Thursday, 31 August 2017

NASA के बारे में

दुनिया का सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी जिसका नाम है NASA. आज हम आपको नासा के बारे में 18 रोचक तथ्य बताएंगे जो शायद ही आप जानते होगे.

1. NASA की Full Form है “National Aeronautics and Space Administration“. इसका हेडक्वार्टर वाशिंगटन में है और अमेरिका ही इसे पूरी तरह कंट्रोल करता है.

2. पहले NACA (National Advisory Committee for Aeronautics) हुआ करती थी जो अंतरिक्ष के मामलों में सलाह या फैसला देती थी. बाद में NASA बनाई गई.

3. 1958 में अमेरिका के राष्ट्रपति Dwight Eisenhower ने NASA की स्थापना की थी. यह स्थापना 1957 में सेवियत संघ द्वारा लांच किये गए पहले कृत्रिम उपग्रह के जवाब में की गई थी.

4. NASA की इंटरनेट स्पीड 91GBps हैं.

5. नासा वर्तमान में “Star Trek Style Warp Drive” पर काम कर रही है जिससे अंतरिक्ष यात्री सिर्फ 2 सप्ताह में अल्फा सेंचुरी (जो सूर्य का दूसरा सबसे निकटतम तारा है) पर पहुंच जाएगे.

6. नासा ने एक “waterworld” नामक ग्रह की खोज की है जो पृथ्वी से लगभग 40 प्रकाश वर्ष दूर है परन्तु इस पर खतरनाक पदार्थ हो सकते हैं जैसे “hot ice” और “superfluid water.”

7. आपके रसोईघर के टोस्टर में लगा कंप्यूटर नासा द्वारा प्रयोग किए गए उस कंप्यूटर से काफी शक्तिशाली है जो अंतरिक्ष यात्रियों को चाँद पर भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता है यह केवल 0.043MHz पर चलने वाला 64KB मैमोरी का कंप्यूटर है.

8. अगर आप नासा के अंतरिक्ष यात्री बनना चाहते हो तो पहले आपको पृथ्वी की सतह से ऊपर कम से कम 50 मील की दूरी तय करनी पड़ेगी.

9. यदि नासा पूर्व की ओर से राॅकेट लांच करे तो उसे धरती के घूर्णन का फायदा मिलेगा.

10. नासा की Vehicle Assembly Building इतनी बड़ी है कि उमस भरे दिनो में इसके ऊपर बारिश वाले बादलो को बनने से रोकने के लिए 10,000 टन हवा साफ करने वाले उपकरणो की जरूरत पड़ती है.

11. नासा की Vehicle Assembly Building का अपना खुद का मौसम है यदि यह हवा साफ करने वाले तरीके का इस्तेमाल ना करे तो फ्लोरिडा का नमी वाला मौसम इसकी छत के करीब ही बारिश वाला बादल बना देगा.

12. नासा के पास एक ऐसा यंत्र है जिससे वह मूसलाधार बारिश करा सकता है.

13. नासा ने अदृश्य ब्रेसिज़ (दाँतों में लगाने वाला तार), खरोंच (scratch) प्रतिरोधी लेंस, और भी बहुत कुछ चीज़ों का आविष्कार किया है.

14. “Internation Space Station” जब भी अमेरिका के लोगो के ऊपर से गुजरता है तो NASA उन लोगो को मैसेज करता है.

15. 2006 में नासा ने स्वीकार किया कि अब उनके पास चंद्रमा पर उतरने वाली असली विडियो नही है क्योकिं वह दोबारा से यूज कर ली गई.

16. नासा उन लोगो को $15,000 (लगभग 10 लाख रूपए) देता है जो 90 दिन तक नासा की प्रयोगशाला में एक बेड पर 24 घंटे तक लेट सकता है ताकि शरीर पर शून्य गुरूत्वाकर्षण के प्रभाव को मापा जा सके.

17. अमेरिका की हर $1 की कमाई में से $0.005 नासा में जाता है. नासा पर हर साल $19 अरब खर्च होते है.

18. नासा के लक्ष्यों में से एक बड़ा लक्ष्य ये भी है कि 2030 तक मनुष्यों को मंगल ग्रह पर पहुचाना.
Translate by Nemy Nigam

ISRO के बारे में


इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने जो किया वो काबिल-ए-तारीफ है। इसरो ने वो कर दिखाया जो बहुत देशों ने सोचा होगा कि भारत जैसे विकासशील देश के लिए असंभव है। कुछ समय पहले हमने NASA की पोस्ट डाली थी तो उसी समय से लोगो के कमेंट आ रहे थे कि ISRO के बारे में भी बताएँ। आज हम आपको भारत की अंतरिक्ष स्पेस एजेंसी ISRO के बारे में बहुत विस्तार से बताने वाले है…

1. ISRO की Full From है “Indian Space Research Organisation”. इसका हेडक्वार्टर बेंगलूर में है यह अंतरिक्ष विभाग द्वारा कंट्रोल की जाती है जो सीधे भारत के प्रधानमंत्री को रिपोर्ट भेजता है। भारत में इसरो के कुल 13 सेंटर है।

2. ISRO की स्थापना डाॅ. विक्रम साराभाई ने सन् 1969 में स्वतंत्रता दिवस के दिन की थी। इन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक भी माना जाता है।

3. अमेरिका, रूसफ्रांसजापानचीन समेत भारत दुनिया के उन छः देशों में शामिल है जो अपनी भूमि पर सैटेलाइट बनाने और उसे लाॅन्च करने की क्षमता रखते है।

4. भारत के लिए 86 satellites लांच करने के अलावा ISRO ने अभी तक 21 अलग-अलग देशों के लिए भी 79 satellites लांच किए है।

5. इसरो का बजट केंद्र सरकार के कुल खर्च का 0.34% और GDP का 0.08% है। यह कोई ज्यादा खर्च नही है।

6. ISRO का पिछले 40 साल का खर्च NASA के एक साल के खर्च का आधा है। वहीं नासा की इंटरनेट स्पीड 91GBps है और इसरो की इंटरनेट स्पीड 2GBps है।

7. पाकिस्तान की भी एक स्पेस एजेंसी है जिसका नाम है SUPARCO. यह 1961 में बनी थी जबकि ISRO 1969 में। ISRO आज तक अपने लिए 86 satellites लांच कर चुका है बल्कि SUPARCO सिर्फ 2 वो भी विदेशी देशों की मदद से।

8. भारत के पहले राॅकेट के लांच के समय भारतीय वैज्ञानिक हर रोज तिरूवंतपूरम से बसों में आते थे और रेलवे स्टेशन से दोपहर का खाना खाते थे। पहले राॅकेट के कुछ हिस्सों को साइकिल पर ले जाया गया था।

9. आर्यभट्ट, इसरो का पहला उपग्रह जो 19 अप्रैल 1975 को रूस की सहायता से लांच किया गया था।

10. 1981 में APPLE Satellite को संसाधनों की कमी की वजह से बैलगाड़ी पर ले जाया गया था।

11. SLV-3 भारत द्वारा लांच किया गया पहला स्वदेशी उपग्रह था और इस प्रोजेक्ट के डायरेक्टर डाॅ. ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम थे।

12. ANTRIX, यह इसरो की कमर्शियल डिविजन है जो हमारी स्पेस तकनीक को दूसरे देशों तक पहुंचाती है। ANTRIX के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर देश के दो बड़े उद्योगपति रतन टाटा और जमशेद गोदरेज है।

13. किसी और संगठन की अपेक्षा इसरो में सबसे ज्यादा single scientist है इन्होनें कभी शादी नही की और पूरा जीवन संगठन को समर्पित कर दिया।

14. 2008-09 में इसरो ने चंद्रयान-1 लाॅन्च किया था जिसका बजट 350 करोड़ रूपए यानि नासा से 8-9 गुना कम था। इसी ने चाँद पर पानी की खोज की थी।

15. भारत (इसरो) अपने पहले प्रयास में मंगल ग्रह पर पहुंचने वाला एकमात्र देश है। अमेरिका 5 बार सेवियत संघ 8 बार और चीन, रूस भी अपने पहले प्रयास में असफल रहे थे।

16. ISRO का मंगल मिशन आज तक का सबसे सस्ता है सिर्फ 450 करोड़ रूपए अर्थात 12 रूपए प्रति किलोमीटर, जो एक ऑटो के किराए के बराबर है। हमारा मंगल मिशन कई हाॅलीवुड फिल्मों से भी सस्ता है।

17. इसरो ने गूगल अर्थ का देशी वर्जन भुवन बनाया है यह वेब आधारित 3D सेटेलाइट इमेजरी टूल है।

18. जब बहुत से देश navigational purpose के लिए अमेरिका के GPS पर निर्भर थे तब ISRO सफलतापूर्वक अपने navigational satellites, IRNSS लांच कर चुका था।

19. आप चाहे तो इसरो से सैटेलाइट डाटा भी खरीद सकते है। HD चित्रों आदि की जरूरत पड़ने पर इस अवसर का लाभ उठा सकते है।

20. क्या आपको लगता है कि ISRO छोटी सी संस्था है ? लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इसरो ने पिछले साल 14 अरब रूपए की कमाई की थी।

ताजमहल के बारे में

Taj Mahal in Hindi: आज हम बात करेगे एक ऐसी इमारत की जिसे प्यार की निशानी कहा जाता है जिसका नाम है ताजमहल. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते है. आज हम आपको घर बैठे ताज़महल में ऐसी बातें बताएगें जो इसे देखकर आने वाले लोगो को भी नही पता होती.. तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं…

1. हिंदुओ के अनुसार ताजमहल एक शिव मंदिर है जिसका असली नाम है “तेजोमहालय“. क्योकिं किसी भी मुस्लिम देश में ऐसी कोई इमारत नही है जिसके नाम में महल आए. ‘महल’ मुस्लिम शब्द नही हैं. ऐसी ही और भी कई बातें हैं.

2. यदि इतिहास पर नजर डाली जाए तो ताज़महल शाहजहाँ ने बनवाया था. शाहजहाँ ने कुल 7 शादियाँ की थी और ताज़महल का निर्माण अपनी चौथी बेगम मुमताज़ की याद में करवाया था. मुमताज़ की मौत 14वें बच्चें को जन्म देते हुए हुई थी. मुमताज की मौत के बाद शाहजहाँ ने उसकी बहन से शादी कर ली थी.

3. विश्व के सात अजूबों में शामिल ताजमहल को बनाने में 22 साल लगे थे. इसे बनाने का काम 1632 में शुरू हुआ और 1653 में खत्म हुआ. इसे पूरा करने में लगभग 22,000 मजदूरों का हाथ था.

4. 1632 में ताजमहल को बनाने में 3.2 करोड़ रूपए खर्च हुए थे. लेकिन यदि आज ताज़महल बनाया जाता तो लगभग 6800 करोड़ रूपए खर्च होते.

5. आपको शायद मेरी तरह अजीब लगे, ताज़महल लकड़ियों पर खड़ा हुआ है. ये ऐसी लकड़ी है जिसे मजबूत रहने के लिए नमी की जरूरत होती है जो यमुना नदी से मिलती रहती हैं.

6. ताज़महल के चारों मीनारों को इस तरह से बनाया गया है, कि चाहे भूकंप आए या बिजली गिरे ये बीच वाले गुबंद पर नही गिरेगी.

7. ताजमहल दुनिया में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली इमारत है. हर रोज पूरी दुनिया से लगभग 12,000 लोग इसे देखने आते हैं.

8. ताज़महल को बनाने में 28 अलग-अलग पत्थरों का इस्तेमाल किया गया. इसमें लगा हुआ संगमरमर पत्थर राजस्थान, चीन, अफगानिस्तान और तिब्बत से आया था. ताजमहल की सजावट का समान ले जाने के लिए 1,000 हाथियों का इस्तेमाल किया गया था.

9. ताज़महल का रंग बदलता है सुबह देखने पर गुलाबी, रात को दुधिया सफेद और चाँदनी रात को सुनहरा दिखाई देता हैं. लेकिन बढ़ते प्रदूषण के कारण ताजमहल का रंग हल्का पीला पड़ने लगा है इसलिए इसके आसपास पेट्रोल और डीजल के वाहन बंद है.

