Friday, 31 May 2019

मोदी कैबिनेट के मंत्रियों को मिला👌 विभाग, अमित शाह को गृह, राजनाथ सिंह को👮 रक्षा मिला वित्त मंत्रालय*

मोदी कैबिनेट के मंत्रियों को मिला👌 विभाग, अमित शाह को गृह, राजनाथ सिंह को👮 रक्षा मिला वित्त मंत्रालय*

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की नई कैबिनेट के गुरुवार शाम को राष्ट्रपति भवन प्रांगण में पद व गोपनियता की शपथ लेने के बाद शुक्रवार को हुई कैबिनेट की पहली बैठक में सभी मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। जारी की गई सूची में राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय, अमित शाह को गृह मंत्रालय, नितिन गडकरी को रोड ट्रासंपोर्ट विभाग का जिम्मा सौंपा गया है।

*नरेंद्र मोदी-* प्रधानमंत्री और प्रभारी मंत्री के रूप में कार्य करेंगे। इसके अलावा कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग तथा सभी महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दे।

*कैबिनेट मंत्री* 
1. राज नाथ सिंह- रक्षा 
2. अमित शाह- गृह  
3. नितिन जयराम गडकरी- सड़क परिवहन और राजमार्ग 
4. डी.वी. सदानंद गौड़ा- रसायन और उर्वरक 
5. निर्मला सीतारमण- वित्त तथा कॉर्पोरेट मामले  
6. रामविलास पासवान- उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण 
7. नरेंद्र सिंह तोमर- कृषि, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज 
8. रविशंकर प्रसाद- कानून, न्याय, संचार, सूचना प्रौद्योगिकी 
9. हरसिमरत कौर बादल- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग 
10. थावर चंद गहलोत- सामाजिक न्याय और अधिकारिता 
11. डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर- विदेश 
12. रमेश पोखरियाल निशंक- मानव संसाधन विकास 
13. अर्जुन मुंडा- जनजातीय मामलात 
14. स्मृति जुबिन ईरानी- महिला और बाल विकास और कपड़ा  
15. डॉ. हर्षवर्धन- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण 
16. प्रकाश जावड़ेकर- पर्यावरण, वन और सूचना और प्रसारण 
17. पीयूष गोयल- रेल, वाणिज्य और उद्योग 
18. धर्मेंद्र प्रधान- पेट्रोलियम और प्राकृतिक तथा इस्पात 
19. मुख्तार अब्बास नकवी- अल्पसंख्यक मामलात  
20. प्रहलाद जोशी- संसदीय मामले, कोयला तथा खान 
21. महेंद्र नाथ पांडे- कौशल विकास और उद्यमिता 
22. अरविंद गणपत सावंत- भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम 
23. गिरिराज सिंह- पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन 
24. गजेंद्र सिंह शेखावत- जल शक्ति

*राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)*

1 संतोष कुमार गंगवार- श्रम और रोजगार 
2. राव इंद्रजीत सिंह- सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय 
3. श्रीपाद येसो नाइक- आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा आदि  
4. डॉ. जितेंद्र सिंह- उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास 
5. किरेन रिजिजू- युवा मामलों और खेल 
6. प्रहलाद सिंह पटेल- संस्कृति तथा पर्यटन 
7. राज कुमार सिंह- ऊर्जा  
8. हरदीप सिंह पुरी- आवास और शहरी मामले 
9. मनसुख एल. मंडाविया- जहाजरानी 
 
