भारत का पूर्वी तटीय मैदान
भारत के पूर्वी तटीय मैदान का विस्तार पूर्वी घाट और पूर्वी तट के मध्य सुवर्णरेखा नदी से लेकर कन्याकुमारी तक है| पूर्वी तटीय मैदान का विस्तार पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में है| इस मैदान में निक्षेपों की अधिकता है, क्योंकि गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, महानदी जैसी बंगाल की खाड़ी की ओर प्रवाहित होने वाली बड़ी-बड़ी नदियां सागर में मिलने से पूर्व यहाँ अवसादों का निक्षेपण करती हैं और डेल्टा का निर्माण करती हैं| अवसादों के निक्षेपण के कारण ही यह मैदान पश्चिमी तटीय मैदान की तुलना में अधिक चौड़ा है
पूर्वी तटीय मैदान को दक्षिण-पश्चिम मानसून और उत्तर-पूर्वी मानसून दोनों मानसूनों से वर्षा प्राप्त होती है| चिकनी मिट्टी की प्रधानता के कारण इस मैदान में चावल की खेती अधिक की जाती है| पूर्वी तटीय मैदान में गोदावरी व कृष्णा नदियों के डेल्टा में कोल्लेरु झील स्थित है| चिल्का और पुलिकट झीलें, जोकि लैगून का उदाहरण हैं, भी पूर्वी तटीय मैदान पर स्थित हैं| ओडिशा का तटीय मैदान उत्कल मैदान कहलाता है|
पूर्वी तटीय मैदान को निम्न भागों में बांटा जाता है:
उत्तरी सरकार:गोदावरी व महानदी डेल्टा के बीच का मैदान
आंध्र मैदान:आंध्र प्रदेश का तटीय मैदान
कोरोमंडल:तमिलनाडु का तटीय मैदान
पूर्वी तटीय मैदान पर उत्तर से दक्षिण स्थित प्रमुख डेल्टा निम्नलिखित हैं:
महानदी डेल्टा: ओडिशा
गोदावरी डेल्टा : आंध्र प्रदेश
कृष्णा डेल्टा : आंध्र प्रदेश
कावेरी डेल्टा: तमिलनाडु
पूर्वी तटीय मैदान अत्यधिक अवसाद के निक्षेपण के कारण प्राकृतिक बन्दरगाहों/पत्तनों के विकास के अधिक अनुकूल नहीं है, इसीलिए इस तट पर प्रायः कृत्रिम पत्तन ही पाये जाते हैं| पूर्वी तटीय मैदान का जनसंख्या घनत्व पश्चिमी तटीय मैदान की तुलना में अधिक है| इस मैदान का ढाल अत्यधिक कम है,इसलिए नदियों का प्रवाह धीमा रहता है|
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