10. ताजमहल के सभी फव्वारें एक साथ काम करते है क्योकिं सभी फव्वारों के नीचे एक तांबे का टैंक है. ये सभी टैंक एक साथ भरते है और दबाव बनने पर एक साथ पानी छोड़ते हैं.

11. World War II, 1971 भारत-पाक युद्ध और 9/11 के हमले के बाद ताज़महल को बांस के घेरों से ढक दिया था. ताकि ताजमहल को क्षति से बचाया जा सके.

12. सफेद ताजमहल बनने के बाद शाहजहाँ का सपना था कि वह अपने लिए एक ऐसा ही काला ताज़महल भी बनवाएँ. लेकिन उनके बेटे औरंगजेब ने उन्हें घर में ही कैद कर दिया और उसका सपना पूरा नही हो सका.

13. बचपन से सुनते आए है, कि शाहजहाँ ने ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के हाथ काट दिए थे, ताकि वो कोई दूसरा ताजमहल ना बना सकें. लेकिन ये एक अफवाह सी लगती है क्योकिं “अहमद लौहरी” जिसने ताजमहल बनाने वाले दल में काम किया था, ने लाल-किले के निर्माण में सहयोग किया था.

14. शाहजहाँ चाहता था कि ताज़महल में कोई कमी नही रहें.. लेकिन ताजमहल में एक छेद है जिसका पानी सीधा मुमताज़ की कब्र पर गिरता हैं. कहा जाता है कि जब कारीगरों के हाथ काटने का आदेश दिया गया तब एक कारीगर ने यह छेद किया था. ताजमहल में एक कमी ये भी है कि दीवारों पर बने 11 नक्काशीदार पिल्लरों में से एक का आकार गोल है बल्कि बाकी दस तिकोनी डिजाइन में हैं.

15. यदि आपसे पूछा जाए कि ताजमहल ऊँचा या कुतुब मीनार ? तो आप कहेंगे कुतुब मीनार. लेकिन आपको बता दे कि ताजमहल, कुतुब मीनार से 5 फुट ऊँचा हैं.

रोचक सवाल और जवाब

Q.1. दुनिया के 7 अजूबों में ताज़महल किस नंबर पर आता हैं ?
Ans. दुनिया के सात अजूबों में ताज़महल तीसरे नंबर पर आता हैं.

Q.2. क्या कोई अमीर आदमी या आप ताज़महल को खरीद सकते है ?
Ans. अरे भाई, ये एक स्मारक हैं जैसे राष्ट्रपति भवन, संसद आदि को हम नही खरीद सकते वैसे ही इसे भी नही खरीद सकते

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में

आज हम बात करेगे दुनिया के सबसे बड़े स्वयंसेवी संस्थान, RSS (Rashtriya Swayamsevek Sangh) की. कोई कहता है कि ये तो सिर्फ हिंदुओं का संघ है कोई कहता है कि ये मुस्लिमों के खिलाफ है और कुछ तो ये भी कह देते है कि ये भारत के ही खिलाफ है। आज हम आपको आरएसएस के बारे में डिटेल से फैक्ट्स के माध्यम से बताने जा रहे है.

1. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जो 2025 तक 100 साल का हो जाएगा, कि स्थापना 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने दशहरे के दिन की थी।

2. RSS का मुख्यालय नागपुर, महाराष्ट्र में है। आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत जी है जो ब्राह्मण जाति से संबंध रखते है। मोहन भागवत भारत के उन थोड़े से लोगो में से है जिन्हें Z+ सुरक्षा दी गई है।

3. 30 जनवरी, 1948 को बिड़ला भवन, दिल्ली में शाम 5 बजकर 10 मिनट पर नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या की थी। हत्या के बाद RSS का नाम उछाला गया। कहा गया कि गोडसे RSS का ही सदस्य है जबकि गोडसे ने RSS को सन् 1930 में ही छोड़ दिया था। इसी समय पूरी दुनिया को पता चला की भारत में कोई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाम का कोई संगठन भी है। उसी समय देश के गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने RSS पर बैन लगा दिया। नेहरू चाहते थे कि RSS को हमेशा के लिए बैन कर दिया जाए, लेकिन सबूतों के अभावों में सरदार पटेल ने ऐसा करने से मना कर दिया और जुलाई 1949 में RSS से बैन हटा लिया गया।

