देश का पहला लोकपाल दफ्तर
देश का पहला लोकपाल दफ्तर दिल्ली के एक पांच सितारा होटल से काम करेगा। लोकपाल अध्यक्ष और इसके सभी आठ सदस्यों और सहायक कर्मचारियों को होटल परिसर में जगह आवंटित की जा रही है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
उन्होंने कहा कि लोकपाल का कार्यालय चाणक्यपुरी स्थित द अशोक होटल से काम करेगा। हालांकि यह उसका अस्थायी कार्यालय होगा। 23 मार्च को राष्ट्रपति कोविंद ने देश के पहले लोकपाल अध्यक्ष के तौर पर पूर्व जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को शपथ दिलाई थी जबकि लोकपाल के आठ सदस्यों को पूर्व जस्टिस घोष ने 27 मार्च को शपथ दिलाई थी।विभिन्न उच्च न्यायालयों के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस दिलीप बी भोसले, प्रदीप कुमार मोहंती, अभिलाषा कुमारी और अजय कुमार त्रिपाठी ने लोकपाल के न्यायिक सदस्यों के रूप में शपथ ली थी जबकि सशस्त्र सीमा बल की पहली महिला प्रमुख अर्चना रामासुंदरम, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव दिनेश कुमार जैन, पूर्व आइएएस अधिकारी महेंद्र सिंह और गुजरात कैडर के पूर्व आइएएस अधिकारी इंद्रजीत प्रसाद गौतम ने लोकपाल के गैर-न्यायिक सदस्यों के रूप में शपथ ली थी।
फ़्लैशबैक
लोकपाल उच्च सरकारी पदों पर आसीन व्यक्तियों द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार की शिकायतें सुनने एवं उस पर कार्यवाही करने के निमित्त पद है। संयुक्त राष्ट्र संघ के एक सेमिनार में राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों के आचरण तथा कर्तव्य पालन की विश्वसनीयता तथा पारदर्शिता को लेकर दुनिया की विभिन्न राजनीतिक प्रणालियों में उपलब्ध संस्थाओं की जांच की गई। स्टॉकहोम में हुए इस सम्मलेन में वर्षों पूर्व आम आदमी की प्रशासन के प्रति विश्वसनीयता तथा प्रशासन के माध्यम से आम आदमी के प्रति सत्तासीन व्यक्तियों की जवाबदेही बनाए रखने के संबंध में विचार-विमर्श हुआ। लोक सेवकों के आचरण की जांच और प्रशासन के स्वस्थ मानदंडों को प्रासंगिक बनाए रखने के संदर्भों की पड़ताल भी की गई।इस सेमिनार ने पांच मुख्य संस्थाओं की जांच की जो पूरी दुनिया में जांच एजेंसियों के रूप में उस समय लागू थीं। इनमें संसदीय जांच समितियां, रूस की प्रोक्यूरेसी, अंग्रेजी विधि व्यवस्था में वर्णित न्यायिक अनुतोष, फ्रांसीसी पद्धति की जांच व्यवस्थाएं तथा स्कैण्डिनेवियन देशों में प्रचलित अंबुड्समान भी शामिल रहे हैं।इनमें अंबुड्समान नामक संस्था ने प्रशासन के प्रहरी बने रहने में अंतर्राष्ट्रीय सफलता प्राप्त की है। स्वीडन को इस बात का श्रेय है। वहां वर्ष 1713 में किंग चाल्र्स बारहवें ने अपने एक सभासद को उन अधिकारियों को दंडित करने के लिए नियुक्त किया जो कानून का उल्लंघन करते थे। स्वीडन में नया संविधान बनने पर संविधान सभा के सदस्यों ने जिद की कि उनका ही एक अधिकारी जांच का कार्य करेगा. वह सरकारी अधिकारी नहीं हो सकता. तब 1909 में स्वीडन के संविधान में अंबुड्समान की व्यवस्था हुई जो अदालतों और लोकसेवकों द्वारा कानूनों तथा विनियमों के उल्लंघन के प्रकरण की जांच करेगा. भारत के प्रथम लोकपाल पी सी घोष है
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