Thursday, 27 December 2018

महत्त्वपूर्ण शब्दावली - Important Terms

महत्त्वपूर्ण शब्दावली - Important Terms


#Access Code : सूचना और संसाधनों की सुरक्षा के लिए प्रयुक्त विधि जिससे अनाधिकृत (Unauthorised) उपयोगकर्ता को सूचना तक पहुंचने से रोका जाता है।


Access Time : मेमोरी से डाटा प्राप्त करने के लिए दिए गए निर्देश तथा वास्तव में डाटा प्राप्त होने के बीच का समय।


Accessory : कम्प्यूटर में लगे सहायक संसाधन जिसका प्रयोग प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक नहीं, पर सहायक होता है। जैसे- स्कैनर, वेब कैमरा, फ्लॉपी डिस्क ड्राइव आदि।


#Active Cell : एक्सेल में प्रयुक्त वह खाना या सेल जहां वर्तमान में डाटा लिखा या परिवर्तित किया जा रहा हो।


Active Device : वह उपकरण जिसमें विद्युत प्रवाह द्वारा कोई कार्य संपादित किया जा सकता है।


Active Window : कम्प्यूटर में उस विण्डों को इंगित करता है जो वर्तमान में प्रयोग में है। अगला आदेश या निर्देश सक्रिय विण्डो पर ही लागू होता है।


Accumulator : एक रजिस्टर जो प्रोसेसिंग के दौरान डाटा और परिणामों को भण्डारित करता है।


#Adapter : दो या अधिक उपकरणों के बीच सामंजस्य के लिए प्रयुक्त युक्ति।


Algorithm : किसी कार्य को पूरा करने के लिए कम्प्यूटर को दिये जाने वाले अनुदेशों का क्रम।


Analog : लगातार परिवर्तित होने वाली या तरंग रूपीय भौतिक राशि की मात्रा, जैसे- प्रत्यावर्ती विद्युत धारा (AC), विद्युतीय तरंगें आदि।


Analog Computer : वह कम्प्यूटर जो ऐसे डाटा का प्रयोग करता है जिसकी मात्रा लगातार परिवर्तित हो रही है।


#Antivirus : निर्देशों का समूह या प्रयोग जो कम्प्यूटर को द्वेषपूर्ण प्रोग्राम (Virus) में होने वाली क्षति से बचाने के लिए प्रयोग किया जाता है।


Arithmetic Logic Unit (ALU) : कम्प्यूटर अर्थात् सीपीयू (CPU) का एक भाग जो गणितीय और तार्किक Arithmetic & Logical- स्वहपबंस प्रक्रियाओं को संपन्न करता है।


#Artificial Intelligence : कम्प्यूटर में मानवीय गुणों के अनुरूप सोचने, तर्क करने, सीखने और याद रखने जैसी क्षमताओं का विकास।


ASCII (American Standard Code for Information Interchange) : अक्षरों और संख्याओं को 8 बिट बाइनरी तुल्यांक में पदर्शित करने वाला प्रचलित कोड।


Assembly Language : एक कम्प्यूटर भाषा जिसमें अक्षरों और चिन्हों के छोटे-छोटे कोड का प्रयोग किया जाता है। उपयोग से पहले इसे मशीनीय भाषा में बदलना पड़ता है।


Audio-Visual : ऐसी सूचना जिसे हम देख और सुन सकते हैं, पर प्रिंट नहीं कर सकते।


#Auto Cad : रेखाचित्र और ग्राफ को स्वतः तैयार करने वाला सॉफ्टवेयर।


Auxilliary Memory : इसे द्वितीयक (Secondary) मेमोरी भी कहते हंै। यह मुख्य या प्राथमिक मेमोरी (Main or Primary) की सहायक तथा बड़ी क्षमता वाली होती है।


Backup : प्रोग्राम, डाटा या हाॅर्डवेयर की वैकल्पिक व्यवस्था जिसका प्रयोग मुख्य संसाधन के नष्ट या खराब हो जाने पर किया जाता है। इसके अंतर्गत प्रोग्राम और डाटा की अतिरिक्त कापियाँ बनाई जाती है।


Bandwidth : डाटा संचारण में प्रयुक्त आवृत्ति (Frequency) की उच्चतम और निम्नतम सीमा का अंतर। इसे बिट्स प्रति सेकेण्ड से इंगित करते हैं।


#Bar Code : अल्फान्यूमेरिक डाटा को विभिन्न चैड़ाई की ऊर्ध्वाधर पट्टियों से व्यक्त करना। यह किसी उत्पाद के कूट (Code) के रूप में प्रयोग की जाती है।


#Binary : एक संख्या पद्वति जिसमें आधार 2 होता है और केवल 0 तथा 1 अंकों का प्रयोग किया जाता है।


Biometric Device : व्यक्ति के भौतिक गुणों (पिंफगर प्रिंट, आवाज, हस्तरेखाएं) आदि का प्रयोग कर पहचान स्थापित करने की पद्धति।


Bitmap : डाॅट (Pixels) को आॅन और आॅफ (on & off) करने के माध्यम से दिखाया गया रेखाचित्र।


Blue tooth : कम आवृत्ति वाली तरंगों का प्रयोग कर मोबाइल के द्वारा कम्प्यूटर को नेटवर्क से जोड़ने की व्यवस्था।


Booting : कम्प्यूटर को चालू किये जाने पर द्वितीयक मेमोरी से आपरेटिंग सिस्टम की प्राथमिक मेमोरी में लाया जाना ताकि कम्प्यूटर को प्रयोग के लिए तैयार किया जा सके।


Browse : इंटरनेट पर पसंदीदा वेबसाइट को खोजने की प्रक्रिया।


Browser : इंटरनेट पर अपनी पसंद की साइट को खोजकर सूचना प्राप्त करने में सहायता करने वाला सॉफ्टवेयर।


Bug : कम्प्यूटर प्रोग्राम में आने वाली त्रुटि।


Byte : 8 बिटों का समूह जो एक अक्षर को निरूपित करता है।


C : एक उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा।


Chip: सिलिकाॅन की बनी एक पहली युक्ति जिस पर इलेक्ट्राॅनिक सर्किट को बनाया जाता है।


CD ROM (Compact Disk- Read Only Memory) : धातु की बनी 12 cm व्यास की भंडारण डिस्क जिस पर एक बार लिखा, पर बार-बार पढ़ा जा सकता है। इसकी क्षमता लगभग 700 मेगाबाइट होती है


