्र
1945वॉवेल योजना और शिमला समझौता
1945आई.एन.ए मुकदमा
1946आर.आई.एन. रेटिंग विद्रोह
1946कैबिनेट मिशन योजना
1946अंतरिम सरकार का गठन
1946संविधान सभा का गठन
1947एटली की घोषणा
1947माउंटबेटेन योजना
1947भारतीय स्‍वतंत्रता अधिनियम, 1947





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