*राज्य मंत्री*

1. फग्गनसिंह कुलस्ते- इस्पात 
2.अश्विनी कुमार चौबे- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण 
3. अर्जुन राम मेघवाल- संसदीय कार्य मंत्रालय व भारी उद्योग 
4. जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह- सड़क परिवहन और राजमार्ग 
5. कृष्णपाल गुर्जर- सामाजिक न्याय और अधिकारिता 
6. दानवे रावसाहेब दादराव- उपभोक्ता मामले 
7. जी. किशन रेड्डी- गृह मंत्रालय 
8. पुरुषोत्तम रुपाला- कृषि और किसान कल्याण 
9. रामदास अठावले- सामाजिक न्याय और अधिकारिता 
10. साध्वी निरंजन ज्योति- ग्रामीण विकास 
11.बाबुल सुप्रियो- पर्यावरण, वन 
12. संजीव कुमार बाल्यान- पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन 
13. धोत्रे संजय- मानव संसाधन विकास 
14. अनुराग सिंह ठाकुर- वित्त तथा कॉरपोरेट  
15. अंगदी सुरेश चन्नबसप्पा- रेल मंत्रालय 
16. नित्यानंद राय- गृह मंत्रालय व जल शक्ति 
17. रतन लाल कटारिया- जल शक्ति  
18. वी. मुरलीधरन- विदेश और संसदीय कार्य 
19.रेणुका सिंह सरुता- जनजातीय मामले 
20. सोम प्रकाश- वाणिज्य और उद्योग 
21. रामेश्वर तेली- खाद्य प्रसंस्करण 
22. प्रताप चन्द्र सारंगी- पशु संवर्धन व एमएसएमई 
23. कैलाश चौधरी- कृषि और किसान कल्याण 
24. देबाश्री चौधरी- महिला और बाल विकास

मंत्रियों के विभागों का घोषणा, अमित शाह गृह मंत्री, राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री होगें

मंत्रियों के विभागों का घोषणा, अमित शाह गृह मंत्री, राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री होगें

पीएम मोदी के नए कैबिनेट में मंत्रियों के विभागों का एलान हो गया है. अमित शाह को गृह मंत्री बनाया गया है.

पीएम मोदी के नए कैबिनेट में मंत्रियों के विभागों का एलान हो गया है. अमित शाह को गृह मंत्री बनाया गया है और वहीं निर्माला सीतारमण को वित्त मंत्री बनाया गया है. वहीं एस. जयशंकर विदेश मंत्री बनाए गए हैं.

रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी राजनाथ सिंह को दी गई है. स्मृति ईरानी को महिला और बाल विकास मंत्रालय के साथ कपड़ा विभाग मंत्रालय दिया गया है. रेल मत्रालय की जिम्मेदारी पीयूष गोयल को मिली है. प्रकाश जावडेकर को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ पर्यावरण मंत्री बनाया गया है. उन्हें वन एवं जलवायु विभाग दिया गया है.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय रमेश पोखरियाल निसंक के पास रहेगा. धर्मेंद्र प्रधान के पास पेट्रोलियम और नेचूरल गैस मंत्रालय और इस्पात मंत्रालय दिया गया है.

नितिन गडकरी को सड़क परिवहन मंत्रालय और लूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग कि जिम्मेदारी, जबकि रामविलास पासवान को उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली मंत्रालय दिया गया है.

रविशंकर प्रसाद को कानून एवं न्याय मंत्रालय, संचार मंत्रालय और इल्क्ट्रोनिक एवं सूचना प्रद्योगिकि मंत्रालय दिया गया है. डॉ हर्षवर्धन को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं तकनीकि और भू विज्ञान मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे.

हरसिमरत कौर बादल खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, थावर चंद गहलोत को सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय, अर्जुन मुंडा को आदिवासी मामलों का मंत्रालय और मुख्तार अब्बास नकवी को अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय मिला है.

प्रह्लाद जोशी को संसदीय मामले, कोयला और खान मंत्रालय, महेंद्र नाथ पांडेय को कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और गिरिराज सिंह को पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है.

Thursday, 30 May 2019

पेमा खांडू ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

पेमा खांडू ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

राजनीतिक इतिहास में पहली बार अरुणाचल प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी है. सबसे बड़ी चुनौती नई सरकार के सामने राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना है.

भाजपा के वरिष्ठ नेता पेमा खांडू ने 29 मई 2019 को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की. अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल बी डी मिश्रा ने यहां दोरजी खांडू कन्वेंशन सेंटर में पेमा खांडू को पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण कराई.

उनके अलावा चोवना मेन समेत मंत्रिमंडल के 11 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की. इस शपथ ग्रहण समारोह में असम, नगालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहली बार ऐतिहासिक जीत दर्ज की हैं.

राजनीतिक इतिहास में पहली बार अरुणाचल प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी है. सबसे बड़ी चुनौती नई सरकार के सामने राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना है.

अरुणाचल प्रदेश की साठ सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 41 सीट मिली हैं. चुनाव परिणाम के अनुसार, पार्टी ने तीन सीटों पर निर्विरोध और 38 सीटों पर मतदान के बाद जीत हासिल की है. वहीं, जेडी (यू) को सात, नैशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) को पांच, कांग्रेस को चार, पीपल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल को एक और निर्दलीयों को दो सीट मिली हैं.

