विराट कोहली खेल रत्न, द्रविड़ द्रोणाचार्य और गावस्कर ध्यानचंद पुरस्कार के लिये नामित
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को राजीव गांधी खेल रत्न दिए जाने की सिफारिश की गई. इसके साथ ही बीसीसीआई द्वारा भारतीय ए टीम के कोच राहुल द्रविड़ को द्रोणाचार्य और पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर को ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार के लिये नामित किया गया.
भारतीय क्रिकेट टीम के तीनों प्रारूपों के कप्तान विराट कोहली को सर्वोच्च खेल पुरस्कार खेल रत्न देने की सिफारिश की गई है. बीसीसीआई द्वारा खेल रत्न के लिये वर्ष 2016 में विराट के नाम की सिफारिश की गई थी लेकिन उस वर्ष ओलंपिक वर्ष होने के कारण विराट की जगह दीपा करमाकर, पीवी सिंधू, जीतू राय और साक्षी मलिक को खेल रत्न से नवाज़ा गया था.
वहीं गत वर्ष 2017 में पैरा एथलीट देवेंद्र झांझरिया और हॉकी खिलाड़ी सरदार सिंह को खेल रत्न दिया गया था. बीसीसीआई ने इस वर्ष दोबारा से विराट को सर्वोच्च खेल पुरस्कार के लिये नामित किया है.
ध्यानचंद पुरस्कार
ध्यानचंद पुरस्कार, भारत का सर्वोत्त्म खेल पुरस्कार है जो किसी खिलाडी के जीवन भर के कार्य को गौरवान्वित करता है. आधिकारिक रूप से इसका नाम खेलों में जीवनगौरव ध्यानचंद पुरस्कार है. इस पुरस्कार का नाम भारत के प्रसिद्ध मैदानी हॉकी के खिलाडी ध्यानचंद सिंह (1905-1981) के नाम पर रखा गया है. खेल एवं युवा मंत्रालय सन् 2002 से ये पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रदान करता है. प्राप्तकर्ताओं का चयन मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति द्वारा किया जाता है और उनके सक्रिय खेल कार्यकाल के दौरान और सेवानिवृत्ति के बाद दोनों के लिए उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है. 2016 तक इस पुरस्कार में एक प्रतिमा, प्रमाण पत्र, औपचारिक पोशाक और 5 लाख का नकद पुरस्कार शामिल है.
राजीव गांधी खेल रत्न
राजीव गांधी खेल रत्न भारत में दिया जाने वाला सबसे बड़ा खेल पुरस्कार है. इसकी शुरुआत 1991-92 में की गई थी. इस पुरस्कार को भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया है. इस पुरस्कार मे एक पदक, एक प्रशस्ति पत्र और 7.5 लाख रुपय पुरुस्कृत व्यक्ति को दिये जाते है. भारत सरकार द्वारा सम्मानित व्यक्तियों को रेलवे की मुफ्त पास सुविधा प्रदान की जाती है जिसके तहत राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार एवं ध्यानचंद पुरस्कार विजेता राजधानी या शताब्दी गाड़ियों में प्रथम और द्वितीय श्रेणी वातानुकूलित कोचों में फ्री यात्रा कर सकते हैं. पहला राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार शतरंज ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद को दिया गया.
द्रोणाचार्य पुरस्कार
द्रोणाचार्य पुरस्कार, आधिकारिक तौर पर खेल और खेलों में उत्कृष्ट कोचों के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार के रूप में जाना जाता है. यह पुरस्कार द्रोण के नाम पर रखा गया है, जिसे अक्सर “द्रोणाचार्य” या “गुरु द्रोण” कहा जाता है, जो कि प्राचीन भारत के संस्कृत महाकाव्य महाभारत का एक पात्र है. 1985 में स्थापित,यह पुरस्कार केवल ओलम्पिक खेलों, पैरालिंपिक खेलों, एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों, विश्व चैम्पियनशिप और विश्व कप और क्रिकेट, स्वदेशी खेलों में शामिल विषयों को दिया जाता है. इस पुरस्कार में द्रोणाचार्य का एक कांस्य प्रतिमा, एक प्रमाण पत्र, औपचारिक पोशाक, और 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है.
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए सहमत
उत्तर और दक्षिण कोरियाई नेताओं ने ऐतिहासिक शिखर बैठक के बाद विभाजित प्रायद्वीप में स्थायी शांति और पूर्ण निरस्त्रीकरण की दिशा में आगे बढ़ने का इरादा व्यक्त किया. दोनों देशों को विभाजित करने वाली सैन्य विभाजक रेखा पर प्रतीकात्मक रूप से हाथ मिलाने के
साथ ही दोनों नेताओं ने पूर्ण निरस्त्रीकरण, परमाणु मुक्त कोरियाई प्रायद्वीप के साझा लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक घोषणा-पत्र भी जारी किया.
दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते वक्त दोनों नेताओं ने एक दूसरे को आभार व्यक्त किया. विश्व भर की मीडिया के सामने दोनों नेताओं ने शिखर वार्ता के समापन पर अपनी
मित्रता का प्रदर्शन किया. उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन ने इस बात पर भी सहमति जताई कि वे कोरियाई युद्ध के स्थायी समाधान की दिशा में इस साल प्रयास करेंगे और इसके सैन्य हल के बजाए शांतिपूर्ण संधि से इसे खत्म करने की दिशा में पहल की जाएगी.
बैठक के मुख्य बिंदु
• दोनों नेताओं ने कहा कि पतझड़ के मौसम में मून प्योंगयोंग का दौरा करेंगे.
• दोनों नेताओं ने ‘‘नियमित बैठकों और सीधे फोन वार्ता’’ करने पर भी सहमति जताई.
• इस तथाकथित पनमुंजोम घोषणा ने इस दिन को ऐतिहासिक बना दिया क्योंकि महज कुछ महीनों पहले तक इस पर कोई सोच भी नहीं सकता था जब उत्तर कोरिया लगातार मिसाइलों का परीक्षण कर रहा था और उसने अपना छठा परमाणु परीक्षण किया था.
• कोरिया युद्ध के लगभग 65 वर्ष बाद दक्षिण कोरिया की भूमि पर कदम रखने वाले किम पहले उत्तर कोरियाई शासक हैं. शिखर सम्मेलन के लिए पनमुंजम के युद्धविराम संधि के अधीन आने वाले गांव के दक्षिणी किनारे पर स्थित ‘ पीस हाउस बिल्डिंग ’ में दाखिल होने से पहले किम के आमंत्रण पर दोनों नेता एक साथ उत्तर कोरिया में दाखिल हुए
पृष्ठभूमि
इससे पूर्व दोनों कोरिया देशों के बीच वर्ष 2000 और 2007 में प्योंगयोंग में शिखर सम्मेलन हुआ था और इसका समापन भी ऐसे ही सोहार्द्रपूर्ण रूप से हुआ था लेकिन इस दौरान हुये समझौतों का परिणाम बेहतर नहीं रहा.
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