CD-R (Compact Disk-Recordable) : भंडारण युक्ति जिस पर डाटा को एक बार लिखा परन्तु कई बार पढ़ा। (WORM-Write Once Read Many) जा सकता है।


CD ROM Juke BOX (Compact Disk-Read Only Memory Juke Box) : एक भंडारण युक्ति जिसमें अनेक सीडी राॅम डिस्क तथा डिस्क ड्राइव को मिलाकर एक यूनिट का निर्माण किया जाता है। इससे इसकी भंडारण क्षमता अधिक हो जाती है।


Central Processing Unit (CPU) : कम्प्यूटर का मुख्य भाग जो कट्रोल यूनिट (CU) अरिथमैटिक लाॅजिक यूनिट (ALU) तथा मेमोरी से मिलकर बना होता है। यह कम्प्यूटर का दिमाग कहलाता है।


Character Printer : एक बार में एक कैरेक्टर (अक्षर अंक या चिन्ह) प्रिंट करने वाला प्रिंटर।


Control Panel : इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों का वह हिस्सा जहाँ विभिन्न बटन लगे रहते हैं जिनके सहारे उपकरण की दिशा-निर्देश दिया जा सकता है।


Control Unit (CU) : सीपीयू का वह भाग जो कम्प्यूटर के कार्यों और उससे लगे उपकरणों पर नियंत्रण रखता है तथा उनके बीच समन्वय स्थापित करता है।


Corel Draw : डेस्कटाॅप पब्लिशिंग (DTP) में प्रयोग किया जाने वाला एक सॉफ्टवेयर जिससे डिजाइन तैयार किये जाते हैं।


Cut and Paste : माॅनीटर पर चयनित (Selected) टेक्स्ट या ग्राफिक्स को एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर रखना।


Cyber Space : कम्प्यूटर के विश्व स्तरीय नेटवर्क का एक प्रचलित नाम।


Delete : चयनित किये गये एक या अधिक अक्षर, शब्द, पैराग्राफ या फाइल को डिस्क या मेमोरी से हटाना।


Desk Top : कम्प्यूटर स्क्रीन जो कम्प्यूटर के चालू किये जाने के बाद दिखाई देती है।


Desk Top Publishing (DTP) : यह कम्प्यूटर का प्रकाशन के क्षेत्र में उपयोग किये जाने के लिए तैयार अप्लिकेशन सॉफ्टवेयर है।


Dial up line : टेलीफोन द्वारा नम्बर डायल कर संचार व्यवस्था स्थापित करने की विधि। इसे स्विच्ड लाइन (Switched line) भी कहते हैं।


Digital Computer : इलेक्ट्राॅनिक संकेतों पर चलने वाले तथा द्विअधारी अंक पद्धति (Binary number system)का प्रयोग करने वाले कम्प्यूटर।


Digital Video/ Versatile Disk (DVD) : यह सूचना भंडारण के लिए प्रयुक्त प्रकाशीय डिस्क है। इसकी भंडारण क्षमता उच्च होती है। इसमें सूचनाओं को लिखने और पढ़ने के लिए लेजर किरणों का प्रयोग किया जाता है।


Disk : प्लास्टिक या धातु की बनी गोलाकार,चपटी प्लेट जिस पर चुंबकीय पदार्थ की परत चढ़ी रहती है। इसका प्रयोग डाटा या सूचना के भंडारण में किया जाता है।


Disk Operating System (DOS) : कम्प्यूटर को बूट (Boot) करने तथा नियंत्रित करने वाला आपरेटिंग सॉफ्टवेयर।


Dots Per Inch (DPI) : प्रति एक इंच में ऊर्ध्वाधर या क्षैतिज रूप में उपस्थित बिंदुओं की संख्या। इसके द्वारा प्रिंट की गुणवत्ता की पहचान की जाती है।


Downloading : किसी नेटवर्क में दूरस्थ कम्प्यूटर से स्थानीय कम्प्यूटर पर डाटा या फाइल को लाना।


Drag : माउस द्वारा किसी फाइल को क्लिक कर उसे खींचकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना।


Drop Down Menu : विण्डोज प्रोग्राम में किसी प्रमुख कार्य से संबंधित उपलब्ध विकल्पों की सूची जो नीचे प्रदर्शित की जाती है।


Edit : डाटा की आकृति या स्वरूप में परिवर्तन करना।


EEPROM : यह एक भण्डारण चिप है जिसमें उच्च विद्युत विभव द्वारा डाटा को मिटाकर दूसरा डाटा डाला जा सकता है।


Electronic Mail : इंटरनेट से जुड़े कम्प्यूटर की सहायता से किसी अन्य इंटरनेट उपयोगकर्ता को संदेश भेजना। प्राप्तकर्ता का उस समय कम्प्यूटर पर उपस्थित होना आवश्यक नहीं है।


End User : कम्प्यूटर के प्रयोग से प्राप्त की गई सूचना को किसी अन्य उद्देश्य में प्रयोग करने वाला व्यक्ति।


Ethernet : कम्प्यूटर को स्थानीय नेटवर्क (LAN) में जोड़ने के लिए प्रयुक्त तकनीक।


Exe file : क्रियान्वित की जा सकने वाली फाइल का एक प्रकार।


Expansion Slot : मंदरबोर्ड पर बना स्थान जहां उपकरण लगाकर कम्प्यूटर की क्षमता बढ़ायी जा सकती है।


File : सूचनाओं का एक स्थान संग्रहण।


Font : एक समान आकृति और आकार में बने कैरेक्टर का संपूर्ण समूह। यह अक्षरों को विभिन्न प्रकार से लिखने की व्यवस्था है।


Footer : किसी पेज की सबसे नीचे की पंक्ति में स्वतः लिखा जाने वाला टेक्स्ट।


Format : डिस्क के प्रयोग से पूर्व सेक्टर तथा ट्रैक में बांटने की प्रक्रिया।


Gigabytes (GB) : मेमोरी की एक इकाई जो 230 बाइट के बराबर है।


Hacker : नेटवर्क से जुड़कर अपने स्वार्थों के लिए अन्य कम्प्यूटर का गलत इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति।


Hang : कम्प्यूटर द्वारा निर्देशों का पालन न करने की स्थिति।


Hard Copy : कम्प्यूटर द्वारा प्रस्तुत स्थायी आउटपुट जिसे कम्प्यूटर के प्रयोग के बिना भी उपयोग किया जा सकता है। जैसे-पेपर पर प्रिंट किया गया आउटफट।