पेमा खांडू के बारे में:

•   पेमा खांडू का जन्म 21 अगस्त 1979 को हुआ था.

•   उन्होंने दिल्ली विश्विद्यालय के हिन्दू कॉलेज से स्नातक डिग्री हासिल की.

•   वे अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के पुत्र है.

•   वे पर्यटन मंत्री, शहरी विकास मंत्री, ग्रामीण विकास, जल संसाधन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री भी रह चुके हैं.

•   उन्होंने साल 2011 में पहली बार विधानसभा में प्रवेश किया था.

•   संगीत का शौक रखने वाले खांडू पेमा पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के बेटे हैं, जिनकी अप्रैल 2011 में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी.

•   उन्होंने अपने सियासी सफर की शुरुआत साल 2005 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में की थी. उन्हें इसके बाद साल 2010 में तवांग जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष चुना गया था.

Saturday, 25 May 2019

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने ओंगोल नस्ल की गाय को संरक्षित करने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने ओंगोल नस्ल की गाय को संरक्षित करने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति ने विजयवाड़ा स्थिति स्वर्ण भारत न्यास में आयोजित एक कार्यक्रम में ओंगोल नस्ल की गाय पर एक विवरणिका भी जारी की. यह विवरणिका 1200 पेजों की है.

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भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने 20 मई 2019 को ओंगोल नस्ल की गाय को रक्षा करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि यह नस्ल पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रही है और हमें इसे बचाने की जरूरत है.

उपराष्ट्रपति ने विजयवाड़ा स्थिति स्वर्ण भारत न्यास में आयोजित एक कार्यक्रम में ओंगोल नस्ल की गाय पर एक विवरणिका भी जारी की. यह विवरणिका 1200 पेजों की है. इसमें साल 1885 से साल 2016 तक पशु इतिहास दिया गया है. पुस्तक में ओंगोल गाय पर किये जाने वाले अनुसंधान को भी शामिल किया गया है.



ओंगोल नस्ल की गाय: ओंगोल पशु आन्ध्र प्रदेश के नेल्लोर कृष्णा, गोदावरी और गुन्टूर जिलों में पाए जाते है. आंध्रप्रदेश के ओंगोल क्षेत्र में उत्पन्न होने के कारण इसे ओंगोल नाम दिया गया है. ओंगोले गाय उचित मात्रा में दूध देती हैं. ये गाये प्रतिदिन 3 लीटर से 8 लीटर तक दूध देती है. ओंगोले नस्ल के जानवरों को बड़े पैमाने पर अमेरिका और ब्राज़ील में निर्यात किया गया है.

भारत में गायों की 37 नस्लें पायी जाती है, जिनमें साहीवाल, गिर, लाल सिंधी, थारपारकर और राठी सर्वाधिक दूध देने वाली नस्लें हैं.

भारत में पायी जाने वाली गायों की विभिन्न प्रजातियो की सूची इस प्रकार है.

गीर: यह प्रजाति भारत में पायी जाने वाली गाय की प्रजातियों में सबसे अच्छी कोटि की प्रजाति मानी जाती है. यह गुजरात राज्य के गिर वन क्षेत्र और महाराष्ट्र तथा राजस्थान के आसपास के जिलों में पायी जाती है. यह गाय अच्छी दुग्ध उत्पादताकता के लिए जानी जाती है. इस गाय के शरीर का रंग सफेद, गहरे लाल या चॉकलेट भूरे रंग के धब्बे के साथ या कभी कभी चमकदार लाल रंग में पाया जाता है.

साहीवाल: इस गाय को 'रेड गोल्ड' भी कहा जाता है और इसकी पहचान मुख्य रूप से इसके लाल रंग से की जाती है. साहीवाल गाय का मूल स्थान पाकिस्तान में है.

लाल सिंधी: लाल सिन्धी गाय भारत में पाए जाने वाली एक ऐसी नस्ल है जो बहुत अधिक दूध उत्पादन के लिए जानी जाती है. यह मूलतः लाल रंग की होती है और साहीवाल प्रजाति की गायो की तुलना में दूध उच्यतम कोटि की होती है. यह नस्ल मध्यम ऊंचाई की होती है.