4. आरएसएस की पहली शाखा में सिर्फ 5 लोग(संघी) शामिल हुए थे लेकिन आज देशभर में आरएसएस की 60,000 से ज्यादा शाखाएँ है और एक शाखा में लगभग 100 स्वयंसेवक है। आज के समय में आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संस्थान है।

5. RSS में महिलाएँ नही है, क्योकिं ये allowed ही नही है। महिलाओं के लिए राष्ट्र सेविका समिती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और राष्ट्र सेविका समिति दोनों अलग-अलग है लेकिन दोनो के विचार एक है। कई लोगो को ये गलतफहमी हो जाती है कि Sevika Smiti भी RSS का ही भाग है लेकिन ऐसा नही है।

6. आरएसएस की क्लास शाखा के रूप में लगती है। सुबह लगने वाली शाखा को ‘प्रभात शाखा‘ कहते है। शाम को लगने वाली शाखा को ‘सायं शाखा‘ कहते है। सप्ताह में एक या दो बार लगने वाली शाखा को ‘मिलन शाखा‘ कहते है। महीने में एक या दो बार लगने वाली शाखा को ‘संघ मंडली‘ कहते है।

7. आरएसएस की शाखाओं में शाखा के अंत में एक प्रार्थना गाई जाती है नमस्ते सदा वत्सले… यह संघ की स्थापना के 15 साल बाद गाई जाने लगी। इससे पहले एक श्लोक मराठी और एक श्लोक हिंदी में गाया जाता था।

8. RSS देश के लिए काम करता रहा है लेकिन इस पर आरोप भी लगते रहे है। आरएसएस ने 1962 में भारत-चीन के युद्ध में सरकार का पूरा साथ दिया था। इसी से खुश होकर नेहरू ने 1963 की गणतंत्र दिवस प्रेड में RSS को शामिल होने का न्योता दिया था। RSS, बाढ़ और प्राकृतिक आपदा आदि में भी देश-विदेश के लिए काम करता रहा है।

9. RSS के सदस्य किसी भी पद पर चले जाए, ज्यादातर काम खुद ही करते है जैसे: कपड़े धोना, भोजन बनाना आदि। और अपने से बड़े पदाधिकारी के प्रति बहुत ही आज्ञाकारी होते है।

10. RSS के प्रचारक को संघ के लिए काम करते समय तक अविवाहित रहना होता है। और दूसरे होते है संघ के विस्तारक, जो गृहस्थ जीवन में रहकर ही संघ से किशोरों को जोड़ने का काम करते है।

11. संघ का प्रचारक बनने के लिए किसी भी स्वयंसेवक को 3 साल तक OTC यानि ऑफिसर ट्रेनिंग कैंप में भाग लेना होता है। और शाखा प्रमुख बनने के लिए 7 से 15 दिन तक ITC यानि इंस्ट्रक्टर ट्रेनिंग कैंप में भाग लेना होता है।

12. ऐसा नही है कि RSS में सिर्फ हिंदू ही है, आपकी जानकारी के लिए बता दे कि RSS में मुस्लिम भी है। सन् 2002 से RSS एक ‘Muslim Rashtriya Manch’ नाम की विंग चलाती है। जिसमें लगभग 10,000 मुस्लिम है।

13. BJP के बड़े नेता जैसे अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी संघ के प्रचारक रह चुके है।

14. RSS का अपना अलग झंडा है, भगवा रंग का। सभी शाखाओं में यही झंडा फहराया जाता है। आरएसएस किसी आदमी को नही बल्कि भगवा ध्वज को ही अपना गुरू मानती है।

15. आरएसएस की ड्रेस में काली टोपी, सफेद शर्ट, कपड़े की बेल्ट, खाकी निक्कर, चमड़े के जूते है। अब खाकी निकर की जगह पूरी पैंट कर दी गई है।

16. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सिर्फ भारत में ही नही बल्कि दुनिया के 40 देशो में है। विदेश में संघ की पहली शाखा मोंबासा, केन्या में लगी थी।

17. Q. RSS में महिलाएँ क्यों नही है ?

Ans. इसके दो मुख्य कारण है:
(i) RSS की शाखा सुबह और शाम को लगती है जो गृहिणी (महिला) के लिए सही नही है।
(ii) शाम की शाखा में भीड़ होती है। यहाँ पर बहुत से ऐसे गेम खेले जाते है जिनमें physical activity ज्यादा होती है। जैसे एक दूसरे को धक्का देना, टाँगो में बीच में से निकलना, कब्बड्डी खेलते समय एक दूसरे पर गिरना etc. यही दो कारण है महिलाओं का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में ना होने के।

बाल साहेब ठाकरे के बारे में


Bal Thakre Facts: आज हम बात करेगे एक ऐसे आदमी की जो खुलेआम धमकी देता था, एक ऐसे आदमी की जो मुंबई को देश की राजधानी बनाना चाहता था, एक ऐसे आदमी की जिसके दरबार में विरोधी भी हाजिरी लगाने आते थे.. इनका नाम था बाला साहेब ठाकरे.

1. बाल ठाकरे का बचपन का नाम था “बाल केशव ठाकरे” जो वक्त के साथ-साथ “बाला साहेब ठाकरे” बन गया।

2. बाल ठाकरे एक कार्टूनिस्ट थे, राजनितिज्ञ तो बाद में बने. सिर्फ यही नहीं बल्कि ठाकरे मशहूर क्रांतिकारी कार्टूनिस्ट थे. 1950 के आस-पास Times Of India के सन्डे एडिशन में इन्हीं के कार्टून छपते थे. इन्होनें 1960 में ये नौकरी छोड़ थी।

3. बाल ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट कहा जाता था. उनका बिना देखे भाषण देना लोगो के मन को भा गया, उन्हें सुनने के लिए लाखों की भीड़ एकजुट होती थी।

4. चाँदी के सिहांसन पर बैठने के शौकीन बाल ठाकरे के दरबार में विरोधी भी हाजरी लगाते थे. ठाकरे खुलेआम धमकी देते थे।

5. बाल ठाकरे जब किसी का विरोध करते थे तो दुश्मनों की तरह, और जब तारीफ करते थे तो ऐसे कि जैसे उनसे बड़ा कोई मित्र नही।

6. 19 जून 1966 को बाल ठाकरे ने शिवाजी पार्क में नारियल फोड़कर अपने दोस्तों के साथ पार्टी बनाई थी “शिवसेना“. जो आज भी चल रही है।

7. 1960 और 1970 के दशक में महाराष्ट्र में “लुंगी हटाओ, पुंगी बचाओ” अभियान चलाया गया. ये स्पेशली बिहारियों के लिए था क्योकिं बाल ठाकरे ने अपने समाचार पत्र के मुख्य पेज पर भी लिख दिया था कि “एक बिहारी, सौ बीमारी“।

8. 1980 के दशक में बाल ठाकरे ने मुसलमानों के बारे में कहा, कि ये कैंसर की तरह फैल रहे है और देश को इनसे बचाया जाना चाहिए।

9. बाल ठाकरे की एक खास बात थी कि वह कभी किसी से मिलने नही गए. जिसे मिलना है खुद घर आओ. भारत की हर बड़ी हस्ती उनसे मिलने के लिए उनके मुंबई के घर मातोश्री में जाती थी. बड़े-बड़े बाॅलीवुड एक्टर बीयर पीने और उनसे मिलने उनके घर आते थे।  जैसे: नरेन्द्र मोदीमाइकल जैक्सन.

10. अपने भाषणों में बाल ठाकरे अक्सर 2 ही चीजों की खुलकर तारीफ करते थे, एक था “हिटलर” और दूसरा श्रीलंका का आतंकी संगठन “लिट्टे“.