Hard Disk : धातु (अल्युमिनियम) का बना कठोर डिस्क, जिस पर चुम्बकीय पदार्थ की परत चढ़ी रहती है। इसका उपयोग डाटा भंडारण में किया जाता है।


Hardware : कम्प्यूटर का भौतिक भाग जिसे हम छू कर महसूस कर सकते हैं।


Hexadecimal Number System : एक संख्या पद्धति जिसमें कुल 16 मूल संख्याओं का प्रयोग होता है। (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, A, B, C, D, E तथा F अतः इसका आधार 16 होता है।


Home Page : प्रत्येक वेबसाइट का प्रथम पृष्ठ जो उसमें स्थित सूचनाओं की सूची प्रदान करता है।


Host : इंटरनेट सेवा या अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रयुक्त कम्प्यूटर।


Hybrid Computer : डिजिटल व एनालाॅग कम्प्यूटर का मिश्रित रूप।


Hyperlink : किसी पेज या दस्तावेज को उसी या किसी अन्य दस्तावेज से जोड़ना।


Hyper Text : एक डाक्यूमेंट के किसी शब्द या शब्द समूह को उसी डाक्यूमेंट या किसी अन्य डाक्यूमेंट से लिंक करने की व्यवस्था।


Hyper Text Transfer Protocol (HTTP) : विभिन्न कम्प्यूटरों को इंटरनेट पर आपस में जोड़ने के लिए प्रयुक्त नियमों का समूह।


IO Port : कम्प्यूटर सिस्टम यूनिट में इनपुट और आउटपुट डिवाइस को लगाने के लिए बना साकेट।


Icon : कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखनेवाला चित्र जिसकी सहायता से माउस या किसी अन्य प्वाइंटिंग डिवाइस के सहारे कम्प्यूटर प्रोग्राम को चुना या चालू किया जा सकता है।


Inkjet Printer : कागज पर स्याही की छोटी-छोटी बूंदों को जेट द्वारा छिड़क कर प्रिंट करने वाला प्रिंटर।


Input : प्रोसेसिंग के लिए डाटा और अनुदेशों को कम्प्यूटर में डालना।


Input Device : डाटा और अनुदेशों को कम्प्यूटर में डालने के लिए प्रयुक्त युक्ति।


Integrated Services Digital Network (ISDN) : ध्वनि और डाटा स्थानान्तरण के लिए स्थापित डिजिटल टेलीफोन सेवा।


Interface : कम्प्यूटर के इनपुट और आउटपुट डिवाइस को सीपीयू या मेमोरी के साथ जोड़ने के लिए प्रयुक्त इलेक्ट्राॅनिक सार्किट।


Internal Storage : आंतरिक भंडारण सीपीयू से सीधी जुड़ी हुई मेमोरी।


Internet : कम्प्यूटर के नेटवर्कों का नेटवर्क जो दुनिया के विभिन्न कम्प्यूटरों को आपस में जोड़ता है।


Internet Service Provider (ISP) : इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली संस्था जिसमें एक या अधिक गेटवे कम्प्यूटर रहता है तथा जो अन्य कप्यूटरों को गेटवे के सहारे इंटरनेट से जुड़ने की सेवा प्रदान करता है।


Internet Surfing : इंटरनेट पर उपयोगी सूचनाओं को खोजना।


Inter networking : दो या अधिक नेटवर्कों को आपस में जोड़ना।


Interpreter : उच्च स्तरीय भाषा को मशीनी भाषा में परिवर्तित करने वाला सॉफ्टवेयर। यह प्रोग्राम को एक-एक लाइन पर परिवर्तित करता है।


IP Address (Internet Protocol Address) : इंटरनेट पर किसी वेबासाइट का 32 बिट का अंकीय पता।


पाॅप अप (Pop-up): वेब ब्राउजिंग के दौरान स्वयं खुलने वाला विज्ञापन का विण्डो है।


Java : एक प्रोग्रामिंग डिवाइस (उपकरण) जिसका प्रयोग मुख्यतः वीडियो गेम, सिमुलेटर, रोबोट आदि में प्वाइंट या सेलेक्ट करने के लिए किया जाता है।


JPEG (Joint Photographic Experts Group) : इंटरनेट की ग्राफिकल इमेज (Graphical Images) के लिए इस्तेमाल की जाने वाली काॅम्प्रेशन तकनीक (Compression technQue)


Key-Board : एक इनपुट उपकरण जिस पर बने बटनों को दबाकर कम्प्यूटर में डाटा या निर्देश डाले जाते हैं।


Laptop : एक छोटा कम्प्यूटर जिसे मोड़कर कहीं भी ले जाया तथा प्रयोग किया जा सकता है। चूँकि इसे गोद (Lap) में रखकर प्रयोग किया जाता है, अतः इसे लैपटाॅप कम्प्यूटर कहते हैं।


Laser Printer : लेजर बीम और फोटो विद्युतीय प्रभाव का प्रयोग कर प्रिंट उत्पन्न करने वाला प्रिंटर। यह एक बार में पूरा पेज प्रिंट करता है।


Login : कार्य प्रारंभ करने के लिए प्रोग्राम में जाने की प्रक्रिया।


Logoff : अपना कार्य समाप्त कर उस प्रोग्राम से बाहर निकलने की प्रक्रिया।


Machine Language : एक निम्नस्तरीय भाषा जिसका प्रयोग कम्प्यूटर में सीधे किया जा सकता है। यह प्रत्येक प्रकार के कम्प्यूटर के लिए अलग-अलग होती है।


Magnetic Storage : एक भंडारण उपकरण जिसमें चुम्बकीय पदार्थों का प्रयोग किया जाता है।


Main Memory : वह मेमोरी जो सीधे सीपीयू के संपर्क में रहती है।


Main Frame Computer : बड़ी मात्रा में डाटा प्रोसेसिंग के लिए प्रयुक्त कम्प्यूटर। इसमें कई उपयोगकर्ता एक साथ कार्य कर सकते हैं।


Memory : डाटा व सूचनाओं को संग्रहित करने वाला उपकरण जो आवश्यकता पड़ने पर उसे पुनः प्रकट करता है।


Micro Computer : छोटे आकार का स्वतंत्र कप्यूटर जिसमें एक माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग होता है।