राठी: राठी गोवंश राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी भागों में पाए जाते हैं. इस नस्ल की गाय अत्यधिक दूध देने के लिये प्रसिद्ध है. गुजरात राज्य में भी राठी गाय बहुत पाली जाती है. यह गाय आमतौर पर भूरे रंग की होती है और इनकी त्वचा पर काले या धूसर रंग के धब्बे होते हैं. ऐसा माना जाता है कि इसका विकास साहीवाल, लाल सिंधी, थारपारकर और धनी के मेल से हुआ है.

थारपारकर: यह प्रजाति सफेद सिंधी", "ग्रे सिंधी" और "थीरी" के नाम से भी जानी जाती है. इस प्रजाति की गायों में गर्मी सहिष्णुता और रोग प्रतिरोधी क्षमता बहुत अधिक होती है. थारपारकर गाय राजस्थान में जोधपुर और जैसलमेर में मुख्य रूप से पाई जाती है. गुजरात राज्य के कच्छ में भी इस गाय की बड़ी संख्या है.

प्रमुख क्रान्तियाँ

प्रमुख क्रान्तियाँ

🎾 हरित क्रांति -- खाद्यान्न उत्पादन

🍼 श्वेत क्रांति -- दुग्ध उत्पादन

🐬 नीली क्रांति -- मत्स्य उत्पादन

🎾 भूरी क्रांति -- उर्वरक उत्पादन

🐓 रजत क्रांति -- अंडा उत्पादन

🌾 पीली क्रांति -- तिलहन उत्पादन

🌵 कृष्ण क्रांति -- बायोडीजल उत्पादन

🍒 लाल क्रांति -- टमाटर/मांस उत्पादन

🐋 गुलाबी क्रांति -- झींगा मछली उत्पादन

🍟 बादामी क्रांति -- मासाला उत्पादन

🍊 सुनहरी क्रांति -- फल उत्पादन

🌊 अमृत क्रांति -- नदी जोड़ो परियोजनाएं

🏨 धुसर/स्लेटी क्रांति-- सीमेंट

🍈 गोल क्रांति-- आलु

🌈 इंद्रधनुषीय क्रांति-- सभी क्रांतियो पर निगरानी रखने हेतु

🌅 सनराइज/सुर्योदय क्रांति-- इलेक्ट्रॉनिक उधोग के विकास के हेतु

🏌 गंगा क्रांति-- भ्रष्टाचार के खिलाफ सदाचार पैदा करने हेतु (जोहड़े वाले बाबा/वाटर मैन ऑफ इंडिया/राजेन्द्र सिंह )द्वारा

🎾 सदाबहार क्रांति-- जैव तकनीकी

🌭 सेफ्रॉन क्रांति-- केसर उत्पादन से

🛍 स्लेटी/ग्रे क्रांति--उर्वरको के उत्पादन से

🎋 हरित सोना क्रांति-- -- बाँस उतपादन से

🍡 मूक क्रांति-- मोटे अनाजों के उत्पादन से

🍠 परामनी क्रांति-- भिन्डी उत्पादन से

☕ ग्रीन गॉल्ड क्रांति-- चाय उत्पादन से

👳‍♀ खाद्द श्रंखला क्रांति-- भारतीय कृषकों की 2020 तक आमदनी को दुगुना करने से

🎾 खाकी क्रांति-- चमड़ा उत्पादन से

🌾 व्हाइट गॉल्ड क्रांति-- कपास उत्पादन से (तीसरी क्रांति)

🚧 N.H.क्रान्ति- स्वर्णिम चतुर्भुज योजना से

Monday, 20 May 2019

भारत और सिंगापुर के बीच शुरू हुआ सिम्बेक्स-2019 समुद्री युद्ध अभ्यास

भारत और सिंगापुर के बीच शुरू हुआ सिम्बेक्स-2019 समुद्री युद्ध अभ्यास

सिम्बेक्स-2019 का उद्देश्य आरएसएन और आईएन के बीच अंतःक्रियाशीलता बढ़ाने के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा संचालन के लिए सामान्य समझ और प्रक्रियाओं को विकसित करना है.

भारत और सिंगापुर के बीच सिम्बेक्स-2019 युद्ध अभ्यास शुरू हो गया है. यह इस अभ्यास का 26वां संस्करण है. इस अभ्यास का आयोजन 16 मई से 22 मई 2019 के बीच किया जा रहा है.