11. बात है सन् 1990 के आसपास की, कश्मीर में इस्लामी आतंकवाद चरम पर था कश्मीरी पंडितो को भगाया जा रहा था. अमरनाथ यात्रा चल रही थी… आतंकवादियो ने यात्रा बंद करने की धमकी दे दी और कहा जो अमरनाथ यात्री आएगा वह वापिस नही जाएगा. तब बाल ठाकरे ने एक बयान दिया कि, हज के लिए जाने वाली 99% फ्लाइट मुंबई एयरपोर्ट से जाती है देखते है यहाँ से कोई यात्री मक्का-मदीना कैसे जाता है. अगले ही दिन से अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई।

12. सन् 1992 में बाबरी मस्जिद ढहा दी गई, तो बाल ठाकरे “आप की अदालत” शो में आए हुए थे जब उनसे कहा जया कि सुना है ये काम शिवसैनिको ने किया है ? तो वो बोले यदि ये काम शिवसैनिकों ने किया है तो यह गर्व की बात है।

13. बाल ठाकरे के कुछ स्पेशल शौक थे. सिगार, वाइट वाइन etc. ज्यादातर फोटो या इंटरव्यू में उनके हाथ में पाइप या सिगार होती है. पाइप तो 1995 में दिल के दौरे के बाद छोड़ दी लेकिन सिगार तो मौत के साथ ही छूटी।

14. 1999 में बाल ठाकरे पर 6 साल तक वोट डालने और चुनाव लड़ने पर बैन लगा था। लेकिन बाल ठाकरे ने अपने जीवन में कभी चुनाव नही लड़ा।

15. अपनी मौत से दो महीने पहले ठाकरे का एक बयान आया था कि आर्मी मेरे हवाले कर दो, मै देश को एक महीने में ठीक कर दूंगा।

16. ठाकरे के जीवन में दुख भी बहुत थे. पहले पत्नी का निधन, फिर बड़े बेटे बिंदुमाधव की कार हादसे में मौत, फिर दूसरे बेटे जयदेव के साथ मनमुटाव और लाडले भतीजे राज ठाकरे का अलग पार्टी बनाना. आपको बता दे की राज ठाकरे वो आदमी थे जिनको बाल ठाकरे का उत्तराधिकारी माना जाता था।

17. 17 नवंबर 2012, बाल ठाकरे का निधन हो गया. इस दिन मुंबई बंद था.. अंतिम यात्रा में लगभग 5 लाख लोग शामिल हुए. थोड़ी-थोड़ी देर बाद एक आवाज उठती है: बाला साहेब… लाखो लोग चिल्लाते है: अमर रहे

18. बाल ठाकरे ना तो मुख्यमंत्री थे और ना सांसद. फिर भी उन्हें मरने के बाद ‘21 तोपों की सलामी‘ दी गई. जो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को मिलती है। ये रूतबा था बाला साहेब ठाकरे का

चंद्रशेखर आजाद के बारे में


आज हम बात करेगे एक ऐसे शख़्स की जो पैदा तो चन्द्रशेखर तिवारी हुआ था लेकिन शहीद हुआ चंद्रशेखर आजाद बनकर. खुद को आजाद घोषित कर दिया था और कभी अंग्रेजो के हाथो ना मरने की कसम खाई थी. Let’s begin…

1. 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश के भाबरा गाँव में सीताराम तिवारी और जगरानी देवी के घर एक बच्चा पैदा हुआ था. नाम रखा गया चंद्रशेखर तिवारी. इनका जन्म करवाने वाली दाईं मुस्लिम थी।

2. चंद्रशेखर आजाद का बचपन भील जाति के बच्चों के साथ में कटा. यही से उसने तीर-कमान चलाना सीखा।

3. चंद्रशेखर आजाद ने मुश्किल से तीसरी क्लास पूरी की थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि आजाद ने सरकारी नौकरी भी की थी. वो तहसील में एक हेल्पर थे, फिर 3-4 महीने बाद उसने बिना इस्तीफा दिए नौकरी छोड़ दी थी।

4. चंद्रशेखर आजाद की माँ चाहती थी कि बेटा संस्कृत का बड़ा विद्वान बने. लेकिन मुन्ना का सपना तो देश को आजाद कराना था। माँ ने तो बाप को भी राज़ी कर लिया था कि बच्चें को पढ़ने के लिए वाराणसी के काशी विद्यापीठ में भेज दो।

