पृथ्वी का इतिहास, संरचना, गतियाँ एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची
पृथ्वी का इतिहास:
पृथ्वी का इतिहास 4.6 बिलियन वर्ष पूर्व पृथ्वी ग्रह के निर्माण से लेकर आज तक के इसके विकास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं और बुनियादी चरणों का वर्णन करता है।
पृथ्वी आकार में 5वां सबसे बड़ा ग्रह है और सूर्य से दूरी के क्रम में तीसरा ग्रह है। यह सौरमण्डल का एकमात्र ग्रह है, जिस पर जीवन है।
प्राकृतिक विज्ञान की लगभग सभी शाखाओं ने पृथ्वी के इतिहास की प्रमुख घटनाओं को स्पष्ट करने में अपना योगदान दिया है।
पृथ्वी की आयु ब्रह्माण्ड की आयु की लगभग एक-तिहाई है। उस काल-खण्ड के दौरान व्यापक भूगर्भीय तथा जैविक परिवर्तन हुए हैं।
पृथ्वी दिवस का इतिहास:
पृथ्वी दिवस पूरे विश्व में 22 अप्रॅल को मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस को पहली बार सन् 1970 में मनाया गया था। इसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना था।
पृथ्वी के पर्यावरण के बारे में प्रशंसा और जागरूकता को प्रेरित करने के लिए पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।
पृथ्वी दिवस की स्थापना सन् 1970 में अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन के द्वारा एक पर्यावरण शिक्षा के रूप में की गयी, और इसे कई देशों में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
पृथ्वी दिवस की तारीख उत्तरी गोलार्द्ध में वसंत ऋतु और दक्षिणी गोलार्द्ध में शरद ऋतु का मौसम है।
संयुक्त राष्ट्र में पृथ्वी दिवस को हर साल मार्च एक्विनोक्स (वर्ष का वह समय जब दिन और रात बराबर होते हैं) पर मनाया जाता है, यह दिन अक्सर 20 मार्च का दिन होता है, यह एक परम्परा है जिसकी स्थापना शांति कार्यकर्ता जॉन मक्कोनेल के द्वारा की गयी थी।
पृथ्वी की आंतरिक संरचना:
पृथ्वी की आंतरिक संरचना के सम्बन्ध में वैज्ञानिकों में अनेकों मतभेद हैं। भू-गर्भ में पाई जाने वाली परतों की मोटाई, घनत्व, तापमान, भार एवं वहाँ पर पाए जाने वाले पदार्थ की प्रकृति पर अभी पूर्ण सहमति नहीं हो पायी है। फिर भी तापमान, दबाव, घनत्व, उल्काओं एवं भूकम्पीय तरंगों पर आधारित प्रमाणों को एकत्रित करके पृथ्वी की आंतरिक संरचना के सम्बन्ध में जानकारी पाप्त करने के प्रयास किए गए हैं। पृथ्वी के अन्दर के हिस्से को तीन भागों में बाँटा गया है:-
भू-पर्पटीआवरणकेन्द्रीय भाग
पृथ्वी की आकृति लघ्वक्ष गोलाभ के समान है। यह लगभग गोलाकार है जो ध्रुवों पर थोड़ा चपटी है। पृथ्वी पर सबसे उच्चतम बिंदु माउंट एवरेस्ट है जिसकी ऊँचाई 8848 मी. है।
दूसरी ओर सबसे निम्नतम बिंदु प्रशांत महासागर में स्थित मारियाना खाई है जिसकी समुद्री स्तर से गहराई 10,911 मी. है।
पृथ्वी की आंतरिक सरंचना कई स्तरों के तीन प्रधान अंग है- ऊपरी सतह भूपर्पटी, मध्य स्तर मैंटल और आंतरिक स्तर धात्विक क्रोड।
पृथ्वी के कुल आयतन का 0.5% भाग भूपर्पटी का है जबकि 83% भाग में मैंटल विस्तृत है। शेष 16% भाग क्रोड है।
पृथ्वी का निर्माण आयरन (32.1 फीसदी), ऑक्सीजन (30.1 फीसदी),
सिलिकॉन (15.1 फीसदी),
मैग्नीशियम (13.9 फीसदी),
सल्फर (2.9 फीसदी),
निकिल (1.8 फीसदी),
कैलसियम (1.5 फीसदी)
और अलम्युनियम (1.4 फीसदी) से हुआ है। इसके अतिरिक्त लगभग 1.2 फीसदी
अन्य तत्वों का भी योगदान है। क्रोड का निर्माण लगभग 88.8 फीसदी
आयरन से हुआ है। भूरसायनशास्त्री एफ. डल्ब्यू, क्लार्क के अनुसार पृथ्वी की भूपर्पटी में लगभग 47 फीसदी ऑक्सीजन है।
पृथ्वी की गतियाँ:
पृथ्वी अपने अक्ष पर निरंतर घूमती रहती है। इसकी दो गतियां है-
1. घूर्णन: पृथ्वी के अक्ष पर चक्रण को घूर्णन कहते हैं। पृथ्वी पश्चिम से पूर्व दिशा में घूमती है और एक घूर्णन पूरा करने में 23 घण्टे, 56 मिनट और 4.091 सेकेण्ड का समय लेती है। इसी से दिन व रात होते हैं।
2. परिक्रमण: पृथ्वी सूर्य के चारों ओर अंडाकार पथ पर 365 दिन, 5 घण्टे, 48 मिनट व 45.51 सेकेण्ड में एक चक्कर पूरा करती है, जिसे उसकी परिक्रमण गति कहते हैं। पृथ्वी की इस गति की वजह से ऋतु परिवर्तन होता है।
पृथ्वी से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य:
