भारत में निर्यात संवर्धन नीतियां
1. भारत योजना से निर्यात
1. भारत से माल निर्यात की योजना (MEIS)
इस योजना के तहत, हैंडबुक ऑफ प्रोसीजर्स के परिशिष्ट 3B में सूचीबद्ध अधिसूचित बाजारों में अधिसूचित वस्तुओं/ उत्पादों का निर्यात 2% से 5 % की ड्यूटी पर किया जा सकता है। अधिसूचित वस्तुओं की 25,000/– रु. तक के एफओबी मूल्य के प्रति खेप जिसे कूरियर या विदेशी डाक कार्यालय के माध्यम से ई–कॉमर्स का प्रयोग कर निर्यात किया जा रहा है, MEIS लाभ का हकदार होगा।
2. भारत से सेवा का निर्यात स्कीम (SEIS)
परिशिष्ट 3E के अनुसार अधिसूचित सेवाओं के सेवा प्रदाता शुद्ध अर्जित विदेशी मुद्रा पर 5% की दर से स्वतंत्र रूप से हस्तांतरणीय ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप (freely transferable duty credit scrips) के योग्य हैं।
2. निर्यात घर, व्यापार घर और स्टार व्यापार घराने
- निर्यातकों की बिक्री दक्षता को बढ़ाने के लिए सरकार ने एक्सपोर्ट हाउसेस, ट्रेडिंग हाउसेस और स्टार ट्रेडिंग हाउसेस की अवधारणा की शुरुआत की थी। पिछले कुछ वर्षों में अच्छा प्रदर्शन दिखाने वाले पंजीकृत निर्यातकों को एक्सपोर्ट हाउसेस और ट्रेडिंग हाउसेस का दर्जा दिया जाता है।
- 1994 से अब तक, गोल्डन सुपर स्टार ट्रेडिंग हाउस की एक नई श्रेणी को सरकार ने शामिल किया है। इनके द्वारा अर्जित औसत सालाना विदेशी मुद्रा सबसे अधिक होती है। मार्च 2003 तक भारत में 3 गोल्डन सुपर स्टार ट्रेडिंग हाउस काम कर रहे थे।
3. शुल्क में छूट और छूट योजनाएं
- ये योजनायें निर्यात दायित्वों के साथ निर्यात उत्पादन के लिए वस्तुओं के शुल्क मुक्त आयात की सुविधा प्रदान करती हैं।
4. एक्सपोर्ट प्रोमोशन कैपिटल गुड्स (ईपीसीजी) स्कीम
1. जीरो ड्यूटी ईपीसीजी स्कीम
इस योजना के तहत, भारत के निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं एवं सेवाओँ के उत्पादन हेतु शून्य सीमा–शुल्क पर पूंजीगत वस्तुओं के आयात की अनुमति दी जाती है। पूंजीगत वस्तुओं के घरेलु विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए EPCG स्कीम के अंतर्गत निर्यात के आधार पर आयत करने के अधिकार के निर्यात दायित्व की सीमा में 10% की कमी की गयी है।
2. पोस्ट एक्सपोर्ट ईपीसीजी ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप स्कीम
वैसे निर्यातक जो पूंजीगत वस्तुओं पर लागू कर का पूरा भुगतान नकद में करने की इच्छा रखते हैं, के लिए पोस्ट एक्सपोर्ट ईपीसीजी ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप स्कीम है।
5. ब्याज में छूट स्कीम
यह स्कीम जो अब तक कुछ विशेष क्षेत्रों जैसे हस्तकला, हस्तकरघा, कालीन रेडिमेड कपडे, खेल के सामान तथा खिलौने तक सीमित थी, को विस्तृत करके इसमें इंजीनिरिंग क्षेत्र के 134 क्षेत्रों को सम्मिलित कर लिया गया है।
6. अन्य योजनाएं
i. टाउन्स ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस (टीईई– TEE)
750 करोड़ रुपयों और उससे अधिक की वस्तुओं का उत्पादन करने वाले चुनींदा शहरों को निर्यात में विकास की क्षमता पर टीईई में अधिसूचित किया गया है और संघ को मान्यता प्रदान करने के लिए एमएआई योजना के तहत उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
ii. "निर्यात वस्तुओं" और "सामग्रियों" को बनाने वाली वस्तुओं पर ड्यूटी में छूट
उत्पाद शुल्क योग्य वस्तुओं के निर्यात पर दिए गए शुल्क या निर्यात की ऐसी वस्तुओं के निर्माण में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री पर भुगतान किए गए शुल्क में छूट का दावा केंद्रीय उत्पाद शुल्क नियम, 2002 के नियम 18 के तहत किया जा सकता है।
iii. बॉन्ड के तहत वस्तुओं का निर्यात
केंद्रीय उत्पाद शुल्क नियम, 2002 के नियम 19 अनुमोदित कारखाना, वेयरहाउस और अन्य परिसरों के उत्पाद शुल्क योग्य माल की निकासी, बिना केंद्रीय उत्पाद शुल्क का भुगतान किए, करने की अनुमति देता है।
iv. बाजार पहुंच पहल (मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव– एमएआई) योजना
इस योजना के तहत, फोकस देश, ईपीसी, उद्योग एवं व्यापार संघों आदि के लिए फोकस उत्पाद आधार पर निर्यात संवर्धन गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। गतिविधियों में बाजार अध्ययन/ सर्वेक्षण, शोरुम/ वेयरहाउस बनाना, अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में भाग लेना, प्रचार अभियान, ब्रांड प्रोमोशन, फार्मास्युटिकलों के लिए पंजीकरण शुल्कों, विदेशों में इंजीनियरिंग उत्पादों के लिए परीक्षण शुल्कों की प्रतिपूर्ति आदि शामिल हैं।
v. मार्केटिंग डेवलपमेंट असिस्टेंस (एमडीए) स्कीम
जिन निर्यातकों का व्यापार मेलों, इपीसी/ व्यापार संवर्धन संगठनों द्वारा आयोजित खरीददार–विक्रेता सम्मेलनों में 30 करोड़ रुपयों तक का सालाना निर्यात कारोबार है, के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध है।
vi.फोकस मार्केट स्कीम
इस स्कीम के तहत निर्यात प्रोत्साहन को ध्यान में रखकर नार्वे को शामिल किया गया है तथा बेनजुयेला को स्पेशल फोकस मार्केट स्कीम में शामिल किया गया है इस प्रकार अब ये दोनों स्कीम क्रमशः 125 तथा 50 देशों तक पहुँच को सुनिश्चित करती हैं।
vii. फोकस प्रोडक्ट स्कीम
इसके अंतर्गत बिजली, तकनीकी, रसायन, कपडा तथा फार्मास्युटिकल्स के लगभग 126 उत्पादों को शामिल किया गया है I
Hindigk
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