Saturday, 11 May 2019

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान, बाघों का स्वर्गः तथ्य एक नजर में

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान, बाघों का स्वर्गः तथ्य एक नजर में

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है | इसकी स्थापना विलुप्तप्राय बंगाल टाइगरों की रक्षा के लिए 1936 में की गई थी। यह उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है और इसका नाम इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया है। प्रोजेक्ट टाइगर पहल के तहत आने वाला यह पहला उद्यान था। इसका क्षेत्रफल 520.82 वर्ग मील है।

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान को बाघों के लिए स्वर्ग इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां बाघों की आबादी बहुत अधिक। उद्यान विभिन्न प्रजातियों के वनस्पतियों और वन्यजीवों से भी भरा है। इस उद्यान का नाम बाघ के दिग्गज शिकारी और बाद में प्रकृतिविद बन गए जिम कॉर्बेट (ब्रिटिश शिकारी–1875-1955) के नाम पर रखा गया है। यह भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान है। इसकी स्थापना उत्तर भारत के पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में 1936 में की गई थी।

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का स्थान–

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीवन-

पहचान: भारत का पहला और सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान। 

उद्देश्य: भारत में पहला बाघ संरक्षण परियोजना (संरक्षण की दीर्घकालिक परंपरा) 

स्थापना: 1936 (राष्ट्रीय उद्यान के तौर पर)

स्थानः भारत के उत्तराखंड के नैनीतैल और पौड़ी जिला, रामनगर शहर में फैला 

क्षेत्र: 1318.54 वर्ग किमी 

प्रमुख क्षेत्र : 520.8 वर्ग किमी

बफर क्षेत्र : 797.72 वर्ग किमी 

ऊंचाई: समुद्र तल से 385 मी - 1100 मी उपर 

देशांतर: 7805' पू से 7905' पू

आक्षांश: 29025' पू से 29040' उ

सालाना वर्षा : 1400-2800 मिमी

तापमान: सर्दियों में 4° सेल्सि. से गर्मियों में 42°सेल्सि. तक

जलवायु: पूरे वर्ष समशीतोष्ण

सर्वश्रेष्ठ समय : 15 नवंबर से 15th जून

स्थापना के समय उद्यान का नाम हैले नेशनल पार्क रखा गया था। बाद में इसका नाम महान संरक्षणवादी और प्रकृतिवादी जिम कॉर्बेट के सम्मान में रखा गया। जिम कॉर्बेट ने 1907 से 1939 के बीच उत्तराखंड के कुमाऊं जिले में आदमखोर बन चुके बाघों का शिकार किया था। जिम कॉर्बेट पारिस्थितिकी और वन्यजीवों खासकर बाघों के संरक्षण के पक्ष में थे और इसी वजह से भारत में 'बाघ बचाओ' परियोजना का शुभारंभ करने के लिए जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान को चुना गया था

प्रोजेक्ट टाइगर का शुभारंभ 1973 में हुआ था। इस प्रोजेक्ट का मूल इरादा प्रकृति के पारिस्थितिकी के संतुलन को बनाए रखना और वर्तमान पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करना था। परियोजना का उद्देश्य वन्यजीवों और राष्ट्रीय उद्यानों की वनस्पतियों के बीच और अभयारण्यों एवं उनके आस– पास रहने वाले मनुष्यों के जीवन के बीच प्राकृतिक लिंक की स्थापना करना था। साथ ही यह पर्यावरण को होने वाले नुकसान और संरक्षण प्रयासों के बारे में जागरुकता फैलाना चाहता था।

नैनीताल और पौड़ी जिलों में फैला कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान 1288 वर्ग किमी इलाके में है। इसके आस– पास –सोनानदी वन्यजीव अभयारण्य और संरक्षित वन हैं। यह करीब वृक्षों की 110 प्रजातियों, स्तनधारियों की 50 प्रजातियों, पक्षियों की 580 प्रजातियों और सरीसृपों की 25 प्रजातियों का निवास स्थान है। ये सभी उद्यान के नीचले और उपरी दोनों ही इलाकों में पाए जाते हैं।

कॉर्बेट में रहने वाले प्रमुख वन्यजीव हैं– बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, तेंदुए, जंगली सूअर, स्लोथ बीयर, सियार, नेवला और मगरमच्छ।

उद्यान की जलवायुः

गर्मी (मार्च से सितंबर): 19° सेल्सि. -46° सेल्सि.

सर्दी (अक्टूबर से फरवरी): 2°सेल्सि. -30° सेल्सि.