पृथिवी अथवा पृथ्वी का नाम पौराणिक कथा पर आधारित है जिसका संबंध महाराज पृथु से है। अन्य नाम हैं – धरा, भूमि, धरित्री, रसा, रत्नगर्भा इत्यादि। पृथ्वी का अंग्रेजी में नाम Earth (अर्थ) और लेटिन भाषा में टेरा है।वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी की कुल उम्र 4 .6 अरब वर्ष मानी गई हैं।दुनिया के छह बड़े देश ऐसे हैं जिन्होंने धरती का 40% हिस्सा घेरा हुआ है।रोजाना 4500 बादल पृथ्वी पर गरजते हैं।हर एक सेकंड पृथ्वी पर कहीं न कहीं 100 बार आसमानी बिजली गिरती है।सौरमंडल में पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन का अस्तित्व है।पृथ्वी के 29% भाग भू-भाग है और 71% पानी ही पानी है।सूरज को फुटबाल मानने पर हमारी धरती कांच की छोटी गोली की तरह होगी।पृथ्वी पर 97 % पानी खारा है या पीने लायक नहीं है और मात्र 3% ही पीने लायक साफ़ पानी है।सूरज धरती का सबसे पास का तारा है।पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण शक्ति के कारण पर्वतों का 15,000 मीटर से ऊँचा हो पाना संभव नही है।पृथ्वी पर मापा गया सबसे कम तापमान – 89. 2 डिग्री सेल्सियस है।
सौरमंडल में पृथ्वी आकार में सबसे बड़े ग्रहों में पांचवे स्थान पर आती है।सूर्य का प्रकाश धरती पर पहुँचने में 8 मिनट 18 सेकंड लगते हैं।पृथ्वी अपना एक चक्कर 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकंड्स में पूरा करती है।सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में धरती को 365 दिन और 6 घंटे का समय लगता है। 6 घंटे जोड़-जोड़ कर जो एक दिन बढ़ता है। वह हर चौथे साल फ़रवरी में जोड़ दिया जाता है। वही फ़रवरी का महीना 29 दिन का होता है।पृथ्वी 1670 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से घूमती है।अगर चन्द्रमा पृथ्वी का उपग्रह नहीं होता तो धरती पर दिन लगभग 30 घंटों का होता।धरती पे मौजूद हर जीव में कार्बन जरूर है।पृथ्वी आकाश गंगा का टैकटोनिक प्लेटों की व्यवस्था वाला एकमात्र ग्रह है।1989 में रूस में मनुष्य द्वारा सबसे ज्यादा गहरा गड्ढा खोदा गया था। जिसकी गहराई 12.262 किलोमीटर थी।पृथ्वी के भू-भाग का सिर्फ 11 प्रतीशत हिस्सा ही भोजन उत्पादित करने के लिए उपयोग किया जाता है।धरती पर हर साल 5 लाख भूकंप आते हैं। इनमें से एक लाख भूकंप सिर्फ महसूस किए जाते हैं जबकि 100 विनाशकारी होते हैं।हर वर्ष लगभग 30,000 आकाशीय पिंड धरती के वायुमंडल मे दाखिल होते हैं। पर इनमें से ज्यादातर धरती के वायुमंडल के अंदर पहुँचने पर घर्षण के कारण जलने लगते है जिन्हें कई लोग ‘टूटता रा’ कह कर पुकारते हैं।
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई समुद्र स्तर से 8850 मीटर है।पर अगर बात करें पृथ्वी के केंद्र से अंतरिक्ष की दूरी की तो हम पाते हैं कि सबसे ऊंचा पर्वत इक्वाडोर का माउंट चिम्बोराजो है। इसकी ऊंचाई 6310 मीटर है।पृथ्वी की एक फोटो 3.7 बिलियन मील की दूरी से ली गयी थी। जिसका नाम ‘पेल ब्ल्यू डॉट’ है। यह अब तक की सबसे अधिक दूरी से ली गई धरती की तस्वीर है।अंतरिक्ष में मौजूद कचरे का एक टुकड़ा हर दिन पृथ्वी पर गिरता है। यह अनुमान नासा के वैज्ञानिकों ने लगाया है।पृथ्वी पर 1 सेकेंड में 100 बार और हर दिन 80.6 लाख बार आकाशीय बिजली गिरती है।पृथ्वी के केंद्र में इतना सोना मौजूद है जिससे 1.5 फीट की चादर से धरती की पूरी सतह को ढंका जा सकता है।इसका विषुवतीय / भूमध्यरेखीय व्यास 12,756 किलोमीटर और ध्रुवीय व्यास 12,714 किलोमीटर है।पृथ्वी अपने अक्ष पर 23 1º/2 झुकी हुई है।पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन, इसकी कक्षा पर झुके होने के कारण तथा सूर्य के सापेक्ष इसकी स्थिति में परिवर्तन यानि वार्षिक गति के कारण होती है। वार्षिक गति के कारण ही पृथ्वी पर दिन–रात छोटा–बड़ा होता है।आकार एवं बनावट की दृष्टि से पृथ्वी शुक्र के समान है।जल की उपस्थिति तथा अंतरिक्ष से नीला दिखाई देने के कारण इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है।सूर्य के बाद पृथ्वी के सबसे निकट का तारा ‘प्रॉक्सीमा सिंटोरी’ है, जो अल्फा सिंटोरी समूह का एक तारा है। यह पृथ्वी से 4.22 प्रकाश वर्ष दूर है।
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