Friday, 2 November 2018

भारत में परमाणु और अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र

भारत में परमाणु और अंतरिक्ष अनुसंधान

कुछ महत्‍वपूर्ण तथ्य:-

विक्रम साराभाई

  • विक्रम साराभाई भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट की सफलता के पीछे प्रमुख व्यक्‍ति थे।
  • बहुत कम लोग जानते हैं कि, विक्रम साराभाई के प्रयासों से नासा के साथ लगातार संचार से भारत में टीवी आया था।
  • वह ऑपरेशन रिसर्च ग्रुप(ओआरजी) की उत्पत्ति के पीछे मुख्य व्यक्‍ति थे जो भारत का पहला बाजार अनुसंधान संगठन था।
  • विक्रम साराभाई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) की स्थापना करने के लिए भारत सरकार को आश्‍वस्त किया।

इसरो

  • इसरो का बजट कई अन्य देशों के अंतरिक्ष संगठन की तुलना में बहुत कम है, अभी भी इसरो एक अच्छा काम कर रहा है! इसरो ने मंगल के लिये सबसे सस्ता मिशन बनाकर स्‍वयं के लिये ख्‍याति प्राप्‍त की। इसके मंगल ऑर्बिटर मिशन में 450 करोड़ रुपये(73 मिलियन डॉलर) की लागत थी, जिसका प्रति किमी औसत 12 था।
  • इसरो ने देश भर में मौसम की स्थिति पर नजर रखने के लिए विभिन्न उपग्रह विकसित किए हैं। इसका इन्सेट-3डीआर एक उन्नत मौसम संबंधी(मौसम अवलोकन) उपग्रह है जो सटीक मौसम पूर्वानुमान के लिए जरूरी इनपुट प्रदान करता है।

भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र

  • बीएआरसी परमाणु ऊर्जा उत्पादन के सभी पहलुओं को संभालता है।
  • भाभा को इलेक्ट्रानों के विखण्‍डन के लिए सही अभिव्यक्‍ति तैयार करने के बाद शुरुआत में मान्यता प्राप्‍त हुई, उन्होंने जो प्रक्रिया शुरू की, वह भाभा स्‍कैटरिंग कहलाई।
  • बीएआरसी ने कल्पक्कम में 80 मेगावॉट क्षमता वाले भारत के पहले दबाव वाले जल रिएक्टर को डिजाइन किया।
  • संगठन ने भारत को परमाणु पनडुब्बी बनाने के लिए दुनिया में 6 वां स्‍थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

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