Microprocessor : एक इंटिग्रेटेड सर्किट चिप जो कम्प्यूटर के मूलभूत कार्यों को संपन्न करती है। इसे सीपीयू (CPU) भी कहते हैं।


Modem : यह Modulator- Demodulator का संक्षिप्त रूप है। यह एक इलेक्ट्राॅनिक उपकरण है जो डिजिटल संकेतों को एनालाॅग संकेतों में बदलकर संचार माध्यम पर भेजता है तथा प्राप्त किए गए डिजिटल संकेतों को एनालाॅग संकेतों में बदलता है।


Monitor : सॉफ्टकाॅपी प्रदान करने वाला आउटपुट उपकरण। यह कम्प्यूटर में संपन्न होने वाली प्रक्रियाओं को प्रदर्शित भी करता है।


Mother Board : कम्प्यूटर सिस्टम का मुख्य पटल जिसमें सभी उपकरण लगाये जाते हैं।


Mouse : एक इनपुट उपकरण जिससे प्वाइंट, क्लिक तथा ड्रैग का काम किया जाता है।


Multimedia : सूचना प्रदर्शित करने के लिए टेक्स्ट, ग्राफ, एनीमेशन श्रव्य या दृश्य माध्यमों में से दो या अधिक माध्यमों का एक साथ प्रयोग।


Multitasking : एक उपयोगकर्ता द्वारा कई कार्यों को एक साथ संपन्न करना।


Off line : कम्प्यूटर में प्रयुक्त उपकरण जो सीपीयू से सीधा जुड़ा हुआ नहीं रहता।


On line : कम्प्यूटर में प्रयुक्त उपकरण जो सीपीयू से सीधा जुड़ा रहता है तथा सीपीयू का उस पर नियंत्रण रहता है।


Optical Mark Reader (OMR) : एक इनपुट उपकरण जो विशेष प्रकार के चिन्होँ/संकेतों को पढ़कर उसे कम्प्यूटर के उपयोग के योग्य बनाता है।


Output device : एक उपकरण जो डाटा प्रोसेसिंग के पश्चात उत्पन्न सूचना को प्रदार्शित करता है।


Page Setup : प्रिंट करने से पहले डाक्यूमेंट में पेज की स्थिति को निर्धारित करने वाला सॉफ्टवेयर।


Password : सुरक्षा की दृष्टि से प्रयुक्त कोड जिसका प्रयोग कर ही कम्प्यूटर का उपयोग किया जा सकता है। पासवर्ड अंकों, अक्षरों तथा चिन्होँ से बना होता है। यह छापे के बड़े और छोटे अक्षरों में पहचान कर सकता है अर्थात यह केस सेंसिटिव (Case Sensitive) होता है।


Peripherals : कम्प्यूटर सिस्टम से जुड़े अनेक इनपुट व आउटपुट उपकरण तथा मेमोरी उपकरण जो कम्प्यूटर सिस्टम को चारों तरफ से घेरे रहते हैं।


Personal Computer : व्यक्तिगत उपयोग के लिए तैयार एक माइक्रो कम्प्यूटर जिसे विभिन्न कार्यों के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है।


Piracy : किसी मूल सॉफ्टवेयर की गैर कानूनी तौर पर प्रति बनाना।


Printer : एक आउटपुट उपकरण जो कागज पर हार्ड काॅपी प्रस्तुत करता है।


Processing : डाटा पर किये जाने वाले कार्य व प्रक्रियाएं जिससे उन्हें सूचना में बदला जा सकें।


Procesor : कम्प्यूटर का वह भाग जो कम्प्यूटर की मूलभूत क्रियाओं और अनुदेशों को संपन्न करता है।


Program : अनुदेशों का समूह जिन्हें एक क्रम में क्रियान्वित करने पर कम्प्यूटर द्वारा किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति करायी जा सकती है।


Programmable Read Only Memjory (PROM) : स्थायी भंडारण की इलेक्ट्राॅनिक युक्ति जिसमें स्थित डाटा को विशेष उपकरणों द्वारा बदला जा सकता है।


Programming Language : वह भाषा जो कम्प्यूटर समझ सकता है तथा जिसमें कम्प्यूटर प्रोग्राम तैयार किया जाता है।


Public domain Software : इंटरनेट पर मुफ्त में उपलब्ध सॉफ्टवेयर। इसे शेयर वेयर भी कहते हैं।


Random Access Memory (RAM) : मेमोरी का प्रकार जिसमें सूचना पुनः प्राप्त करने मे ंलगा समय सूचना की स्थिति पर निर्भर नहीं करता है।


Real Only Memory (ROM) : एक इलेक्ट्राॅनिक मेमोरी उपकरण जिसमें संग्रहित सूचना विद्युत सप्लाई के बिना भी बनी रहती है तथा इसमें परिवर्तन नहीं किया जा सकता।


Reboot : कम्प्यूटर को आॅफ कर पुनः आॅन करने की प्रक्रिया।


Router : विभिन्न नेटवर्क को आपस में जोड़ने के लिए प्रयुक्त विधि।


Save : कम्प्यूटर में डाटा या सूचनाओं को फाइल में स्टोर करना ताकि उसका भविष्य में प्रयोग किया जा सके।


Scanner : एक प्रकार का इनपुट उपकरण जो तस्वीर और रेखाचित्र को डिजिटल चित्र में परिवर्तित करता है।


Screen saver : एक चलायमान चित्र जो कम्प्यूटर के एक निश्चित समय तक निष्क्रिय रहने की स्थिति में स्क्रीन पर दिखाई देता है।


Scroll : किसी विण्डों में दिखाई देने वाली कम्प्यूटर स्क्रीन से बड़ा डाटा या चित्र को ऊपर-नीचे या दायें- बायें खिसकाने की व्यवस्था।


Secondary Memory : एक स्थायी मेमोरी जो सीपीयू से सीधी जुड़ी नहीं रहती तथा कम्प्यूटर बन्द कर देने पर भी डाटा नष्ट नहीं होता।


Server Computer : मुख्य कम्प्यूटर जो नेटवर्क से जुड़े अन्य कम्प्यूटरों, साझा संसाधनों तथा सेवाओं पर नियंत्रण रखता है तथा उनकी सेवा उपलब्ध कराता है।


Setup : किसी सॉफ्टवेयर को कम्प्यूटर में स्थापित करने की प्रक्रिया आरंभ करने के लिए तैयार फाइल।


Software : कम्प्यूटर प्रोग्रामों का समूह जो कम्प्यूटर के प्रभावी संचालन व उपयोग को सुनिश्चित करता है।


