Wednesday, 14 November 2018

महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्थाएँ

महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्थाएँ


एक संवैधानिक निकाय या संस्थान वह है जिसका संविधान के मूल रूप में या उसमें किसी प्रकार के संशोधन के बाद उल्लेख किया गया है, जबकि एक गैर-संवैधानिक निकाय वह है जिसका संविधान में उल्लेख नहीं किया गया हैI


चुनाव आयोग


1. संविधान के भाग XV के अनुच्छेद 324 में चुनाव आयोग का उल्लेख किया गया है.


2. वर्तमान में चुनाव आयोग संस्थान में, राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो अन्य निर्वाचन आयुक्त सम्मिलित हैं.


3. उनका कार्यकाल 6 वर्ष का होता हैI उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष है, जो भी पहले हो.


4. #सुकुमार सेन भारत के पहले चुनाव आयुक्त थे.


संघ लोक सेवा आयोग


1. संविधान के भाग XIV के अनुच्छेद 315 से 323 के तहत उल्लेखित (अनुच्छेद 315 में संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग के बारे में उल्लेख किया गया है).


2. यू.पी.एस.सी में भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त एक अध्‍यक्ष और अन्य सदस्य शामिल हैं.


3. 6 वर्ष का कार्यकाल या सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष, जो भी पहले हो.


4. यू.पी.एस.सी का अध्‍यक्ष (पद संभालने के बाद से), इस पद के बाद भारत सरकार या किसी राज्य में किसी भी रोजगार के लिए पात्र नहीं होता है.


राज्य लोक सेवा आयोग


1. राज्य लोक सेवा आयोग में राज्य के राज्यपाल द्वारा नियुक्‍त एक चेयरमैन और अन्य सदस्य शामिल होते हैं.


2. 6 वर्ष का कार्यकाल या सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष है जो भी पहले होI वह अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौंपते हैं.


3. चेयरमैन और सदस्यों को केवल राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है, जबकि उनकी नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती हैI अध्‍यक्ष या सदस्यों को हटाने का आधार यू.पी.एस.सी के अध्‍यक्ष या सदस्यों को हटाने के समान होता है.


4. नोट – संविधान के अंतर्गत दो या दो से अधिक राज्यों के लिए संयुक्त लोक सेवा आयोग (जे.पी.एस.सी) की स्थापना का भी प्रावधान है.


5. संबंधित राज्यों की अर्जी पर संसद के अधिनियम द्वारा यू.पी.एस.सी और एस.पी.एस.सी से भिन्न जे.पी.एस.सी की स्थापना की जा सकती है, जो एक संवैधानिक निकाय है, जे.पी.एस.सी एक वैधानिक निकाय है न की संवैधानिक.


6. जे.एस.पी.एस.सी के अध्‍यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैI इनका कार्यकाल 6 वर्ष या सेवानिवृत्ति 62 वर्ष तक होती है, जो भी पहले लागू होता हो.


वित्त आयोग


1. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 में वित्त आयोग का उल्लेख किया गया हैI इसका गठन प्रत्येक पांच वर्ष में राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है या उससे पहले जैसा उन्हें आवश्यक लगे.


2. वित्त आयोग में एक अध्‍यक्ष और चार अन्य सदस्य होते हैं, जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैI उनका कार्यकाल तब तक होता है जैसा की राष्ट्रपति द्वारा उनके आदेश में निर्दिष्ट होता हैI वे पुनः नियुक्ति के पात्र होते हैं.


3. हालांकि यह प्रमुख रूप से एक सलाहकार निकाय है और यह केंद्र और राज्यों के बीच साझा किए जाने वाले करों के शुद्ध लाभ के वितरण तथा इस प्रकार की आय से संबंधित हिस्‍सों को राज्‍यों के बीच आवंटित करने पर सलाह देता है।


4. के.सी. नियोगी पहले वित्त आयोग के अध्‍यक्ष थे और वर्तमान में यह 14वां वित्त आयोग है जिसके अध्‍यक्ष वाई.वी. रेड्डी हैं.


अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय आयोग


1. इससे संबंधित उल्‍लेख भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 में किया गया है।


अनुसूचित जनजाति के लिए राष्ट्रीय आयोग


2. इससे संबंधित उल्‍लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338-A में किया गया है।


भाषाई अल्पसंख्यकों के लिए विशेष अधिकारी


इसका उल्‍लेख भारतीय संविधान के भाग XVII के अनुच्छेद 350-B में किया गया है।


भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक


1. भारत के संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (सीएजी) का एक स्वतंत्र पद होना चाहिए।


2. वह भारतीय ऑडिट और लेखा विभाग का प्रमुख होता है।


3. वह आम लोगों के धन का अभिवावक होता है और उसका पुरे देश के दोनों वित्तीय तंत्र केन्द्रीय और राज्य पर नियंत्रण होता है।


4. यही कारण है की डॉ. बी.आर. अम्बेड़कर ने कहा था की भारत के संविधान के तहत सी.ए.जी सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी होगा।


5. सी.ए.जी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा उनके हस्‍ताक्षर और मुहर के तहत वारंट द्वारा की जाती है।


6. उनका कार्यकाल 6 वर्ष का होता है और सेवानिवृति की आयु 65 वर्ष होती है, जो भी पहले हो।


7. उनको राष्ट्रपति द्वारा उनके दुर्व्यवहार या अक्षमता के आधार पर हटाया जा सकता है। उनको हटाने का तरीका सर्वोच्च न्यायालय के न्‍यायाधीश को हटाने के समान है।


8. उनके सेवानिवृत होने के बाद या हटाए जाने के बाद वह किसी भी प्रकार के या तो केंद्र या फिर राज्य सरकार के स्तर पर रोजगार के अधिकारी नहीं है।


9. सी.ए.जी के कार्यालय के प्रशासनिक व्‍ययों में उस कार्यालय में काम कर रहे सभी लोगों के वेतन, भत्ते, सेवारत लोगों की पेंशन इत्यादि के लिए भारत की समेकित निधि को चार्ज किया जाता है। इस प्रकार, वे संसद में वोट करने के सम्बद्ध नहीं है।


10. वह भारत की समेकित निधि, प्रत्येक राज्य और संघीय राज्य जहाँ पर विधान सभा है, की समेकित निधि से संबंधित सभी एकाउंट्स से किए गए सभी खर्चों का ऑडिट करता है।


11. वह भारत की आकस्मिकता निधि से किए गए सभी खर्चों और भारत के पब्लिक अकाउंट साथ ही प्रत्‍येक राज्य की आकस्मिकता निधि और राज्यों के पब्लिक अकाउंट पर किए गए सभी खर्चों का ऑडिट करता है।


12. वह केंद्र के लेखों से संबंधित सभी खर्चों पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपते हैं, जो बाद में , रिपोर्ट को संसद के दोनों सदनों में रखते हैं (अनुच्छेद 151)।


13. वह राज्‍यपाल को राज्यों के लेखों से संबंधित अपनी ऑडिट रिपोर्ट को सौंपते हैं, जो, बाद में, रिपोर्ट को विधान सभा में रखते हैं (अनुच्छेद 151)।


14. राष्ट्रपति सी.ए.जी द्वारा सौंपे गए रिपोर्ट को संसद के दोनों सदनों में रखा जाता है। लोक लेखा समिति उन्हें जांचती है और अपनी जांच को संसद के समक्ष रखती है।


भारत के अटॉर्नी जनरल


1. भारत के संविधान के अनुच्छेद 76 में उल्लेखित है।


2. देश में सबसे बड़े कानून अधिकारी की पदवी है।


3. राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।


4. ए.जी.आई वह होता है जो सर्वोच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीश के रूप में नियुक्त होने की पात्रता रखता है।


5. कार्यकाल निश्चित नहीं है और वह राष्ट्रपति की इच्छानुसार अपने पद पर रह सकता है।


6. उनके आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में, अटॉर्नी जनरल भारत के किसी भी क्षेत्र में सभी न्यायालयों में श्रोता की तरह भाग लेने का अधिकार रखता है। साथ ही, संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही में वह भाग ले सकता है और बोलने का अधिकार भी रखता है या संयुक्त बैठने की व्यवस्था और संसद के किसी समिति जिसके लिए उन्हें नामित किया गया हो परन्तु बिना वोट के अधिकार के साथ। वह संसद के सदस्य के लिए उपलब्ध सभी सुविधाओं और अधिकारों का आनंद लेता है।


7. नोट – अटॉर्नी जनरल के साथ ही, भारत सरकार के अन्य कईं कानून अधिकारी होते हैं। वे भारत के सोलिसिटर जनरल और अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल है। वे अटॉर्नी जनरल को उनके आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में मदद करते हैं। यहाँ ध्यान रखा जाना चाहिए की केवल अटॉर्नी जनरल पद का निर्माण संविधान द्वारा किया गया है। अन्य शब्दों में, अनुच्छेद 76 सोलिसिटर जनरल और अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल के बारे में उल्लेख नहीं करता है।