5. चंद्रशेखर का नाम आजाद कैसे पड़ा ? 1921 में महात्मा गांधी ने असहयोग आन्दोलन शुरू किया था. चंद्रशेखर एक स्टूडेंट होते हुए भी इस आंदोलन से जुड़े. इस समय इनकी उम्र 15 साल थी अंग्रेजों ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया. जब जज के सामने चंद्रशेखर को पेश किया गया तो उसने कहा मेरा नाम आजाद है, मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता और मेरा पता जेल है. इससे जज भड़क गया और आजाद को 15 बेंतो की सजा सुनाई गई. यही से उनका नाम पड़ा आजाद. फिर 1922 में एक दम से आन्दोलन वापिस ले लिया गया तो इससे आजाद की सोच में बड़ा बदलाव आया।

6. असहयोग आंदोलन बंद होने के बाद चंद्रशेखर आजाद ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन पार्टी‘ के सदस्य बन गए. आगे चलकर वे इस पार्टी में कमांडर-इन-चीफ़भी बनें।

7. आजाद चाहते थे कि उनकी एक भी तस्वीर अंग्रेजो के हाथ न लगे. लेकिन ऐसा संभव न हो सका।

8. चंद्रशेखर आजाद का एक दोस्त था रूद्रनारायण. यह एक ग़ज़ब का पेंटर भी था. आजाद की मूंछो पर ताँव देते हुए पेंटिग इसी ने बनाई थी. इसके घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी तो एक बार चंद्रशेखर आजाद अंग्रेजों के सामने सरेंडर करने को तैयार हो गए थे ताकि इनाम के पैसे दोस्त को मिल जाए और उसका घर अच्छे से चल सके।

9. आजाद ने अपनी जिंदगी के 10 साल फरार रहते हुए बिताए. एक समय में चंद्रशेखर आजाद झाँसी के पास 8 फीट गहरी और 4 फीट चौड़ी गुफा में सन्यासी के वेश में रहते थे. जब अंग्रेजो को इनके ठिकाने का पता चला तो इन्होनें स्त्री के कपड़े पहनकर अंग्रजों को चकमा दे दिया।

10. 1925 में रामप्रसाद बिस्मिल के साथ मिलकर किए गए काकोरी कांड के पीछे चंद्रशेखर आजाद का ही दिमाग था. फिर 1928 में सांडर्स की हत्या के बाद तो आजाद, अंग्रेजों का जानी दुश्मन बन गया।

11. लाला लाजपत राय की हत्या के बाद भगत सिंह ने चंद्रशेखर आजाद से संपर्क बनाया. आजाद ने भगत सिंह और उसके साथियों को ट्रेनिंग दी. भगत सिंह उन्हें अपना गुरू मानते थे।

12. चंद्रशेखर आजाद अपने साथ हमेशा एक माउज़र रखते थे. ये पिस्टल आज भी इलाहाबाद के म्यूजियम में रखी हुई है. आजाद ने अंग्रेजों के हाथों ना मरने की कसम खाई थी और इसे निभाया भी।

13. जिस गांव में आजाद का जन्म हुआ था उसका नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद नगर रख दिया गया और जिस पार्क में इनकी मौत हुई थी उसका नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद पार्क रख दिया गया।

14. आजाद एक शेर बोला करते थे “दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं. आजाद ही रहेंगे”।

15. चंद्रशेखर आजाद की मौत: चंद्रशेखर आजाद 27 फरवरी 1931 को शहीद हो गए. आजाद इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में मीटिंग के लिए दोस्तो का इंतजार कर रहे थे तो किसी ने पुलिस को खबर दे दी. पुलिस ने पार्क को चारों ओर से घेर लिया था. दोनों ओर से गोलियाँ चल रही थी. आजाद भी पेड़ की ओट में रहकर अंग्रेजों पर गोली चला रहे थे. जब आखिरी गोली रह गई तो आजाद ने ये गोली खुद को मार ली… और अपना वादा निभा दिया।

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