Software Package : किसी विशेष कार्य के लिए निर्मित प्रोगामों का समूह जो प्रयोग के लिए एक साथ ही उपलब्ध है।


Source Program : मशीनी भाषा से अलग अन्य भाषा में लिखे गए प्रोग्राम।


Sector : मेमोरी डिस्क की सबसे छोटी इकाई जिस पर डाटा को लिखा जाता है।


Search Engine : वर्ल्ड वाइड वेब पर उपयोगी सूचना वाले वेवासाइट को खोजने के लिए तैयार सॉफ्टवेयर


Static Ram : मेमोरी का प्रकार जो डाटा को विद्युत सप्लाई रहने तक ही स्टोर करती है।


Sub Script : किसी अंक या अक्षर के बाद उसके नीचे कोई दूसरा अंक या अक्षर छोटे आकार में लिखना।


Super Computer : अति उच्च क्षमता वाले कम्प्यूटर जिनमें कई प्रोसेसर समानान्तर क्रम में लगे रहते हैं।


Swapping : डाटा व प्रोगाम को डिस्क पर स्टोर करना तथा आवश्यक पढ़ने पर उसे मुख्य मेमोरी में डालना।


System Software : प्रोग्रामों का समूह जो कम्प्यूटर सिस्टम के मूलभूत कार्यों को सम्पन्न करने तथा उन्हें कार्य के योग्य बनाए रखने के लिए प्रयुक्त होता है।


Touch Screen : प्रयोग में आसान इनपुट उपकरण जिसमें स्क्रीन पर उपलब्ध विकल्पों में से एक का चयन अंगुली द्वारा छूकर किया जाता है।


Troubleshooting : सॉफ्टवेयर तथा हार्डवेयर व गलतियों को दूढ़ना तथा उनका निदान खोजना।


Undo : विण्डोज सॉफ्टवेयर में पूर्व में दिये गये निर्देशों के प्रभाव को समाप्त करना।


Uninterrupted Power Supply (UPS) : कम्प्यूटर को लगातार निर्वाध विद्युत उपलब्ध कराने के लिए प्रयुक्त उपकरण। इसमें बैटरी का प्रयोग किया जाता है।


Unix : नेटवर्क उपयोग के लिए तैयार किया गया बहुउपयोगकर्ता, टाइम शेयरिंग आॅपरेटिंग सॉफ्टवेयर।


Upload : नेटवर्क में स्थानीय कम्प्यूटर से दूरस्थ कम्प्यूटर को फाइल भेजना।


User Friendly : प्रोग्राम या कम्प्यूटर जिसे बिना पूर्व अनुभव के कम जानकार व्यक्ति द्वारा भी आसानी से चलाया जा सकता है।


Very Large Scale Intergration (VLSI) : एक चित्र पर 10,000 के करीब इलेक्ट्राॅनिक फर्जों का निर्माण।


Video Display Terminal (VDT) : एक कम्प्यूटर टर्मिनल जिसमें इनपुट के लिए की-बोर्ड तथा आउटपुट के लिए माॅनीटर का प्रयोग होता है।


Virus : एक छोटा अवैध प्रोग्राम जिसे क्रियान्वित करने पर वह कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर तथा सूचना को कुप्रभावित करता है।


WAP (Wireless Access Point) : एक युक्ति है जो विभिन्न संचार माध्यमों का जोड़कर एक बेतार नेटवर्क बनाता है।


Web Browser : इंटरनेट पर वेबसाइट को खोजने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए प्रयुक्त सॉफ्टवेयर।


WiFi : का अर्थ है Wireless Fidelity इसका प्रयोग बेतार तकनीक द्वारा कम्प्यूटर के दो उपकरणों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए किया जाता है।


 


 


मौद्रिक नीति

मौद्रिक नीति


1. मुख्य भाग


मौद्रिक नीति एक ऐसी नियामक नीति है जिसके तहत केंद्रीय बैंक (भारत के मामले में आरबीआई) पैसे की आपूर्ति सामान्य आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए करता है। भारत में मुद्रा की आपूर्ति भारतीय रिजर्व बैंक करता है । सिक्के, वित्त मंत्रालय द्वारा ढालवाये जाते हैं लेकिन उनकी आपूर्ति भी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा की जाती है। मौद्रिक नीति के मुख्य कारक हैं: नकद आरक्षित अनुपात, सांविधिक तरलता अनुपात, बैंक दर, रेपो दर, रिवर्स रेपो दर और खुले बाजार के परिचालन।


चक्रवर्ती समिति ने इस बात पर पर जोर दिया कि भारत में मौद्रिक नीति के महत्वपूर्ण उद्देश्यों में कीमतों में स्थिरता, विकास, समानता, सामाजिक न्याय, नए मौद्रिक और वित्तीय संस्थानों को बढ़ावा देना शामिल हैं।


2. मौद्रिक नीति के कारक


1. मात्रात्मक, सामान्य या अप्रत्यक्ष (सीआरआर एसएलआर, खुले बाजार परिचालन, बैंक दर, रेपो दर, रिवर्स रेपो दर)


2. गुणात्मक, चयनात्मक या प्रत्यक्ष (मार्जिन मनी में बदलाव, प्रत्यक्ष कार्रवाई, नैतिक दबाब)


इन दोनों तरीकों से बाजार में मुद्रा की आपूर्ति निर्धारित की जाती हैं।


दो प्रकार के उपकरणों में, पहला है श्रेणी बैंक दर में बदलाव, जिसमें खुले बाजार का परिचालन और बदलते रिजर्व की आवश्यकता (नकद आरक्षित अनुपात, सांविधिक तरलता अनुपात) शामिल हैं। ये साधन वाणिज्यिक बैंकों के माध्यम से अर्थव्यवस्था में ऋण के समग्र स्तर को नियमित करते हैं। चयनात्मक ऋण नियंत्रण विशिष्ट प्रकार के क्रेडिट को नियंत्रित करता है।


1. बैंक दर नीति


» बैंक दर, वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक, वाणिज्यिक बैंकों को उधार देता हैं। केंद्रीय बैंक को जब यह लगता है कि मुद्रास्फीति लगातार बढ़ रही है, तो केंद्रीय बैंक दर को बढ़ा देता है और इस तरह केंद्रीय बैंक से उधार लेना महंगा हो जाता है। बैंक दर बढ़ने से वाणिज्यिक बैंक केंद्रीय बैंक (आरबीआई) से उधार लेना कम कर देते हैं।