8. भारत के पहले और सबसे लंबे समय के लिए सेवा में रहे ए.जी.आई मोतीलाल चिमनलाल सेतालवाद थे।


राज्य के एडवोकेट जनरल


1. संविधान के अनुच्छेद 165 के तहत राज्यों के लिए एडवोकेट जनरल के पद का उल्लेख किया गया हैI वह राज्य का उच्च कानून अधिकारी होता हैI अतः वह राज्‍य में भारत के अटॉर्नी जनरल का प्रतिरूप होता हैI


2. एडवोकेट जनरल की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती हैI वह एक ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने योग्य है।


 


 


 


भारत की संविधान सभा के बारे में याद रखने योग्‍य महत्वपूर्ण बिंदु

भारत की संविधान सभा के बारे में याद रखने योग्‍य महत्वपूर्ण बिंदु


भारत के लिए एक संविधान तैयार करने हेतु संविधान सभा का विचार पहली बार 1895 में बाल गंगाधर तिलक ने दिया था। 1934 में पहली बार संविधान सभा हेतु मांग की गई थी, जो बाद में 1935 में एक आधिकारिक मांग बन गई थी। इस मांग को ब्रिटिश द्वारा अगस्‍त, 1940 में स्‍वीकार कर लिया गया था।


संविधान सभा को कैबिनेट मिशन जिसने 1946 में भारत का दौरा किया था, उसकी सिफारिश पर गठित किया गया था।


संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर, 1946 को आयोजित की गई थी - इसके अस्थायी अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद सिन्‍हा थे।


दूसरी बैठक 11 दिसंबर 1946 को आयोजित की गई थी। इसके अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे।


उद्देश्‍य संकल्‍प को 13 दिसंबर, 1946 को जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में पारित किया गया था।


भारतीय संविधान का मसौदा अक्टूबर, 1947 में प्रस्तुत किया गया था। मसौदा समिति के अध्यक्ष भीम राव अंबेडकर थे।


मसौदे को तैयार करने के लिए लिया गया कुल समय 2 वर्ष, 11 महीने, 18 दिन था।


संविधान सभा स्वतंत्र भारत की पहली संसद थी।


भारतीय संविधान को 26 नवंबर, 1949 को अधिनियमित किया गया था और ये 26 जनवरी, 1950 को लागू हो गया था।


उस दिन, संविधान सभा का अस्तित्व समाप्त हो गया, जब तक कि 1952 में एक नई संसद का गठन नहीं हुआ, तब तक उसे भारत की अनंतिम संसद में रूपांतरित कर दिया गया।


संविधान सभा द्वारा किए गए कार्य


सामान्य कानूनों को लागू करना


राष्‍ट्रीय ध्‍वज को 22-7-1947 में अपनाया गया


राष्‍ट्र गान को 24-1-1950 में अपनाया गया


राष्‍ट्रीय गीत को 24-1-1950 में अपनाया गया


भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद को 26-1-1950 में निर्वाचित किया गया


संविधान सभा के बारे में तथ्य


2 वर्ष, 11 महीने तथा 18 दिनों के दौरान 11 सत्र आयोजित किए गए थे


संविधान निर्माताओं ने 60 देशों का दौरा किया


कुल व्‍यय - 64 लाख रूपये था


मुख्‍य समितियां


केन्‍द्रीय शक्ति समिति – जवाहरलाल नेहरू


संघीय संविधान समिति - जवाहरलाल नेहरू


प्रांतीय संविधान समिति – सरदार पटेल


मसौदा समिति – डॉ. बी.आर. अम्‍बेड़कर


मौलिक अधिकारों तथा अल्‍पसंख्‍यकों पर सलाहकार समिति – सरदार पटेल


इस समिति में दो उप-समितियां थीं :


(a) मौलिक अधिकारी उप-समिति – जे.बी. कृपलानी


(b) अल्‍पसंख्‍यक उप-समिति – एच.सी. मुखर्जी


प्रक्रिया समिति के नियम – डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद


राज्‍य समिति (राज्‍यों के साथ बातचीत के लिए समिति) – जवाहरलाल नेहरू


संचालन समिति – डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद


 


 


 


अर्थव्‍यवस्‍थ - भारत में वित्तीय क्षेत्र में विनियामक निकाय

अर्थव्‍यवस्‍थ - भारत में वित्तीय क्षेत्र में विनियामक निकाय


भारत में विनियामक निकाय


आरबीआई (भारतीय रिज़र्व बैंक)


भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक, 1934 के तहत अप्रैल 1935 में हुई थी।


हिल्टन-यंग कमिशन की सिफारिश पर इसकी स्थापना की गयी


सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जो 1949 में राष्ट्रीयकृत की गयी थी।


केन्द्रीय कार्यालय की प्रारंभिक शुरुआत कलकत्ता में हुई और बाद में 1937 में मुंबई ले जाया गया।


सरकारी निदेशकों- एक गवर्नर्स और चार से अधिक डिप्टी गवर्नर्स नहीं


वर्तमान में निम्न व्यक्तियों निम्नलिखित पदों पर हैं-
गवर्नर- डॉ. उरजित आर. पटेल


भारतीय रिजर्व बैंक वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड के मार्गदर्शन में अपना कार्य करता है।
वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड (बीएफएस) -
नवंबर 1994 में गठित की गयी। बोर्ड का गठन केंद्रीय निदेशक मंडल के चार निदेशकों को सह-चयन करने के लिए किया जाता है और इसकी अध्यक्षता गवर्नर द्वारा की जाती है।


आरबीआई द्वारा प्रशासित महत्वपूर्ण अधिनियम -
(i) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934
(ii) लोक ऋण अधिनियम, 1944 / सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006
(iii) सरकारी प्रतिभूति विनियम, 2007
(iv) बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949
(v) विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999
(vi) प्रतिभूतिकरण और वित्तीय परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण और सुरक्षा ब्याज का प्रवर्तन (सारफेसी) अधिनियम, 2002


अन्य प्रासंगिक अधिनियम-
(i) परामर्शदाता उपकरण अधिनियम, 1881
(ii) कंपनी अधिनियम, 1956 / कंपनी अधिनियम, 2013
(iii) जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम अधिनियम, 1961
(iv) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976
(v) कृषि और ग्रामीण विकास के लिए नेशनल बैंक अधिनियम, 1981
(vi) राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987
(vii) प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002
(viii) भारतीय सिक्का अधिनियम, 2011


आरबीआई के 20 क्षेत्रीय कार्यालय और 11 उप-कार्यालय हैं


आरबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी निम्नलिखित हैं -
(i) भारत में जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी)
(ii) भारतीय रिज़र्व बैंक नोट मुद्रीन प्राइवेट लिमिटेड (बीआरबीएनएमपीएल)
(iii) नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी)


आरबीआई के प्रथम गवर्नर - सर ओसबोर्न स्मिथ
राष्ट्रीयकरण के बाद भारतीय रिजर्व बैंक के प्रथम गवर्नर- सी डी देशमुख
भारतीय रिजर्व बैंक की पहली महिला उप-गवर्नर- के.जे.उद्देशी


आरबीआई प्रतीक: टाइगर और पाम पेड़


सेबी (SEBI) (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया)


सेबी अधिनियम, 1992 के अंतर्गत अप्रैल 1992 में स्थापित।


भारत में प्रतिभूति बाजार के लिए नियामक


मुख्यालय- मुंबई


मौजूदा अध्यक्ष - अजय त्यागी


वाणिज्य बाजार नियामक फॉरवर्ड मार्केट कमीशन को दिसंबर 2015 में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के साथ मिला दिया गया था।


आईआरडीएआई IRDAI (भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण)


भारत में बीमा क्षेत्र में सर्वोच्च संस्था


बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 के आधार पर।


1994 की मल्होत्रा समिति की रिपोर्ट की सिफारिश पर स्थापित


मुख्यालय- हैदराबाद, तेलंगाना


निकाय में 10 सदस्य होते हैं-
(ए) अध्यक्ष (बी) पांच पूर्णकालिक सदस्य (सी) चार अंशकालिक सदस्य


वर्तमान अध्यक्ष-टी एस विजयन


नाबार्ड NABARD (कृषि और ग्रामीण विकास के लिए राष्ट्रीय बैंक)


भारत में सर्वोच्च विकास वित्तीय संस्थान


मुख्यालय- मुंबई


नाबार्ड अधिनियम 1981 के तहत जुलाई 1982 में स्थापित


बी. सिवारामन समिति की सिफारिश पर


आरबीआई के कृषि ऋण विभाग और ग्रामीण योजना और ऋण कक्ष को बदल दिया।


यह भारत में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए एक विशेष बैंक है।


