जापान के सम्राट अकिहितो ने छोड़ा पद
जापान के सम्राट अकिहितो सुनहरे-भूरे रंग के पारंपरिक लिबास और काले रंग की परंपरागत जापानी टोपी पहने 30 अप्रैल 2019 को राजपरिवार के प्रार्थना स्थल पर पहुंचे। इसके साथ ही उनके पद त्यागने से जुड़े रीति-रिवाजों की शुरुआत हो गई। दुनिया के सबसे पुराने राज परिवार में 200 साल में पहली बार कोई सम्राट अपना पद राजी-खुशी छोड़ रहे हैं। अकिहितो अपना ‘क्राइसैंथिमम थ्रोन’ अपने सबसे बड़े बेटे युवराज नारुहितो (59) को सौंप रहे हैं।
नारुहितो 1 मई 2019 को एक अलग समारोह में सम्राट का पद ग्रहण करेंगे। इसके साथ ही ‘रेइवा’ नामक नए राजशाही युग की शुरुआत होगी। यह युग नारुहितो के पूरे शासनकाल तक जारी रहेगा। सम्राट अकिहितो अप्रैल 2019 को अपने पूर्वर्जों और देवी शिन्तो से जुड़े विभिन धार्मिक स्थलों पर गए और उन्हें अपने पद त्यागने के फैसले के बारे में बताया। स्थानीय समयानुसार शाम करीब पांच बजे रीति-रिवाज शुरू हुए। 85 वर्षीय सम्राट इम्पीरियल पैलेस में आयोजित एक समारोह के दौरान राजपरिवार के सदस्यों और सरकार के वरिष्ठजनों को अपने फैसले से अवगत कराएंगे। सम्राट का कार्यकाल 30 अप्रैल 2019 रात 12 बजे समाप्त हो जाएगा। उसके बाद युवराज नारुहितो को राजपरिवार की तलवार, मूल्यवान आभूषण और राजपरिवार की मुहर सौंपी जाएगी। अकिहितो सिर्फ 13 साल के थे जब दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हुआ और जापान की उसमें हार हुई। अपने समकालीन दिग्गज शख्सियतों से अलग उन्होंने कभी दूसरे विश्व युद्ध के लिए अफसोस नहीं जताया। अकिहितो कई अर्थों में परंपराओं को तोड़नेवाले सम्राट साबित हुए। 1992 में उन्होंने चीन का दौरा किया और यह किसी जापानी शासक का पहला चीन दौरा था। इतना ही नहीं जापानी राजघराने की 1500 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए उन्होंने राजघराने की नहीं बल्कि एक साधारण महिला से विवाह किया
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