» वाणिज्यिक बैंकों, प्रतिक्रिया में, व्यापारियों को और उधारकर्ताओं को उधार देने के लिए व्याज दरों में वृद्धि कर देते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि वाणिज्यिक बैंकों से लोग उधार लेना कम कर देते हैं। ऋण के संकुचन से कीमतों में कमी आती है। इसके विपरीत, जब मुद्रास्फीति कम होती हैं, तो केंद्रीय बैंक व्याज दर को कम कर देती हैं जिससे वाणिज्यिक बैंकों से उधार लेना सस्ता हो जाता है। इस स्थिति में व्यवसायियों को अधिक उधार लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। निवेश भी प्रोत्साहित होता है जो उत्पादन , रोजगार, आय और मांग को बढ़ाता है I इस तरह नीचे जा रही कीमतों पर विराम लगता है।


2. खुला बाजार परिचालन


» खुले बाजार के परिचालन के तहत देश के केंद्रीय बैंक द्वारा प्रतिभूतियों की बिक्री और खरीद मुद्रा बाजार में की जाती है। जब कीमतें बढ़ रही होती हैं तो उन्हें नियंत्रित करने के जरूरत होती है, ऐसे समय में केंद्रीय बैंक प्रतिभूतियों को बेचता हैं जिससे वाणिज्यिक बैंकों का रिजर्व कम हो जाता है और वे व्यापारियों या आम जनता को ज्यादा उधार देने की स्थिति में नहीं होते हैं।


» इसके अलावा इसका निवेश पर नकारात्माक असर पडता है और कीमतों में वृद्धि पर रोक लग जाती है। इसके विपरीत जब अर्थव्यवस्था में मंदी का बोलबाला होता है तो, केंद्रीय बैंक प्रतिभूति खरीदता है। जिससे वाणिज्यिक बैंकों का मुद्रा भंडार बढ़ जाता है और वे व्यापारियों और आम जनता अधिक उधार देने की स्तिथि में होते हैं । इस क्रम में निवेश, उत्पादन, रोजगार, आय और मांग अर्थव्यवस्था में बढ़ जाता है, इस तरह कीमत में गिरावट थम जाती है।


3. रिजर्व अनुपात में परिवर्तन


इस विधि के तहत सीआरआर और एसएलआर के दो मुख्य जमा अनुपात होते हैं, जो वाणिज्यिक बैंकों की निष्क्रिय शेष नकदी घटा देते हैं या बढ़ा देते हैं। हर बैंक को नियमानुसार अपने जमा का कुछ प्रतिशत रिजर्व फंड के रुप में रखना पड़ता है और साथ ही केंद्रीय बैंकों के साथ भी अपनी कुल जमा का एक निश्चित प्रतिशत रखने होता है। जब मुद्रास्फीति/कीमतें बढ़ रही होती हैं, तो केंद्रीय बैंक आरक्षित अनुपात को बढ़ा देती हैं इस कारण वाणिज्यिक बैंकों को केंद्रीय बैंक के साथ और अधिक रिजर्व फंड रखने की आवश्यकता होती है। कम होते अपने रिजर्व भंडार की कारण और उधार देना कम कर देते हैं। निवेश, उत्पादन और रोजगार की मात्रा पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसके विपरीत स्थिति में, जब आरक्षित अनुपात कम हो जाता है, वाणिज्यिक बैंकों का भंडार बढ़ जाता है। इन हालातों में बैंक अधिक उधार देते हैं और आर्थिक गतिविधि अनूकुल होती है।


1. मार्जिन मनी में परिवर्तन


इसका परिणाम यह होता है कि ऋण लेने वालों को निर्दिष्ट प्रतिभूतियों के खिलाफ ऋण में कम पैसा दिया जाता है। उदाहरण के लिए, 70% मार्जिन आवश्यकता को बढ़ाने का मतलब 10,000 रुपये के मूल्य की प्रतिभूतियों के बदले उनके मूल्य का 30% ऋण दिया जाएगा अर्थात् ऋण के रूप में केवल 3,000 रुपये।


2. नैतिक दबाब


इस विधि के तहत रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों से अर्थव्यवस्था में पैसे की आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए आग्रह करता है।


4. भारत में मौद्रिक नीति के उद्देश्य


1. मूल्य स्थिरता : मूल्य स्थिरता का तात्पर्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देने से है। इसका मुख्य उद्देश्य विकास परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए अनुकूल वातावरण बनाना और साथ ही उचित मूल्य स्थिरता को बनाए रखना।


2. बैंक ऋण का नियंत्रित विस्तार : यह भारतीय रिजर्व बैंक के महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है । बैंक ऋण का नियंत्रित विस्तार और मुख्य फोकस उत्पादन को प्रभावित किए बिना ऋण की आवश्कता पर विशेष ध्यान रखना है।


3. स्थिर निवेश का संवर्धन : इसका मुख्य उद्देश्य गैर जरूरी निवेश को रोकते हुए उत्पादक निवेश को बढ़ाना होता है।


4. निर्यात और खाद्यान्न खरीद संचालन के संवर्धन : मौद्रिक नीति का मुख्य उद्देश्य निर्यात को मजबूत करना और व्यापार की सुविधाओं को बढ़ाना। क्रम में निर्यात को बढ़ावा देने और व्यापार की सुविधा के लिए विशेष ध्यान देता है। यह मौद्रिक नीति का स्वतंत्र उद्देश्य है।


5. क्रेडिट का वांछित वितरण : मौद्रिक प्राधिकरण का मुख्य कार्य प्राथमिकता क्षेत्र और छोटे उधारकर्ताओं को ऋण आवंटन के निर्णय पर नियंत्रण रखना है। यह नीति प्राथमिकता वाले क्षेत्र और छोटे ऋण लेने वालों को ऋण का निश्चित प्रतिशत आवंटित करने के लिए किया जाता है।


6. क्रेडिट का समान वितरण : रिजर्व बैंक की नीति अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों और समाज के सभी लोगों को समान रुप से वितरण करना है।


7. दक्षता को बढ़ावा देना : यह एक अनिवार्य पहलू है, जहां केंद्रीय बैंक अधिक ध्यान देते हैं। यह वित्तीय प्रणाली में दक्षता बढ़ाने के लिए कोशिश करता है और ऋण वितरण प्रणाली के परिचालन में कटौती करता है, ऐसे में ब्याज दरों की ढील के रूप में संरचनात्मक परिवर्तनों को शामिल करने के लिए ब्याज दरों में ढील, ऋण वितरण प्रणाली के परिचालन में सहजता और मुद्रा बाजार में नए साधनों का आरंभ किया जाता है।