इस वार्षिक द्विपक्षीय अभ्‍यास की शुरुआत पारंपरिक पनडुब्‍बी रोधी अभ्‍यासों से हुई जो एडवांस्‍ड ए‍यर डिफेंस ऑपरेशन्‍स, एंटी हवाई/सतह लक्ष्‍यों पर अभ्‍यास गोलीबारी, सामरिक अभ्‍यास आदि तक पहुंच चुकी है.

उद्देश्य:

सिम्‍बेक्‍स-19 के लिए भारतीय नौसेना ने आपसी विश्‍वास को मजबूत बनाने, अंत:पारस्‍परिकता को बढ़ाने एवं दोनों नौसेनाओं के बीच समान सामुद्रिक चिंताओं के समाधान में अधिक समन्‍वय के निर्माण करने के उद्देश्‍य से अपने सबसे बेहतरीन एसिट को तैनात किया है.

सिम्बेक्स-2019 के मुख्य बिंदु:

•  भारतीय नौसेना के जहाज कोलकाता और शक्ति के अतिरिक्‍त लंबी दूरी के सामुद्रिक निगरानी विमान भी सिम्‍बेक्‍स-19 में हिस्‍सा लेंगे.

•  सिंगापुर के पक्ष का प्रतिनिधित्‍व आरएसएन जहाज इस्‍टीड फास्‍ट और वेलियेंट, सामुद्रिक निगरानी विमान फोकर-50 (एफ-50) और एफ-16 लड़ाकू विमान द्वारा किया जाएगा.

•  सिम्‍बेक्‍स-19 में भारतीय नौसना के जहाज कोलकाता और शक्ति की दक्षिण एवं पूर्व चीन सागर में दो महीने की तैनाती भी शामिल है, जिसका उद्देश्‍य पूर्व एवं दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के साथ संवर्द्धित सांस्‍कृतिक, आर्थिक एवं सामुद्रिक अंत:संपर्कों के जरिए मित्रता सेतु को विस्‍तारित करना है.

•  पीएलए (नौसेना) 70वें वार्षिक समारोहों तथा एडीएमएम-प्‍लस एमएसएफटीएक्‍स के एक हिस्‍से के रूप में चीन के किंगडाओ में अंतरराष्‍ट्रीय बेडा समीक्षा (आईएफआर) में भारतीय नौसेना जहाजों की सहभागिता भारत सरकार की ‘पूर्व की ओर देखो’ नीति तथा भारतीय नौसेना के ‘समुद्रों के जरिए राष्‍ट्रों को एकजुट करने’ के प्रयासों को भी प्रदर्शित करती है.

सिम्‍बेक्‍स-19 के हार्बर चरण:

सिम्‍बेक्‍स-19 के हार्बर चरण का संचालन 16 मई से 18 मई 2019 तक हुआ था. इसमें कई विनियोजन सम्‍मेलन, सिमुलेटर आधारित युद्ध प्रशिक्षण या वार गेमिंग, आरएसएन नौसेना के विख्‍यात व्‍यक्तियों से औपचारिक मुलाकात, क्रीड़ा स्‍पर्धाएं तथा डेक रिसेप्‍शन ऑन बोर्ड कोलकाता के रूप में शामिल हैं.

सिम्‍बेक्‍स-19 का सामुद्रिक चरण:

सिम्‍बेक्‍स-19 का सामुद्रिक चरण दक्षिण चीन सागर में 19 मई से 22 मई 2019 तक निर्धारित है, जिसमें हवाई/सतह लक्ष्‍यों पर गोलीबारी, एडवांस्‍ड एरियल ट्रैकिंग, समन्वित लक्ष्‍य निर्धारण अभ्‍यास एवं हवाई/सतह परिदृश्‍यों पर सामरिक अभ्‍यास शामिल होंगे.

सिम्बेक्स के बारे में:

साल 1993 में अपनी शुरुआत से सिम्‍बेक्‍स सुनियोजित और संचालनगत जटिलता के साथ आगे बढ़ा रहा है. सिंगापुर और भारत के बीच द्विपक्षीय सहयोग पहली बार औपचारिक हुआ जब आरएसएन जहाजों ने साल 1994 में भारतीय नौसेना के साथ प्रशिक्षण शुरू किया.

