Saturday, 22 February 2020

अमरीका के जो राष्ट्रपति अब तक भारत आए

अमरीका के जो राष्ट्रपति अब तक भारत आए

अमरीकाइमेज कॉप
Image caption1959 भारत के दौरे पर आए अमरीकी राष्ट्रपति डी आइजनहावर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ

अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप 24 फ़रवरी को भारत के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं. इस दौरान वो दिल्ली और अहमदाबाद जाएंगे. हम आपको बता रहे हैं कि अब तक कितने अमरीकी राष्ट्रपति भारत के दौरे पर कब-कब आए हैं.
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डी.आइज़नहावर 1959
डी. आइजनहावर भारत के दौरे पर आने वाले पहले अमरीकी राष्ट्रपति थे. वो दिसंबर 1959 में भारत के चार दिवसीय दौरे पर आए थे. तब भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे.
इस दौरे में उन्होंने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली को भी संबोधित किया था. इसके अलावा उन्होंने भारत की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था और ताजमहल देखने आगरा गए थे.
राष्ट्रपति आइज़नहावर का भारत में जमकर स्वागत किया गया था. अमरीकी मीडिया में इस स्वागत की ख़ूब चर्चा हुई थी क्योंकि भारत तब गुटनिरपेक्षता के साथ था और कम्युनिस्ट शासन वाले सोवियत संघ के क़रीब था.

रिचर्ड निक्सन 1969

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Image captionनिक्सन भारत दौरे में महज़ 22 घंटे दिल्ली में रुके थे.
रिचर्ड निक्सन का दौरा डी. आइज़नहावर की तरह नहीं था. डी. आइजनहावर जब राष्ट्रपति थे तो रिचर्ड निक्सन उपराष्ट्रपति थे. निक्सन भारत दौरे में महज़ 22 घंटे दिल्ली में रुके थे.
निक्सन का यह दौरा उनके एशियाई दौरे का छोटा सा हिस्सा था. निक्सन के इस छोटे दौरे से ही साफ़ था कि दोनों देशों के बीच सब कुछ सामान्य नहीं था.
निक्सन भारत के दौरे पर तब आए थे जब यहां की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के भीतर इंदिरा गांधी को लेकर पार्टी के पुराने नेताओं में काफ़ी कड़वाहट थी. बाद में कांग्रेस पार्टी में विभाजन भी हो गया था.

जिमी कार्टर, 1978

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Image caption1978 में भारत के दौरे पर आए अमरीकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के साथ
जिमी कार्टर भारत के दौरे पर आने वाले अमरीका के तीसरे राष्ट्रपति थे. वो जनवरी 1978 में तीन दिवसीय दौरे पर भारत आए थे. जिमी कार्टर का यह दौरा तब हुआ था जब कुछ महीने पहले ही जनता पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिली थी और इंदिरा गांधी को अपमानजनक हार.
जिमी कार्टर के इस दौरे से 1971 में भारत-पाकिस्तान जंग और 1974 में भारत परमाणु परीक्षण से दोनों देशों के रिश्तो में जमी बर्फ़ पिघली थी. कार्टर की मां लिलियन भारत में महीनों तक रही थीं.
हालांकि, कार्टर चाहते थे कि भारत परमाणु लक्ष्य को छोड़ दे लेकिन ऐसा नहीं हुआ था.

बिल क्लिंटन, 2000

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Image captionसाल 2000 में भारत के दौरे पर दिल्ली पहुंचे अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी
साल 2000 के मार्च महीने में बिल क्लिंटन अपने दूसरे कार्यकाल के आख़िरी दिनों में भारत के पाँच दिवसीय दौरे पर आए थे. यह किसी भी अमरीकी राष्ट्रपति के भारत का अब तक का सबसे लंबा दौरा है.
तब भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे. क्लिंटन के साथ उनकी बेटी चेल्सिया भी भारत आई थीं. क्लिंटन तब आगरा, हैदराबाद, मुंबई, जयपुर और दिल्ली गए थे.
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क्लिंटन जब भारत आए तो वो अमरीका में मोनिका लीवेंस्की स्कैंडल में बुरी तरह से घिरे थे और उनके ख़िलाफ़ महाभियोग भी लाया गया था. हालांकि भारत में क्लिंटन का ज़ोरदार स्वागत हुआ. क्लिंटन ने भी संसद को संबोधित किया था.
1998 में भारत और पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण के बाद क्लिंटन ने दोनों देशों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे. 1998 में परमाणु परीक्षण के दो साल बाद वो भारत आए थे. इस दौरे में क्लिंटन पाकिस्तान भी गए थे लेकिन कुछ घंटों के लिए.
एक तरफ़ भारत में वो पाँच दिनों तक रहे वहीं पाकिस्तान में महज़ पाँच घंटे से भी कम वक़्त दिया. कहा जाता है कि क्लिंटन का दौरा भारत और अमरीका को क़रीब लाने में सबसे अहम रहा.

जॉर्ज डब्ल्यू बुश, 2006

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Image captionबिल क्लिंटन के दौरे के छह साल बाद जॉर्ज डब्ल्यू बुश भारत के दौरे पर आए
बिल क्लिंटन के दौरे के छह साल बाद जॉर्ज डब्ल्यू बुश भारत के दौरे पर आए. जॉर्ज बुश और अमरीका की फ़र्स्ट लेडी लारा बुश का भारत दौरा महज़ 60 घंटे का था. तब मनमोहन सिंह की सरकार थी और वामपंथी पार्टियों के समर्थन से चल रही थी.
वामपंथी पार्टियां बुश के दौरे का विरोध कर रही थीं. वामपंथी पार्टियों ने ही बुश को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित नहीं करने दिया था. ऐसे में बुश को दिल्ली के पुराना क़िला में गिने-चुने लोगों को संबोधित करना पड़ा था.
बुश के इसी दौरे में भारत ने परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किया था. इसी समझौते के कारण भारत दुनिया का पहला देश बना जो एनपीटी यानी परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किए बिना वाणिज्यिक परमाणु कार्यक्रम पर आगे बढ़ाता रहा.
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बराक ओबामा, 2010 और 2015

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2010 के नवंबर महीने में बराक ओबामा भारत आने वाले अमरीका के छठे राष्ट्रपति बने. ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल 26/11 के आंतकवादी हमले में मारे गए लोगों को मुंबई जाकर श्रद्धांजलि दी थी.
राष्ट्रपति ओबामा ने 26/11 के आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से भी मुलाक़ात की थी. इस दौरे में मिशेल ओबामा ने बच्चों के साथ डांस भी किया था.
राष्ट्रपति ओबामा ने भारत की संसद को भी संबोधित किया था और संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का भी समर्थन किया था.
ओबामाhttps://akashraghuwanshi93.blogspot.com/?m=0इमेज कॉपीरइट
मई 2014 में नरेंद्र मोदी भारत प्रधानमंत्री बने. पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले गणतंत्र दिवस यानी साल 2015 में 26 जनवरी को अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया.
राष्ट्रपति ओबामा ने भारत के इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया और वो एक बार फिर से 2015 में भारत आए. भारत के गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि बनने वाले बराक ओबामा अमरीका के पहले राष्ट्रपति थे.
ओबामा के दूसरी बार भारत आने पर कई विशेषज्ञों ने कहा था कि भारत अमरीका के लिए अब अहम देश बन गया है.

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