8. कठोरता को कम करना : भारतीय रिजर्व बैंक संचालन में लचीलापन लाने के लिए काफी स्वायत्तता प्रदान करने की कोशिश करता है। यह अधिक प्रतिस्पर्धी माहौल और विविधीकरण को प्रोत्साहित करता है। वित्तीय प्रणाली के संचालन में जब भी जहां भी आवश्यकता पड़ती है वहां यह अपना नियंत्रण रखता है।


 


भारत में हरित क्रांति

भारत में हरित क्रांति


1. परिचय


दूसरी पंचवर्षीय योजना के उत्तरार्ध में फोर्ड फाउंडेशन के विशेषज्ञों के एक दल को कृषि उत्पादन और उत्पादकता के साधन बढ़ाने के लिए नये तरीके सुझाने के लिए भारत सरकार द्वारा आमंत्रित किया गया था। इस टीम की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने 1960 में सात राज्यों से चयनित सात जिलों में एक गहन विकास कार्यक्रम आरम्भ किया और इस कार्यक्रम को गहन क्षेत्र विकास कार्यक्रम (IADP) का नाम दिया गया था। 1960 के मध्य का समय कृषि उत्पादकता की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण था। प्रो. नॉर्मन बोरलॉग तथा उनके साथियों द्वारा गेहूं की नई उच्च उपज किस्मों को विकसित किया गया और कई देशों द्वारा इसे अपनाया गया। बीजों की नई किस्मों द्वारा कृषि उत्पादन और उत्पादकता को बढाने के वादे के कारण, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों ने एक व्यापक पैमाने पर इसे अपनाया । इस नई 'कृषि रणनीति' को पहली बार भारत में 1966 के खरीफ के मौसम में अमल में लाया गया और इसे उच्च उपज देने वाली किस्म कार्यक्रम (HYVP) का नाम दिया गया था । इस कार्यक्रम को एक पैकेज के रूप में पेश किया गया था क्योंकि मुख्य तौर पर यह कार्यक्रम नियमित तथा पर्याप्त सिंचाई, खाद, उच्च उपज देने वाले किस्मों के बीज, कीटनाशकों पर निर्भर था।


2. हरित क्रांति के प्रभाव


a. उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि


- HYVP केवल पांच फसलों के लिए सीमित था- गेहूं, चावल, जवार, बाजरा और मक्का। इसलिए, गैर खाद्यानों को नई रणनीति के दायरे से बाहर रखा गया। गेहूं वर्षों से हरित क्रांति का मुख्य आधार बना हुआ है। हमें नए बीजों का कृतज्ञ होना चाहिए, जिससे एक साल में करोड़ों का अतिरिक्त टन अनाज का उत्पादन किया जा रहा है।


- हरित क्रांति के परिणामस्वरूप 1978-1979 में 131 मिलियन टन के रिकॉर्ड अनाज का उत्पादन हुआ। इस क्रांति के कारण भारत दुनिया के सबसे बड़े कृषि उत्पादकों के रूप में स्थापित हुआ। 1947 (जब भारत को राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त हुई) से 1979 के बीच 30% से अधिक खेत की प्रति इकाई उपज में सुधार हुआ है। हरित क्रांति के दौरान गेहूं और चावल की अधिक उपज देने वाली किस्मों के फसल क्षेत्र में वृद्धि हुई है।


a. हरित क्रांति ने न केवल कृषि श्रमिकों को काफी रोज़गार उपलब्ध कराया बल्कि औद्योगिक श्रमिकों को भी उससे सम्बंधित कारखानों और पनबिजली स्टेशनों में रोज़गार के अवसर दिलवाए।


b. संगठित बाजारों की व्यवस्था तथा सस्ते और आसन कृषि ऋण प्रणाली को अपनाया गया।


c. सरकार द्वारा प्रोत्साहन मूल्य प्रणाली को अपनाया गया।


d. देश में परंपरागत कृषि तकनीकी के स्थान पर आधुनिक तकनीकी को अपनाया गया जैसे,उन्नत किस्म के बीज ,कृतिम उर्वरक , सिचाई एवं कीटनाशक दवाएं तथा अन्य संसाधनों को अपनाया गया।


b. सुधार अवधि में कृषि विकास दर में गिरावट


1980 के दशक के दौरान प्रभावशाली प्रदर्शन के पंजीकरण के बाद, आर्थिक सुधार अवधि (1991 में प्रारम्भ) में कृषि विकास में गिरावट हुई। जैसा की यह स्पष्ट है, खाद्यान्न के उत्पादन की वृद्धि दर 1980 में 2.9 प्रतिशत प्रतिवर्ष से घटकर 1990 में 2.0 प्रतिशत प्रतिवर्ष पर आ गई तथा वर्तमान सदी के प्रथम दशक में 2.1 प्रतिशत प्रतिवर्ष पर स्थिर हो गया था ।


c. कृषि विकास में कमी के कारण


तेज़ी से विकास के समय में कृषि विकास दर में गिरावट के मुख्य कारण हैं:


» कृषि के क्षेत्र में सार्वजनिक और व्यापक निवेश में महत्वपूर्ण गिरावट


» कृषि भूमि का परिमाण छोटा होना


» नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में नाकामयाबी


» अपर्याप्त सिंचाई उपलब्ध होना


» प्रौद्योगिकी का कम उपयोग


» निवेश वस्तुओं का असंतुलित उपयोग


» योजना परिव्यय में गिरावट


» ऋण वितरण प्रणाली में दोष


3. हरित क्रांति और क्षेत्रीय असमानताओं का क्षेत्रीय प्रसार 


a. परिचय


HYV कार्यक्रम 1966-67 में 1.89 मिलियन हेक्टेयर के एक छोटे से क्षेत्र पर शुरू किया गया था और 1998-99 में भी यह केवल 78.4 मिलियन हेक्टेयर ही सम्मिलित कर पाया जो केवल सकल फसल क्षेत्र का 40 प्रतिशत ही है । स्वाभाविक रूप से, नई तकनीक का लाभ केवल इस क्षेत्र में केंद्रित बना रहा । इसके अलावा, हरित क्रांति कई वर्षों से गेहूं तक ही सीमित बना हुआ है, इसके लाभ ज्यादातर गेहूं पैदा करने वाले क्षेत्रों में अर्जित हो रहे हैं ।


