प्रमुख संविधान संशोधन
प्रथम संविधान संशोधन जुन, 1951 के अनुसार : राज्यों के भूमि सुधार कानूनों को नवीं अनुसूची में रखकर न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र से बाहर कर दिया।
सातवां(1956) : राज्यों का पुनर्गठन।
बाहरवां(1962) : पुर्तगाली अधिपत्य वाले गोआ, दमन तथा दीव को भारत का अंग बना लिया गया।
चैदवां(1962) : फ्रांसीसी अधिपत्य वाले पांडिचेरी को भारत का अंग बना लिया गया।
छब्बीसवां(1971) : राजाओं के प्रिवीसर्प तथा विशेषाधिकार समाप्त।
सताइसवां(1971) : पुर्वोतर राज्यों का पुनर्गठन किया गया।
पैंतीसवां(1974) : सिक्किम को सह: राज्य के रूप में भारत में सम्मिलित किया।
छतीसवां(1975) : सिक्किम को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
बयालिसवां(1976) : प्रस्तावना में पंथ निरपेक्ष, समाजवादी और अखंडता शब्द जोड़े गए। राष्ट्रपति मंत्रिमण्डल की सलाह मानने के लिए बाध्य।
मौलिक कर्तव्यों का समावेश।
चैबालीसवां(1978) : सम्पति के मौलिक अधिकार को समाप्त किया।
सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में और मंत्रिमंडल की लिखित सलाह पर आपात की घोषणा राष्ट्रपति करेगा।
बावनवां(1985) : दल: बदल विरोधी प्रावधान(दसवीं अनुसूची)।
अट्ठावनवां(1987) : भारतीय संविधान का हिन्दी में प्राधिकृत रूप के लिए प्रावधान।
इकसठवां(1989) : मताधिकार की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष की गई।
पैंसठवां(1990) : अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया।
उन्हतर(1991) : दिल्ली का नाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र किया गया तथा विधान सभा की स्थापना की गई।
तिहतरवां(1992) : पंचायती राज(ग्यारहवीं अनुसूची)।
चैहतरवां(1992) : नगर निकाय सम्बन्धी(बाहरवीं अनुसूची)।
उन्नासीवां(1999) : अनुसूचित जाति/जनजाति और एंग्लों इण्डियन के लिए लोक सभा और विधान सभाओं में सीटों का आरक्षण 2010 ई. तक बढ़ाया।
छियासीवां(2002) : राज्य द्वारा छ से चैदह साल तक के सभी बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रावधान।
नवासीवां(2003) : अनुसूचित जातियों के लिए पृथक राष्ट्रीय आयोग के गठन का प्रावधान।
इक्यानवेवां(2003) : दल बदल में केवल सम्पूर्ण दल के विलय को मान्यता। केन्द्र में लोक सभ तथा राज्य मेें विधान सभा की कुल सदस्या संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक मंत्री नहीं हो सकते।
बानवेवां(2003) : आठवीं अनुसूची में डोगरी, मैथिली, बोडो और संथाली भाषाओं का समावेश। कुल 22 भाषाएं।
तिरानवें वां(2005) : निजी शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण।
चैरानवे वां(2006) : जनजातियां हेतु पृथक मंत्रालय(मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, उड़ीसा व झारखण्ड)।
पिच्यानवें वां संशोधन(2009) : लोकसभा व विधानसभाओं में एस. सी. व एस. टी. व आंग्ल भारतीयों के लिए आरक्षरण 2020 तक वृद्धि।
108 वां संविधान संशोधन विधयेक(2008) : इसके अन्तर्गत लोक सभा व राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।
110 वां संविधान संशोधन विधेयक(2010) : स्थानीक निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान।
111 वां : सहकारी संस्थाओं के नियमित चुनाव और उनमें आरक्षण।
112 वां : नगर निकायों में महिलाओं के 33 प्रतिशत के स्थान पर 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान।
113 वां : आठवीं अनुसूची में उडि़या भाषा के स्थान पर ओडिया किया जाना।
114 वां : उच्च न्यायालयों में जजों की संवानिवृति आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किया जाना।
115 वां : वस्तु एवं सेवा कर हेतु परिषद व विवाद निस्तारण प्राधिकरण की स्थापना।
116 वां विधेयक, दिसम्बर 2011 : लोकपाल बिल लोकसभा ने पारित कर दिया है, राज्यसभा में विचाराधीन है।
117 वां संविधान संसोधन विधेयक 2012 : एस. सी. , एस. टी. को पदोन्नति में आरक्षण देने से सम्बन्धित।
अभी तक 97 संशोधन हुए हैं 97 वां संशोधन दिसम्बर 2011 में हुआ जो 12 जनवरी, 2012 से लागु हो गया।
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