सिम्‍बेक्‍स दोनों सेनाओं के बीच पिछले कुछ वर्षों के दौरान सामुद्रिक सहयोग बढ़ाने तथा दोनों देशों के बीच मित्रता के रिश्‍तों को मजबूत करने में राष्‍ट्र की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने में खरा उतरा है.

सिम्बेक्स का मुख्य उद्देश्य आरएसएन और आईएन के बीच अंतःक्रियाशीलता बढ़ाने के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा संचालन के लिए सामान्य समझ और प्रक्रियाओं को विकसित करना है.

भारत-सिंगापुर संबंध:

भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंध परंपरागत रूप से मजबूत और मैत्रीपूर्ण रहे हैं. दोनों देशों ने व्यापक सांस्कृतिक एवं व्यावसायिक संबंधों का आनंद लिया है. भारत और सिंगापुर ने व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग बढ़ाने हेतु व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) और सामरिक संबंध समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. दोनों देशों ने समुद्री सुरक्षा, प्रशिक्षण बलों, संयुक्त नौसेना अभ्यास, सैन्य प्रौद्योगिकी विकसित करने और आतंकवाद से लड़ने पर द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार किया है.

भारत और सिंगापुर बहुत लंबे समय से सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और सामरिक संबंध साझा करते हैं. सिंगापुर "ग्रेटर इंडिया" सांस्कृतिक और वाणिज्यिक क्षेत्र का हिस्सा है. भारतीय मूल के लगभग 300,000 से अधिक लोग सिंगापुर में रहते हैं. सिंगापुर भारत में निवेश का 8 वां सबसे बड़ा स्रोत है. सिंगापुर आसियान सदस्य राष्ट्रों में सबसे बड़ा है.


प्रसिद्ध भारतीय हस्तियाँ जिनके नाम पर उनके जीवनकाल में ही डाक टिकट जारी हुए हैं

प्रसिद्ध भारतीय हस्तियाँ जिनके नाम पर उनके जीवनकाल में ही डाक टिकट जारी हुए हैं

मानव इतिहास में ऐसे कई प्रसिद्ध व्यक्ति हुए हैं जिन्होंने अपने जीवनकाल में ही वह प्रतिष्ठा और ख्याति प्राप्त किया है, जो मरने के बाद भी कई व्यक्तियों को नसीब नहीं होती है। इन्हीं प्रसिद्धियों में से एक है- किसी जीवित व्यक्ति के नाम पर डाक टिकट जारी होना। भारत में भी कई ऐसे महान व्यक्तित्व हुए हैं जिनके नाम पर उनके जीवनकाल में ही डाक टिकट जारी किए गए हैं। इस लेख में हम उन प्रसिद्ध भारतीय हस्तियों का विवरण दे रहे हैं जिनके नाम पर उनके जीवनकाल में ही डाक टिकट जारी हुए हैं।

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1. सचिन तेंडुलकर

Sachin Tendulakar Stamp

योगदान: उन्हें सर्वकालिक महानतम बल्लेबाज माना जाता है. उनके नाम एकदिवसीय और टेस्ट क्रिकेट दोनों में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड है। वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में 100 शतक बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में दोहरा शतक बनाने वाले वह पहले खिलाड़ी थे। इसके अलावा वह एकमात्र खिलाड़ी हैं जिनके नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 30,000 से अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड है।

सम्मान: उन्हें 1994 में अर्जुन पुरस्कार, 1997 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, 1999 में पद्मश्री, 2008 में पद्म विभूषण पुरस्कार, और 16 नवंबर 2013 को भारत रत्न प्रदान किया गया था। वह ऐसे आठवें भारतीय हैं जिनके जीवनकाल में ही उन पर डाक टिकट जारी किया गया है।

2. मदर टेरेसा

Mother Taresa Stamp

योगदान: वह एक रोमन कैथोलिक भक्तिन (Nun) थी जिन्होंने दुनिया भर के गरीब और निराश्रित (20 वीं सदी की महान मानवतावादी) की सेवा करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था (20 वीं सदी की महान मानवतावादी)।

सम्मान: उन्हें 1962 में पद्मश्री और 1980 में भारत रत्न (भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार) प्रदान किया गया था। भारत सरकार ने 28 अगस्त, 2010 को उनके नाम पर 5 रूपए का विशेष सिक्का जारी किया था। वह ऐसी सातवीं भारतीय हैं जिनके जीवनकाल में ही उन पर डाक टिकट जारी किया गया था।

