आधार कार्ड की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
आधार की अनिवार्यता (Aadhaar verdict) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने (Supreme Court) अहम फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट ने आधार की संवैधानिक वैधता को कुछ बदलावों के साथ बरकरार रखा.
आधार की संवैधानिकता (Aadhaar constitutional validity) को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाओं पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाया और कहा कि आधार को अब से बैंक खातों से लिंक करना अनिवार्य नहीं होगा. साथ ही कोर्ट ने कहा मोबाइल कंपनियां भी अब आधार नहीं मांग सकती हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत का फैसला पढ़ते हुए यह माना कि आधार आम आदमी की पहचान है.
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 38 दिनों तक चली लंबी सुनवाई के बाद 10 मई को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामले में उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के एस पुत्तास्वामी की याचिका सहित कुल 31 याचिकाएं दायर की गयी थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने किन-किन चीजों के लिए आधार को अनिवार्य नहीं माना:
1. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब से स्कूलों में आधार जरूरी नहीं होगा.
2. अब बैंक खातों से आधार को लिंक करना जरूरी नहीं. बैंक खाते से आधार को लिंक करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया.
3. सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा कि मोबाइल के लिए आधार जरूरी नहीं.
4. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई मोबाइल और निजी कंपनी आधार नहीं मांग सकती.
5. UGC, NEET तथा CBSE परीक्षाओं के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा.
इन -इन जगहों पर आधार होगा जरूरी:
1. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार और पैन को जोड़ना जरूरी होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार से पैन कार्ड को जोड़ने का फैसला बरकरार रहेगा.
2. सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में आधार जरूरी होगा.
3. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुरक्षा मामलों में एजेंसियां मांग सकती है आधार
फैसले से जुड़ी 10 खास बातें:
1. सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रखने वाले महाधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि "इस फैसले का असर बहुत दूर तक होगा, क्योंकि आधार बहुत-सी सब्सिडी से जुड़ा है.
2. मुकुल रोहतगी ने कहा कि आधार लूट और बरबादी को रोकने में भी कारगर है, जो होती रही हैं. डेटा की सुरक्षा बेहद अहम है, और सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह डेटा की सुरक्षा करेगी. इस सिलसिले में कानून भी लाया जा रहा है..."
3. इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनना शुरू किया. कहा कि आधार से समाज के बिना पढ़े-लिखे लोगों को पहचान मिली है और आधार का डुप्लीकेट बनाना संभव नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूनिक का मतलब सिर्फ एक से है.
4. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह माना कि आधार आम आदमी की पहचान है और कहा कि आधार की वजह से निजता हनन के सबूत नहीं मिले हैं. सुप्रीम कोर्ट ने आधार की अनिवार्यता पर फैसला सुनाते हुए आधार की संवैधानिकता कुछ बदलावों के साथ बरकरार रखा.
5. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार के बायोमीट्रिक डेटा की नकल नहीं की जा सकती. साथ ही कोई प्राइवेट पार्टी भी डेटा नहीं देख सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार का ऑथेंटिकेशन डाटा सिर्फ 6 महीने तक ही रखा जा सकता है.
6. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूजीसी, सीबीएसई और निफ्ट जैसी संस्थाएं आधार नहीं मांग सकती हैं. साथ ही स्कूल भी आधार नहीं मांग सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवैध प्रवासियों को आधार न दिया जाए.
7. कोर्ट ने कहा कि मोबाइल और निजी कंपनी आधार नहीं मांग सकती हैं. कोर्ट ने आधार को मोबाइल से लिंक करने का फैसला भी रद्द कर दिया .कोर्ट ने आधार को बैंक खाते से लिंक करने के फैसले को भी रद्द कर दिया.
8. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार से पैन कार्ड को जोड़ने का फैसला बरकरार रहेगा. जस्टिस सीकरी ने कहा, किसी भी बच्चे को आधार नंबर नहीं होने के कारण लाभ/सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है.
9. सुप्रीम कोर्ट ने आधार अधिनियम की धारा 57 हटा दी. दूसरी तरफ अब कोर्ट की अनुमति के बिना आधार का बायोमेट्रिक डेटा किसी एजेंसी को नहीं दिया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि सुरक्षा मामलों में एजेंसियां आधार मांग सकती हैं.
10. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार को रेगुलर बिल की तरह पारित किया जा सकता है. 2016 में इसे मनी बिल के तौर पर पारित किया गया था.
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