Monday, 3 June 2019

अनुच्छेद 324 क्या होता है और बंगाल में क्यों प्रयोग किया गया है?

अनुच्छेद 324 क्या होता है और बंगाल में क्यों प्रयोग किया गया है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 में चुनाव आयोग का प्रावधान किया गया है. चुनाव आयोग देश में संसद, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्य विधानमंडल के लिए चुनाव कराने के नियमों और दिशा-निर्देशों को जारी करता है. आयोग पूरे देश में चुनाव आचार संहिता लगाकर निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराता है. आइये इस लेख में जानते हैं कि अनुच्छेद 324 में चुनाव आयोग को किस प्रकार की शक्तियां दी गयीं हैं.

आर्थिक खुफिया इकाई (Economic Intelligence Unit) ने हाल ही में एक डेमोक्रेसी इंडेक्स जारी किया है जिसमें 167 देशों को शामिल किया गया है. इस इंडेक्स में भारत को 41वें स्थान पर रखा गया है और भारत का स्कोर 7.23/10 है. इस इंडेक्स में 60 पैरामीटर्स को शामिल किया गया है. इस डेमोक्रेसी इंडेक्स में बताया गया है कि विश्व में केवल 4.5% लोग "फुल डेमोक्रेसी" में रहते हैं. अर्थात एक पूर्ण रूप से परिपक्व लोकतंत्र जहाँ पर सभी को समान रूप से लोकतान्त्रिक अधिकार प्राप्त हैं.

वर्तमान में भारत में 17वीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव हो रहे हैं. चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्वक चुनाव कराने के लिए मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट (MCC) की घोषणा भी की है लेकिन कई नेता इस MCC को तोड़ रहे हैं. लेकिन चुनाव में हिंसा और अराजकता कम करने करने के लिए चुनाव आयोग के पास कुछ शक्तियां भी हैं. चुनाव आयोग को ये शक्तियां भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 से मिली हैं. इसी अनुच्छेद 324 का उपयोग करते हुए चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में एक दिन पहले ही चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी है.

अनुच्छेद 324 क्या है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 में निर्वाचन आयोग का प्रावधान किया गया है जो भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव सम्पन्न कराने वाली शीर्ष संस्था है ताकि चुनाव प्रक्रिया में जनता की भागीदारी को सुनिश्चित किया जा सके.

अनुच्छेद 324 में संसद, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति पद और राज्य विधानमंडल के लिए चुनाव कराने के नियमों, निर्देशों और चुनाव आयोग के अधिकारों के बारे में बताया गया है.

पश्चिम बंगाल में एक चुनाव चुनाव रोड शो के दौरान हिंसा हुई थी जिसके बाद चुनाव आयोग ने अनुच्छेद 324 का इस्तेमाल करते हुए सभी चुनाव प्रचारों पर रोक लगा दी है. आयोग ने कहा कि " No person shall convene, hold, attend, join or address any public meeting or procession in connection with the election."

"कोई भी व्यक्ति चुनाव के संबंध में किसी भी जनसभा या जुलूस को आयोजित नही करेगा, उसमें उपस्थित या सम्मिलित नही होगा और संबोधित नहीं करेगा."

ज्ञातव्य है कि भारत में इस तरह से अनुच्छेद 324 का उपयोग करके चुनाव प्रचार पर पहली बार रोक लगायी गयी है.

चुनाव आयोग ने अनुच्छेद 324 का प्रयोग बंगाल में इसलिए किया ताकि वहां पर रजनीतिक हिंसा और ज्यादा ना बढ़े और 19 मई को होने वाले चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्वक संपन्न कराये जा सकें.

अनुच्छेद 324 चुनाव आयोग को निम्न अधिकार देता है

1. चुनाव आयोग इसी अनुच्छेद 324 के तहत किसी भी अधिकारी को निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए उसके पद से हटा सकता है. आयोग ने पश्चिम बंगाल में प्रिंसिपल सेक्रेटरी और CID सीआईडी के एडिशनल डायरेक्टर को पद से हटा दिया है.

2. अनुच्छेद 324 के अंतर्गत ही चुनाव आयोग किसी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी या राज्य स्तरीय दलों का दर्जा देता है.

3. यह राजनीतिक दलों को पंजीकृत करता है और उन्हें चुनाव चिन्ह प्रदान करता है.

4. आयोग निर्वाचक नामावलियों को तैयार करता है और समय-समय पर उनमें सुधार करता है. सभी योग्य मतदाताओं को पंजीकृत करता है.

5. यह चुनाव हेतु प्रत्याशियों के नामांकन स्वीकार करता है उनकी जाँच करता है.

6. चुनावों कार्यक्रम की तारीखों की घोषणा करता है और फिर चुनाव भी करवाता है.

7. राजनीतिक दलों को दूरदर्शन व रेडियो पर अपनी नीतियों व कार्यक्रमों के प्रचार के लिए समय सीमा का निर्धारण करता है.

इस प्रकार स्पष्ट है कि भारतीय संविधान ने देश में लोकतान्त्रिक ढांचे को मजबूत करने के लिए अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव आयोग जैसी स्वतंत्र संस्था का गठन किया है. उम्मीद है कि आगे आने वाले समय में चुनाव आयोग और भी सख्ती से निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रयास करता रहेगा.

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