3. राजीव गांधी

Rajiv Gandhi Stamp

योगदान: वह भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। उन्होंने भारतीय संचार प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया था, जिसके कारण वर्तमान समय में भारत संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

सम्मान: उन्हें 1991 में भारत रत्न मिला और 2009 में (भारत नेतृत्व सम्मेलन में) आधुनिक भारत के क्रांतिकारी नेता का पुरस्कार मिला। वह ऐसे छट्ठे भारतीय हैं जिनके जीवनकाल में ही उन पर डाक टिकट जारी किया गया था।

4. वी वी गिरि

VV Giri Stamp

योगदान: वह भारत के चौथे तथा स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुना जाने वाला एकमात्र राष्ट्रपति हैं। वह भारत के व्यापार संघ आंदोलन में अग्रणी थे और उनके अथक प्रयासों के कारण ही श्रम बल मांग और उनके अधिकारों का अधिग्रहण हो सका।

सम्मान: उन्हें 1975 में भारत रत्न का पुरस्कार मिला और वह ऐसे पाचवे भारतीय हैं जिनके जीवनकाल में ही उन पर डाक टिकट जारी किया गया था। 1995 में इनके के सम्मान में राष्ट्रीय श्रम संस्थान का नाम बदलकर वी वी गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान रखा गया था।

5. डॉ. एस. राधाकृष्णन

Dr. S Radhakrishan Stamp

योगदान: वह एक भारतीय दार्शनिक और राजनेता थे। भारत के पहले उपराष्ट्रपति और भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।

सम्मान: उन्हें 1932 में नाइटहुड, 1954 में भारत रत्न, और 1963 में ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट की मानद सदस्यता से नवाजा गया था। वह ऐसे चौथे भारतीय हैं जिनके जीवनकाल में ही उन पर डाक टिकट जारी किया गया था।

6. डॉ. राजेंद्र प्रसाद

Dr. Rajendra Prasad

योगदान: वह स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति थे और भारत गणराज्य को सही आकार देने वाले राजनितिक वास्तुकारो में से एक थे।

सम्मान: उन्हें 1962 में भारत रत्न प्रदान किया गया था और ऐसे तीसरे भारतीय हैं जिनके जीवनकाल में ही उन पर डाक टिकट जारी किया गया था।

7. डॉ. एम. विस्वेसरैया

Visvesaraiya Stamp

योगदान: वह एक प्रख्यात भारतीय इंजीनियर के रूप में जाने जाते हैं और मंड्या जिले में कृष्णा राज सागर बांध के निर्माण के साथ-साथ हैदराबाद शहर के लिए बाढ़ संरक्षण प्रणाली के प्रमुख डिजाइनरों में से एक थे।

सम्मान: उन्हें 1955 में भारत रत्न तथा 1915 में ब्रिटेन ने नाइटहुड की उपाधि पुरस्कार से नवाजा था। इनके सम्मान में औद्योगिक और तकनीकी संग्रहालय, बैंगलोर का नाम बदलकर विश्वेश्वराय औद्योगिक और तकनीकी संग्रहालय रख दिया गया था । वह ऐसे दुसरे भारतीय हैं जिनके जीवनकाल में ही उन पर डाक टिकट जारी किया गया था।

8. डॉ. डी.के कर्वे (महर्षि कर्वे)

Dr DK Karve Stamp

Source: www.stampofIndia.com

योगदान: वह महिलाओं के कल्याण के क्षेत्र में भारत में एक सामाजिक सुधारक थे जिन्होंने महिला शिक्षा को बढ़ावा देने में महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले के अग्रणी काम को जारी रखा था।

सम्मान: उन्हें 1958 में भारत रत्न मिला और ऐसे पहले भारतीय हैं जिनके जीवनकाल में ही उन पर डाक टिकट जारी किया गया था। कर्वे के सम्मान में, मुंबई के क्वीन रोड का नाम बदलकर महर्षि कर्वे रोड कर दिया गया था।

उपरोक्त लेख में ऐसे प्रसिद्ध व्यक्तियो के नाम दिये गये हैं जिनके जीवन काल में ही उन पर डाक टिकट जारी किया गया था जो पाठको के ज्ञान वृद्धि में काफी लाभकारी होगा।


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