b. पारस्परिक असमानता


यहाँ एक आम सहमति है कि हरित क्रांति के प्रारंभिक काल में, बड़े किसान, छोटे और सीमांत किसानों की तुलना में नई तकनीक से अधिक लाभान्वित हुए । नई तकनीक के आवेदन के लिए किया गया पर्याप्त निवेश बिलकुल भी प्रत्याशित नहीं था क्योंकि यह आमतौर पर ज्यादातर देश के छोटे तथा सीमान्त किसानों के मतलब से परे था । बड़े किसानों ने आय में ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाना जारी रखा क्योंकि प्रति एकड़ की कीमत कम थी और गैर-कृषि और खेत संपत्ति पर लाभ को पुनर्निवेश के द्वारा कई गुना अधिक कर लिया गया।


c. श्रम अवशोषण का प्रश्न


यद्यपि यहाँ पारस्परिक असमानताओं और खेतिहर मजदूरों की वास्तविक मजदूरी पर नई कृषि नीति के प्रभाव के बारे में अर्थशास्त्रियों के बीच मतभेद है, वहाँ एक आम सहमति है कि नई तकनीकों को अपनाने के कारण कृषि क्षेत्र में श्रम अवशोषण कम हो गया है।


d. कृषि व्यवहार में बदलाव


इस क्रांति की आलोचना इस बात पर भी की गई कि इसके कारण भारतीय किसान विदेशी बीजों पर नित्भर हो गए हैं और उनके परंपरागत बीज बाजार से गायब हो गए हैं जिसके कारण उन्हें अब बाजार से महंगे बीजों को खरीदना पड़ता है जो कि हर एक किसान के बस की बात नहीं है


 


 


Tuesday, 25 December 2018

Headlines in Hindi & English : 25 December 2018

Headlines in Hindi & English : 25 December 2018
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1. According to SDG India Index released by NITI Aayog, Himachal Pradesh, Kerala, and Tamil Nadu have been ranked highest in terms of being on track to achieve the United Nations’ Sustainable Development Goals (SDG). 

- नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी इंडिया इंडेक्स के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश, केरल और तमिलनाडु को ट्रैक पर रहने के मामले में सर्वोच्च स्थान दिया गया है। 

2. United Arab Emirates will deposit $3 billion in the central bank of Pakistan to help “enhance liquidity”. 

- संयुक्त अरब अमीरात "तरलता बढ़ाने के लिए” मदद करने में पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक में $3 बिलियन जमा करेगा। 

3. Every Year 24th December is observed as National Consumer Day. 

- प्रत्येक वर्ष 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

4. Olympic silver medallist PV Sindhu has been ranked third in the latest World Badminton Rankings. 

- ओलिंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधू ताजा विश्व बैडमिंटन रैंकिंग में तीसरे स्थान पर रही हैं। 

5. U.S. President Donald Trump has decided to pull a significant number of troops from Afghanistan. 

- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान से काफी संख्या में सैनिकों को हटाने का फैसला किया है। 

6. International Cricket Council's (ICC) Dispute Resolution Panel ordered Pakistan to pay 60 per cent of the cost demanded by the Board of Control for Cricket in India (BCCI). 

- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के (आईसीसी) विवाद समाधान पैनल ने पाकिस्तान को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा मांगी गई लागत का 60 प्रतिशत भुगतान करने का आदेश दिया हैं। 

7. W. V. Raman has been appointed as the Indian women’s cricket team head coach. 

- डब्ल्यू. वी. रमन को भारतीय महिला क्रिकेट टीम का प्रमुख कोच नियुक्त किया गया है। 

8. Nilanjan Roy has been appointed as the chief financial officer (CFO) of Infosys. 

- नीलांजन रॉय को इंफोसिस के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (सीएफओ) के रूप में नियुक्त किया गया हैं।

Saturday, 22 December 2018

Headlines in Hindi & English : 22 Dec 2018

Headlines in Hindi & English : 22 Dec 2018
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1. ISRO launched the country's latest satellite GSAT-7A. It will give a big boost to the strategic communication and networking capabilities of the Indian Air Force. 

- इसरो ने देश के नवीनतम उपग्रह जीसैट - 7 ए का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। यह उपग्रह वायुसेना की सामरिक संचार प्रणाली और नेटवर्किंग क्षमताओं को काफी मजबूत बनाएगा।

2. 9th India-South Korea Joint Commission meeting held in New Delhi. 

- 9वीं भारत-दक्षिण कोरिया संयुक्त आयोग की बैठक नई दिल्ली में आयोजित हुई है। 

3. Mohinder Pratap Singh has been appointed as the next Ambassador of India to Mongolia. 

- मोहिंदर प्रताप सिंह को मंगोलिया के लिए भारत के अगले उच्चायुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। 

4. New Zealand will ban single-use plastic shopping bags from July 1, 2019. 

- न्यूज़ीलैंड 1 जुलाई, 2019 से प्लास्टिक शॉपिंग बैग के एकल उपयोग पर प्रतिबंध लगाएगा। 

5. Belgium Prime Minister Charles Michel has resigned. 

- बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स मिशेल ने इस्तीफा दे दिया है। 

6. Haryana government has launched a ‘Shiksha Setu’ mobile application to provide students information on attendance, fee, online admission and scholarships of all government colleges of the state. 

- हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों में उपस्थिति, शुल्क, ऑनलाइन प्रवेश और छात्रवृत्ति पर छात्रों को जानकारी देने के लिए 'शिक्षा सेतु' मोबाइल एप्लीकेशन शुरू किया है। 

7. India’s largest cancer institute, National Cancer Institute (NCI) has been opened at Haryana’s Jhajjar. 

- भारत का सबसे बड़ा कैंसर संस्थान, राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) हरियाणा के झज्जर में खोला गया है। 

8. Manoj Kumar Varma has been appointed as the Director (Power) of Bharat Heavy Electricals Limited (BHEL). 

- मनोज कुमार वर्मा को भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लि. (भेल) का निदेशक (बिजली) नियुक्त किया है। 

9. The Cabinet had approved the appointment of Pranab Kumar Das as the new Chairman of Central Board of Indirect Taxes and Customs (CBIC) from January 1, 2019. 

- मंत्रिमंडल ने प्रणव कुमार दास की अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी।

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