नाबार्ड के अंतर्गत ग्रामीण नवप्रवर्तन निधि और ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि की स्थापना की गई है।


महत्वपूर्ण कार्य-
(i) भारतीय रिज़र्व बैंक और सहकारी बैंकों के लिए आरबीआई को लाइसेंस के बारे में सिफारिश की गयी।
(ii) वित्तीय संस्थानों का पुनर्वित्त जो ग्रामीण क्षेत्र का वित्तपोषण करता है


वर्तमानअध्यक्ष – डॉ. हर्ष कुमार भंवला


सिडबी SIDBI (लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया)


सिडबी अधिनियम, 1989 के तहत अप्रैल 1990 में स्थापित


उद्योगों और एमएसएमई (MSME) के लिए पुनर्वित्त की सुविधा और अल्पकालिक ऋण प्रदान करना।


मुख्यालय- लखनऊ


एसआईडीबीआई (SIDBI) के एसोसिएट्स-
(i) माइक्रो और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट- एसएमई(SME) को बढ़ाए गए संपार्श्विक मुक्त ऋण के लिए बैंकों को गारंटी देता है।
(ii) सिडबी वेंचर कैपिटल लिमिटेड
(iii) एसएमई रेटिंग एजेंसी ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएमईआरए) - एसएमई को समग्र रेटिंग प्रदान करता है।
(iv) एसएसई के लिए एनपीए रिज़ॉल्यूशन के लिए विशेष संस्थाओं के रूप में, आईएसएआरसी (ISARC) - 2009 में भारत एसएमई परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी।


मुद्रा बैंक सिडबी की सहायक कंपनी है|


एक्जिम (EXIM) (निर्यात-आयात बैंक ऑफ इंडिया)


भारत में मुख्या निर्यात वित्त संस्थान


एक्जिम अधिनियम 1981 के तहत 1982 में स्थापित


मुख्यालय- मुंबई


यह वित्तपोषण और माल और सेवाओं के आयात में लगे संस्थानों के कामकाज के साथ समन्वय करता है।


 


 


 


 


 


Friday, 2 November 2018

भारत में परमाणु और अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र

भारत में परमाणु और अंतरिक्ष अनुसंधान

कुछ महत्‍वपूर्ण तथ्य:-

विक्रम साराभाई

  • विक्रम साराभाई भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट की सफलता के पीछे प्रमुख व्यक्‍ति थे।
  • बहुत कम लोग जानते हैं कि, विक्रम साराभाई के प्रयासों से नासा के साथ लगातार संचार से भारत में टीवी आया था।
  • वह ऑपरेशन रिसर्च ग्रुप(ओआरजी) की उत्पत्ति के पीछे मुख्य व्यक्‍ति थे जो भारत का पहला बाजार अनुसंधान संगठन था।
  • विक्रम साराभाई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) की स्थापना करने के लिए भारत सरकार को आश्‍वस्त किया।

इसरो

  • इसरो का बजट कई अन्य देशों के अंतरिक्ष संगठन की तुलना में बहुत कम है, अभी भी इसरो एक अच्छा काम कर रहा है! इसरो ने मंगल के लिये सबसे सस्ता मिशन बनाकर स्‍वयं के लिये ख्‍याति प्राप्‍त की। इसके मंगल ऑर्बिटर मिशन में 450 करोड़ रुपये(73 मिलियन डॉलर) की लागत थी, जिसका प्रति किमी औसत 12 था।
  • इसरो ने देश भर में मौसम की स्थिति पर नजर रखने के लिए विभिन्न उपग्रह विकसित किए हैं। इसका इन्सेट-3डीआर एक उन्नत मौसम संबंधी(मौसम अवलोकन) उपग्रह है जो सटीक मौसम पूर्वानुमान के लिए जरूरी इनपुट प्रदान करता है।

भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र

  • बीएआरसी परमाणु ऊर्जा उत्पादन के सभी पहलुओं को संभालता है।
  • भाभा को इलेक्ट्रानों के विखण्‍डन के लिए सही अभिव्यक्‍ति तैयार करने के बाद शुरुआत में मान्यता प्राप्‍त हुई, उन्होंने जो प्रक्रिया शुरू की, वह भाभा स्‍कैटरिंग कहलाई।
  • बीएआरसी ने कल्पक्कम में 80 मेगावॉट क्षमता वाले भारत के पहले दबाव वाले जल रिएक्टर को डिजाइन किया।
  • संगठन ने भारत को परमाणु पनडुब्बी बनाने के लिए दुनिया में 6 वां स्‍थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

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