कब जाएं: जनवरी से मार्च और नवंबर से दिसंबर

सफारी विकल्पः जीप, हाथी और घोड़ा

प्रमुख आकर्षण

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान करीब 50 स्तनधारियों, 577 पक्षियों और 25 सरीसृप प्रजातियों का निवास स्थान है।

पक्षीः

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की प्रजातियों को 5 श्रेणियों में बांटा गया है–

जल– पक्षी और तटीय – पक्षी

गाय बगुला (Cattle Egret), काली गर्दन वाला स्टॉर्क, डार्टर, ग्रे हेरॉन, जलकाग, ग्रेलैग गीज,     लार्ज पेइड वेगटेल, ह्वाइट– कैप्ड रेडस्टार्ट, टिटिहरी (Sandpipers), स्नाइप, ग्रेट ब्लैक हेडेड गुल। यहां करीब 15 प्रकार की बतखें और कई प्रकार के खंजन (wagtails) मिलती हैं।

शिकार किए जाने वाले पक्षी (Birds of Prey)

हिमालयी गिद्ध, परदेशी बाज, बूटेड हॉक– ईगल, स्टीप ईगल, काला बाज, ओस्प्रे, हिमालयी भूरे रंग वाला बाज, कलगीदार सर्प चील, काले पंख वाला चील।

रात्रि पक्षीः 

फिश आउल (उल्लू), स्टोन कर्लू, ग्रेट स्टोन प्लोवर, जंगली नाईटजार, फ्रैंकलिन नाईटजार, स्कूप्स आउल (उल्लू) ।

वुडलैंड पक्षीः

हरे कबूतर, हॉर्नबिल, बार्बेट, ओरियोल्स, ड्रोंगो, मोर, तोता, बैबलर, थ्रश, लाल जंजली उल्लू, सफेद– कलगी वाला कालिज मोर, बुलबुस, वार्बलर्स, टेलर बर्ड, रॉबिन्स, चाट्स, रेडस्टार्ट, बयास, फिंच, डव, बीस्टर्स, खुले मैदान वाले पक्षी काला तीतर

हवाई– पक्षी

भारतीय अल्पाइन स्विफ्ट, कलगी वाले स्विफ्ट, सांवली गर्दन वाला मार्चिन, धारीदार (या लाल– पूंछ वाला) अबाबील, भारतीय क्लिफ अबाबील और तार– जैसी पूंछ वाला अबाबील।

स्तनधारीः

बार्किंग डीयर, सांभर हिरन, हॉग हिरन, चीतल, स्लोथ, हिमालयी काला भालू, भारतीय भूरा नेवला, ओटर्स, पीली– गर्दन वाला मार्टिन, हिमालयी गोरल, भारतीय छिपकली, लंगूर आदि |

मछलियां–

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान की पहाड़ी नदियां मछलियों की कई प्रजातियों जैसे – गूंछ (बगारियस बगारियस), भारतीय ट्राउट (बारिलियस बोला), गोल्डन महसीर (टोर पुटीटोरा) और रोहू ( लाबीओ रोहिता) का आवास है।

सरीसृप

घड़ियाल मगरमच्छ, मगर मगरमच्छ, भारतीय अजगर, किंग कोबरा, मॉनिटर लीजर्ड, कछुए, कोबरा, रसेल सांप, करैत।

वनस्पतिः 

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान को सबसे ज्यादा अपने वनस्पतियों पर गर्व है। साल (शीओरिया रोबस्टा), शीशम (डेलबर्गिया सिस्सो), कानजू (होलोपटेलिया इंटेग्रीफोलिया), बेर (जिजिपस मॉरिशियंस), ढाक (बुटिया मोनोस्पर्मा) और बेल (अग्ली मार्मेलोस) कुछ ऐसे पेड़ हैं जो पूरे जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में देखे जा सकते हैं। जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में आम तौर पर देखे जाने वाले घास हैं– कांसी, थेमेडा अरुनडिनेसिए, बहाबर, नारकुल, बाघ घास, खुश शुख और स्पीर ग्रास।

सफारी का समय

सर्दी

सुबह की सफारी : 07:30 बजे - 10:30 बजे


शाम की सफारी : 15:00 बजे - 17:00 बजे


गर्मी

सुबह की सफारी : 06:30 बजे - 09:30 बजे


शाम की सफारी : 16:00 बजे - 18:00 बजे

No comments:

Featured post

करेंट अफेयर्स साप्ताहिक एक पंक्ति:

करेंट अफेयर्स साप्ताहिक एक पंक्ति:  •    भारत और जिस देश के विदेश कार्यालयों के बीच 16वें दौर की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित ...